झज्जरः बहादुरगढ़ में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल लगातार दूसरे दिन भी जारी है. ऑल इंडिया ट्रक वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर 11 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रांसपोर्ट यूनियन हड़ताल पर हैं. बहादुरगढ़ में हड़ताल का पूरा असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल के कारण औद्योगिक क्षेत्र बहादुरगढ़ से करीब 100 करोड़ से ज्यादा की माल की ढुलाई का काम बाधित है. जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
19 यूनियन हड़ताल पर
बहादुरगढ़ में ट्रक और टेंपो की छोटी बड़ी 19 यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ट्रांसपोर्ट यूनियन नए परिवहन कानून, डीजल रेट की बढ़ोतरी, टोल टैक्स और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बढ़ाने का विरोध कर रही हैं. यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि वे पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. अक्टूबर महिने में दिल्ली के जंतर मंतर पर भी सरकार के नुमाइंदों और ट्रांसपोर्ट यूनियनों के पदाधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया.
ये हैं मुख्य मांगें
हड़तालियों का कहना है कि उन्हें मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है. उनका कहना है कि नए परिवहन कानून के हिसाब से ट्रक मालिक और चालक दोनों पर ही जुर्माना लगाया जाता है. जिसकी वजह से भारी भरकम जुर्माना उन्हें भरना पड़ रहा है. उन्होंने धारा 144ई को भी खत्म करने की मांग की है. इतना ही नहीं पहले 25 टन क्षमता वाले एक ट्रक पर सालाना न्यूनतम आय 90 हजार आंकी जाती थी, जिसे बढ़ाकर अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है. जिसके कारण ट्रांसपोर्टरों को ज्यादा टैक्स अदा करना पड़ रहा है.
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सरकार की घोषणाओं के भार तले चालक!
ट्रक यूनियन प्रधान भूप सिंह दलाल ने बताया कि जगह-जगह टोल टैक्स लगाए गए हैं और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि भी बढ़ा दी गई है. जिससे ट्रक मालिकों को अपने ट्रकों की बैंक की किस्तें भरने के लिए भी इधर उधर से इंतजाम करना पड़ रहे हैं. साथ ही सरकार द्वारा उन पर अतिरिक्त भार लाद दिया गया है. जिससे उनका जीना दूभर हो गए हैं. भूप सिंह दलाल का कहना है कि आज के दिन ट्रक और टेंपो चलाना आसान नहीं रहा इसलिए उन्होंने सरकार से चालान और टैक्स में छूट देने की मांग भी की है.
बता दें कि बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां रोजाना ढाई से तीन हजार गाड़ियां लोड और अनलोड होती हैं. ट्रांसपोर्ट उद्योग के माध्यम से ही यहां करीब 10 हजार परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है. जिसपर अब संकट आन खड़ा हुआ है.