झज्जर: हरियाणा सरकार भले ही एक क्लिक पर ऑनलाइन ट्रांसफर करने, प्रदेश के स्कूलों की इमारतों की अच्छी हालत होने के साथ-साथ शिक्षा में सुधार के लंबे-चौड़े दावे कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन अभी भी हरियाणा में कई गांवों के सरकारी स्कूलों की इमारतें कंडम होने के बावजूद भी इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भय के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.
2 साल से बाहर बैठकर पढ़ रहे हैं बच्चे
झज्जर के गांव ग्वालीशन के सरकारी स्कूल की इमारत को कंडम घोषित करने के बाद यहां बच्चे खुले आसमान के नीचे बोरियों पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं. इस इमारत को करीब दो साल पहले कंडम घोषित किया गया था. उसके बाद ग्राम पंचायत ने इसके चारों तरफ से तारबंदी करा दी, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद न तो इमारत ही बन पाई और न ही मासूमों को धूप व बरसात से बचने का कोई उपाय किया गया.
शिक्षा मंत्री से की अपील
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने खुद शिक्षा मंत्री से अपील कर इस ओर ध्यान देने को कहा है. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीणों व अभिभावकों ने एक सुर में कहा कि आने वाले चुनाव में सरकार को आइना दिखाया जाएगा. बार-बार निवेदन करने और शिकायत देने के बावजूद भी इस इमारत को ठीक नहीं करवाया जा रहा है. बच्चे कड़ी धूप में भी बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.
बारिश होने पर कर दी जाती है स्कूल की छुट्टी
इस स्कूल के इंचार्ज राजकुमार का कहना है कि विभाग द्वारा उनके स्कूल की इमारत बनवाने के लिए पत्र तो आया है लेकिन इमारत कब बनेगी इस बात की सूचना उनके पास नहीं है. इमारत ठीक न होने की वजह से मासूम बच्चे काफी परेशान हैं और धूप में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बरसात होती है बच्चों की छुट्टी भी करनी पड़ती है.
स्कूल की इमारत कंडम होने की वजह से अभिभावक इस स्कूल में बच्चों को भेजने से कतराते हैं लेकिन मजबूरी में भेजना पड़ता है. यहां धूप में बैठकर बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बारिश आने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. सरकार कितने ही बड़े-बड़े दावे क्यों ने कर ले लेकिन झज्जर के इस स्कूल की ये तस्वीरें प्रदेश के स्कूलों की सच्चाई बयां कर रही है.