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बहादुरगढ़: कांग्रेस नेता ने दीपेंद्र हुड्डा के सामने ही पार्टी छोड़ने का किया ऐलान - etvbharat

बहादुरगढ़ में कांग्रेस नेता सतीश छिकरा पिछले 17 दिनों से पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. उनका समर्थन करने के लिए कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे. इस दौरान ही उनके सामने सतीश छिकरा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया.

कांग्रेस नेता ने दीपेंद्र हुड्डा के सामने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान
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Published : Jul 23, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 12:36 PM IST

बहादुरगढ़: भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस बेहद निराशा और हताशा के दौर से गुजर रही है. लोकसभा चुनाव में हार के बाद से आए दिन कोई न कोई नेता पार्टी छोड़ कर जा रहा है. बहादुरगढ़ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीश छिकारा ने पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के सामने ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. सतीश छिकारा झज्जर जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन हैं. वे बहादुरगढ़ में 17 दिन से पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं.

पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा उनका समर्थन करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे थे. मौके पर ही कांग्रेस नेता सतीश छिकारा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. वहां मौजूद कुछ लोगों ने सतीश छिकारा को मनाने का भी प्रयास किया, लेकिन जब सतीश छिकारा नहीं माने तो सभी कांग्रेस कार्यकर्ता सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ धरना स्थल से रवाना हो गए.

इस पर सतीश छिकारा कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेता उन पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं, जिससे वे बेहद दुखी हैं. वे कांग्रेस पार्टी का टिकट लेने के लिए धरना नहीं दे रहे, बल्कि बहादुरगढ़ के लोगों की आवाज उठाने के लिए धरना दे रहे हैं और वे आगे भी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर लोगों की आवाज उठाते रहेंगे. वे सांसद दीपेंद्र हुड्डा के अब भी साथ हैं लेकिन वे कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं.

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वे बहादुरगढ़ में पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर चल रहे धरने का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं. जब वे सांसद थे तो उन्होंने बहादुरगढ़ का पूर्ण उत्तरी बाईपास पास करवाया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने बाईपास नहीं बनने दिया. इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा सतीश छिकरा पर कुछ भी नहीं बोले मीडिया से किनारा करते हुए निकल गए.

आपको बता दें कि सतीश छिकारा पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर वे हुड्डा गुट छोड़कर तंवर गुट में शामिल हो गए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा की खुलकर मदद की.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा सतीश छिकारा द्वारा आयोजित एक जनसभा में नहीं पहुंचे थे, जिसके बाद सतीश छिकारा की बहादुरगढ़ हल्के में खूब किरकिरी हुई थी. सतीश छिकारा बहादुरगढ़ हलके के अच्छे खासे वोट बैंक पर अपनी पकड़ रखते हैं. उनके कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने से आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.

बहादुरगढ़: भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस बेहद निराशा और हताशा के दौर से गुजर रही है. लोकसभा चुनाव में हार के बाद से आए दिन कोई न कोई नेता पार्टी छोड़ कर जा रहा है. बहादुरगढ़ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीश छिकारा ने पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के सामने ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. सतीश छिकारा झज्जर जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन हैं. वे बहादुरगढ़ में 17 दिन से पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं.

पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा उनका समर्थन करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे थे. मौके पर ही कांग्रेस नेता सतीश छिकारा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. वहां मौजूद कुछ लोगों ने सतीश छिकारा को मनाने का भी प्रयास किया, लेकिन जब सतीश छिकारा नहीं माने तो सभी कांग्रेस कार्यकर्ता सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ धरना स्थल से रवाना हो गए.

इस पर सतीश छिकारा कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेता उन पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं, जिससे वे बेहद दुखी हैं. वे कांग्रेस पार्टी का टिकट लेने के लिए धरना नहीं दे रहे, बल्कि बहादुरगढ़ के लोगों की आवाज उठाने के लिए धरना दे रहे हैं और वे आगे भी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर लोगों की आवाज उठाते रहेंगे. वे सांसद दीपेंद्र हुड्डा के अब भी साथ हैं लेकिन वे कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं.

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वे बहादुरगढ़ में पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर चल रहे धरने का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं. जब वे सांसद थे तो उन्होंने बहादुरगढ़ का पूर्ण उत्तरी बाईपास पास करवाया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने बाईपास नहीं बनने दिया. इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा सतीश छिकरा पर कुछ भी नहीं बोले मीडिया से किनारा करते हुए निकल गए.

आपको बता दें कि सतीश छिकारा पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर वे हुड्डा गुट छोड़कर तंवर गुट में शामिल हो गए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा की खुलकर मदद की.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा सतीश छिकारा द्वारा आयोजित एक जनसभा में नहीं पहुंचे थे, जिसके बाद सतीश छिकारा की बहादुरगढ़ हल्के में खूब किरकिरी हुई थी. सतीश छिकारा बहादुरगढ़ हलके के अच्छे खासे वोट बैंक पर अपनी पकड़ रखते हैं. उनके कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने से आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.

Intro:कांग्रेस नेता सतीश छिकारा ने पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के सामने किया कांग्रेस छोड़ने का ऐलान
जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन हैं सतीश छिकारा।
पूर्ण उत्तरी बाईपास संघर्ष समिति के धरने के दौरान पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के समक्ष कांग्रेस छोड़ने का किया ऐलान।
17 दिन से बहादुरगढ़ में पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को सतीश छिकारा दे रहे हैं धरना।
कहा- वे तन-मन-धन से दीपेंदर हुड्डा के साथ।
लेकिन कुछ स्थानीय कांग्रेस नेता कर रहे उनका दुष्प्रचार।
कहा- पार्टी की टिकट के लिए नही बल्कि जनहित के मुद्दों के लिए दे रहे धरना।
आगे भी सामाजिक कार्यकर्ता बनकर उठाएंगे लोगों की आवाज।
सतीश छिकारा के कांग्रेस छोड़ने के सवाल को टाल गए दीपेंदर हुडा।
कहा- ये सवाल आप उनसे ही पूछें।Body:भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस बेहद निराशा और हताशा के दौर से गुजर रही है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आए दिन कोई न कोई नेता पार्टी छोड़ने का ऐलान कर ही देता है। बहादुरगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीश छिकारा ने पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के सामने ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया। सतीश छिकारा झज्जर जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन हैं और वे बहादुरगढ़ में 17 दिन से पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।

आज पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा उनका समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे थे। जहां कांग्रेस नेता सतीश छिकारा ने पार्टी छोड़ने का ही एलान कर दिया। वहां मौजूद कुछ लोगों ने सतीश छिकारा को मनाने का भी प्रयास किया। लेकिन जब सतीश छिकारा नहीं माने तो सभी कांग्रेस कार्यकर्ता सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ धरना स्थल से रवाना हो गए। जब सतीश छिकारा से पार्टी छोड़ने के संबंध में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि स्थानीय कांग्रेस नेता उन पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं, जिससे वे बेहद दुखी हैं। उनका कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी का टिकट लेने के लिए धरना नहीं दे रहे, बल्कि बहादुरगढ़ के लोगों की आवाज उठाने के लिए धरना दे रहे हैं। और वे आगे भी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। वह पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के अब भी साथ हैं लेकिन वे कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं।

धरने पर पहुंचे पूर्व सांसद है दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि वे बहादुरगढ़ में पूर्ण उत्तरी बाईपास बनाने की मांग को लेकर चल रहे धरने का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। उनका कहना है कि जब वे सांसद थे तो उन्होंने बहादुरगढ़ का पूर्ण उत्तरी बाईपास पास करवाया था। लेकिन बीजेपी सरकार ने यह बाईपास नहीं बनने दिया। लोकसभा चुनाव में हार को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश में वे खुद बीजेपी का विकल्प है और आने वाले विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी। लेकिन कांग्रेस नेता सतीश छिकारा के पार्टी छोड़ने के सवाल का जवाब देने से वे बच निकले। दीपेंद्र हुड्डा से सवाल पूछे जाने के बाद उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब तो स्वयं सतीश छिकारा ही देंगे।

हम आपको बता दें कि सतीश छिकारा पिछले काफी लंबे समय से कांग्रेस नेता के रूप में क्षेत्र में काम करते रहे हैं और सामाजिक मुद्दों को लेकर भी लोगों की आवाज लगातार उठाते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर वह हुड्डा गुट छोड़कर तवर गुट में शामिल हो गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा की खुलकर मदद की। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भी पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा सतीश छिकारा द्वारा आयोजित एक जनसभा में नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद सतीश छिकारा की बहादुरगढ़ हल्के में खूब किरकिरी हुई थी। सतीश छिकारा बहादुरगढ़ हल्के के अच्छे खासे वोट बैंक पर अपनी पकड़ रखते हैं। उनके कांग्रेश छोड़ने का ऐलान करने से आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बाइट:- सतीश छिकारा पूर्व कांग्रेस नेता और दीपेंद्र हुड्डा पूर्व सांसद
प्रदीप धनखड़
बहादुरगढ़।Conclusion: सतीश छिकारा बहादुरगढ़ हल्के के अच्छे खासे वोट बैंक पर अपनी पकड़ रखते हैं। उनके कांग्रेश छोड़ने का ऐलान करने से आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Last Updated : Jul 31, 2019, 12:36 PM IST
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