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खुले आसमान के नीचे बोरियों पर बैठकर पढ़ने को मजबूर बच्चे, क्या ऐसे शिक्षित होंगे नैनिहाल ? - धूप में पढ़ते बच्चे

झज्जर के गांव ग्वालीशन के सरकारी स्कूल में हरियाणा सरकार के आधुनिक स्कूलों और बेहतर शिक्षा देने के दावों की पोल खुल रही है. यहां बच्चे धूप में भी बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

jhajjar school
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Published : Jul 29, 2019, 11:49 PM IST

झज्जर: हरियाणा सरकार भले ही एक क्लिक पर ऑनलाइन ट्रांसफर करने, प्रदेश के स्कूलों की इमारतों की अच्छी हालत होने के साथ-साथ शिक्षा में सुधार के लंबे-चौड़े दावे कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन अभी भी हरियाणा में कई गांवों के सरकारी स्कूलों की इमारतें कंडम होने के बावजूद भी इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भय के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.

यहां देखें वीडियो.

2 साल से बाहर बैठकर पढ़ रहे हैं बच्चे
झज्जर के गांव ग्वालीशन के सरकारी स्कूल की इमारत को कंडम घोषित करने के बाद यहां बच्चे खुले आसमान के नीचे बोरियों पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं. इस इमारत को करीब दो साल पहले कंडम घोषित किया गया था. उसके बाद ग्राम पंचायत ने इसके चारों तरफ से तारबंदी करा दी, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद न तो इमारत ही बन पाई और न ही मासूमों को धूप व बरसात से बचने का कोई उपाय किया गया.

शिक्षा मंत्री से की अपील
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने खुद शिक्षा मंत्री से अपील कर इस ओर ध्यान देने को कहा है. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीणों व अभिभावकों ने एक सुर में कहा कि आने वाले चुनाव में सरकार को आइना दिखाया जाएगा. बार-बार निवेदन करने और शिकायत देने के बावजूद भी इस इमारत को ठीक नहीं करवाया जा रहा है. बच्चे कड़ी धूप में भी बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

बारिश होने पर कर दी जाती है स्कूल की छुट्टी
इस स्कूल के इंचार्ज राजकुमार का कहना है कि विभाग द्वारा उनके स्कूल की इमारत बनवाने के लिए पत्र तो आया है लेकिन इमारत कब बनेगी इस बात की सूचना उनके पास नहीं है. इमारत ठीक न होने की वजह से मासूम बच्चे काफी परेशान हैं और धूप में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बरसात होती है बच्चों की छुट्टी भी करनी पड़ती है.

स्कूल की इमारत कंडम होने की वजह से अभिभावक इस स्कूल में बच्चों को भेजने से कतराते हैं लेकिन मजबूरी में भेजना पड़ता है. यहां धूप में बैठकर बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बारिश आने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. सरकार कितने ही बड़े-बड़े दावे क्यों ने कर ले लेकिन झज्जर के इस स्कूल की ये तस्वीरें प्रदेश के स्कूलों की सच्चाई बयां कर रही है.

झज्जर: हरियाणा सरकार भले ही एक क्लिक पर ऑनलाइन ट्रांसफर करने, प्रदेश के स्कूलों की इमारतों की अच्छी हालत होने के साथ-साथ शिक्षा में सुधार के लंबे-चौड़े दावे कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन अभी भी हरियाणा में कई गांवों के सरकारी स्कूलों की इमारतें कंडम होने के बावजूद भी इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भय के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.

यहां देखें वीडियो.

2 साल से बाहर बैठकर पढ़ रहे हैं बच्चे
झज्जर के गांव ग्वालीशन के सरकारी स्कूल की इमारत को कंडम घोषित करने के बाद यहां बच्चे खुले आसमान के नीचे बोरियों पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं. इस इमारत को करीब दो साल पहले कंडम घोषित किया गया था. उसके बाद ग्राम पंचायत ने इसके चारों तरफ से तारबंदी करा दी, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद न तो इमारत ही बन पाई और न ही मासूमों को धूप व बरसात से बचने का कोई उपाय किया गया.

शिक्षा मंत्री से की अपील
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने खुद शिक्षा मंत्री से अपील कर इस ओर ध्यान देने को कहा है. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीणों व अभिभावकों ने एक सुर में कहा कि आने वाले चुनाव में सरकार को आइना दिखाया जाएगा. बार-बार निवेदन करने और शिकायत देने के बावजूद भी इस इमारत को ठीक नहीं करवाया जा रहा है. बच्चे कड़ी धूप में भी बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

बारिश होने पर कर दी जाती है स्कूल की छुट्टी
इस स्कूल के इंचार्ज राजकुमार का कहना है कि विभाग द्वारा उनके स्कूल की इमारत बनवाने के लिए पत्र तो आया है लेकिन इमारत कब बनेगी इस बात की सूचना उनके पास नहीं है. इमारत ठीक न होने की वजह से मासूम बच्चे काफी परेशान हैं और धूप में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बरसात होती है बच्चों की छुट्टी भी करनी पड़ती है.

स्कूल की इमारत कंडम होने की वजह से अभिभावक इस स्कूल में बच्चों को भेजने से कतराते हैं लेकिन मजबूरी में भेजना पड़ता है. यहां धूप में बैठकर बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बारिश आने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. सरकार कितने ही बड़े-बड़े दावे क्यों ने कर ले लेकिन झज्जर के इस स्कूल की ये तस्वीरें प्रदेश के स्कूलों की सच्चाई बयां कर रही है.

Intro:ग्वालीशन में शिक्षा विभाग का दावा हुआ तार-तार
: खुले आसमान के नीचे बोरियों पर बैठकर मासूम कर रहे है शिक्षा ग्रहण
: कंडम घोषित होने के बाद स्कूल इमारत की हो रखी है तारबंदी
: ग्रामीण बोले,विस चुनाव में दिखाएगें सरकार को आईना
एंकर
बेशक हरियाणा सरकार स्कूल शिक्षकों के एक क्लिक पर ऑन लाईन ट्रांसफर करने व प्रदेश की सरकारी स्कूलों की इमारतों की अच्छी हालत होने के साथ-साथ स्कूलों में शिक्षा सुधार के लंबे-चौड़े दावे कर अपनी पीठ स्वयं ही थपथपा रही हो,लेकिन यह भी एक कड़वी सच्चाई ही है कि आज भी हरियाणा में कई गांवों की सरकारी स्कूल की इमारते कंडम होने के बावजूद भी इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चें भय के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। ऐसा ही गांव है झज्जर के गांव ग्वालीशन का सरकारी स्कूल। इस स्कूल की जर्जर हाल इमारत को कंडम घोषित किए हुए लंबा अरसा हो गया है,लेकिन इस स्कूल में पढऩे वाले स्कूली बच्चें जर्जर हाल इमारत के बाहर खुले आसमान के नीचे जमीन पर बिछी बोरियों पर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। Body:स्कूल की इमारत को करीब दो साल पहले कंडम घोषित किया गया था। उसके बाद ग्राम पंचायत ने स्कूल की जर्जर हाल इमारत की चारों तरफ से तारबंदी करा दी। लेकिन दो साल बीतने के बावजूद न तो इमारत ही बन पाई और न हीं मासूमों को धूप व बरसात से बचने का कोई उपाय किया गया। हालत यह है कि गरमी के मौसम में बच्चे खुले आसमान के नीचे जमीन पर बिछी बोरियों पर ही बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बरसात आती है तो बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है। सोमवार को स्कूल के हालात जानने जब मीडिया कर्मी स्कूल में पहुंचे तो काफी संख्या में ग्रामीण वहां पर एकत्रित हो गए। यहां उन्होंने मीडिया के सामने सरकार की कार्यशैली को लेकर जमकर अपनी भड़ास निकाली। ग्रामीणों व खासकर महिलाओं का कहना था कि इस बार विस चुनाव में सरकार को उसकी निष्क्रिय कार्यशैली का आईना दिखाएगें। उधर स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों का कहना है कि स्कूल की इमारत न होने की वजह से बच्चों के दाखिले पर इसका प्रभाव पड़ा है और बच्चों की संख्या निरन्तर घटती जा रही है।
बाइट- राजरानी ग्रामीण महिला , छात्रा अनु ,
बाइट- अध्यापिका पूनम

प्राइमरी स्कुल की इंचाज अनिल कुमारी का कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग कंडम होने की वजह से बच्चों की संख्या निरन्तर घटती जा रही है। धूप में बैठकर बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बरसात आने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है। अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल की इमारत जर्जर हाल होने की वजह से भेजने से कतराते है।
बाइट- प्राईमरी इंचार्ज अनिल कुमारी

स्कुल इंचार्ज राजकुमार का कहना है कि विभाग द्वारा उनके स्कूल की इमारत बनवाने के लिए लिखित में पत्र तो आया है कि स्कूल की इमारत जल्द ही बनवा दी जाएगी। लेकिन इमारत कब बनेगी इस बात की सूचना उनके पास नहीं है। इमारत न होने की वजह से मासूम बच्चें काफी परेशान है और वह धूप में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बरसात होती है तो बच्चें काफी परेशान हो जाते है। जिसके चलते उन्हें बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है।
बाइट- राजकुमार इंचार्ज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय,ग्वालीशन

गांव के सरपंच धनराज का कहना है कि इस स्कूल की इमारत काफी जर्जर हाल है। इमारत कंडम घोषित हो चुकी है। स्कूल की इमारत के निर्माण के लिए ग्रांट आ चुकी है। उम्मीद यही है कि जल्द ही स्कूल की इमारत के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बाइट- धनराज सरपंच गांव ग्वालीशन
प्रदीप धनखड़
झज्जरConclusion: स्कूल की बिल्डिंग कंडम होने की वजह से बच्चों की संख्या निरन्तर घटती जा रही है। धूप में बैठकर बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बरसात आने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है। अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल की इमारत जर्जर हाल होने की वजह से भेजने से कतराते है।
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