हिसार: हरियाणा में इस साल जनवरी का मौसम कुछ अलग रंग दिखा रहा है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में ठंड और कोहरे दोनों का असर है. प्रदेश में चल रही शीतलहर की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शुक्रवार को कई जिलों में धुंध और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी भी कम हो गई. जिससे वाहनों की रफ्तार रोक दी है. आलम यह है कि गाड़ी चलाने वाले लोग लाइट ऑन कर चल रहे हैं. हवा में नमी की वजह से हिसार व आसपास के क्षेत्र में अलसुबह कोहरे के कारण विजिबिलिटी 20 से 30 मीटर तक की ही रही है.
प्रदेश के अधिकतर जिलों में अगले 2 से 3 दिन तक बादल रहने की संभावना है. जिससे दिन के तापमान हल्की गिरावट और रात्रि तापमान में बढ़ोतरी होगी. जिससे लोगों को अगले हफ्ते तक ठंड से राहत मिलने के आसार हैं. गुरूवार को हिसार का अधिकतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 0.3 डिग्री कम रहा. वहीं न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.1 डिग्री नीचे रहा.
मौसम विभाग ने 22 जनवरी को प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो उत्तर हरियाणा में येलो अलर्ट जारी किया गया है. इनमें पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और करनाल का जिला शामिल है. वहीं दक्षिण व दक्षिण पूर्व हरियाणा में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है. यहां गरज चमक के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरूग्राम, झज्जर, फरीदाबाद, रोहतक, नूंह, पलवल सोनीपत, पानीपत के जिले शामिल हैं. अगर बात पश्चिम व दक्षिण पश्चिम हरियाणा में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम की विभाग की मानें तो सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, चरखी दादरी में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव व वातावरण में नमी की मात्रा ज्यादा होने से यह हल्की बारिश हुई है. इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में 21 जनवरी रात व 22 जनवरी को हवाओं व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है. 23 जनवरी को पूर्वी हरियाणा के जिलों और एनसीआर दिल्ली पर प्रभाव ज्यादा रहेगा. 24 जनवरी से इस मौसमी प्रणाली का प्रभाव सूबे से हटाना शुरू हो जाएगा केवल बादल रहने की संभावनाएं हैं.
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ओलावृष्टि की संभावना ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है. अगर ओलावृष्टि या अगर तेज हवाओं के साथ बरसात होती है तो अगेती सरसों की फसल खराब हो सकती है. तेज बारिश व हवा की वजह से सरसों की फसल जमीन पर बिछ जाएगी और पानी खड़ा होने की वजह से फलियां गल जाएगी.
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