हिसार: टीजीटी ऑनलाइन एग्जाम को सॉल्व करते हुए पांच युवकों को पानीपत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. केंद्रीय विद्यालय संगठन की टीजीटी भर्ती परीक्षा अमृतसर में चल रही थी. उसी दौरान सूचना मिलते ही पुलिस ने पांचों को अपने कब्जे में ले लिया है. पुलिस ने पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है. पकड़े गए आरोपियों में कपिल, हिसार के हरिकेश, अमृतसर के मनबीर को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है. वहीं, भिवानी के आनंद, हिसार के प्रदीप को जेल भेजा है. बताया जा रहा है कि सॉल्वर चार दिन से समालखा में टेन स्पून ढाबे में रह रहे थे. यहीं बैठकर आरोपी आईडी के माध्यम से परीक्षार्थी का कंप्यूटर रिमोट पर लेकर पेपर सॉल्व करते थे.
हिसार का कपिल है मास्टरमाइंड: एसपी शशांक कुमार सावन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी है. पीसी में उन्होंने बताया है कि समालखा की एक महिला कॉन्स्टेबल और उसके पति ने भी सॉल्वर गैंग से सेटिंग की हुई थी. दोनों ने 14 फरवरी को पहली शिफ्ट में टीजीटी (गणित) की परीक्षा दी थी. कॉन्स्टेबल का कंप्यूटर तो सॉल्वर ने रिमोट पर ले लिया था, पर उसके पति का कंप्यूटर नहीं खुल सका. इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी.
इसके बाद शाम 4 बजे पुलिस ने समालखा के टेन स्पून ढाबे के कमरा नंबर-102 से 5 सॉल्वर गिरफ्तार किए. उस समय सॉल्वर टीजीटी संस्कृत, फिजिकल एंड हेल्थ एजुकेशन का प्रश्न पत्र हल कर रहे थे. आरोपियों में तीन हिसार, एक भिवानी और एक पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है. कमरे में 17 लैपटॉप मिले हैं. पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने पेपर सॉल्व के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 12 लाख रुपये में डील की थी.
यह भी पढ़ें-TGT Exam 2023: ऑनलाइन TGT परीक्षा को होटल से किया जा रहा था सॉल्व, 5 आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार
आरोपियों ने काफी पैसा एडवांस भी लिया था. एसपी ने बताया कि हिसार के नारनौंद के खांडा खेडी का कपिल मास्टरमाइंड है. वह अगस्त 2020 में पीटीआई की परीक्षा में हुई धांधली में भी पकड़ा गया था. मार्च 2021 में जेल से जमानत पर छूटा. उसके बाद फिर उसी धंधे में लग गया.
ऑनलाइन परीक्षा में ऐसे लगाते थे सेंध: जानकारी के अनुसार परीक्षा शुरू होने से पहले ही सेंटिग किए कैंडिडेट के सीपीयू में लगे जैमर को कस्टमाइज करने के बाद उसमें एक केबल लगाया जाता है. उसके बाद उसमें एनी डेस्क या एमई एडमिन को अपलोड कराया जाता है, जो सेंटर के इंटरनेट को बाइपास कर देता है.
सॉल्वर गैंग का गढ़ बना प्रदेश: पेपर लीक व सॉल्वर गैंग पर सरकार व सुरक्षा एजेंसियां रोक नहीं लगा पा रही है. विपक्ष मौजूदा सरकार में 28 भर्तियों के पेपर लीक होने का आरोप लगा चुका है. लेकिन सरकार ने ग्राम सचिव, एएलएम, यूडीसी व पुलिस की भर्ती के पेपर ही लीक माने हैं. प्रदेश में जेईई, नीट, एयरफोर्स आदि के ऑनलाइन पेपर सॉल्व कराने वाले गैंग भी पकड़े गए हैं. पेपर लीक व सॉल्व करने के सबसे ज्यादा मामले कैथल, पानीपत, सोनीपत व जींद से मिले हैं. अभी तक अलग-अलग मामलों में 223 गिरफ्तारी हुई हैं.
पुलिस भर्ती मामला: कैथल में हरियाणा पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. यह प्रदेश का सबसे बड़ा पेपर लीक मामला था. इसके तार जम्मू-कश्मीर तक जुड़े थे. मामले में 154 लोग गिरफ्तार किए गए थे. ग्राम सचिव पेपर लीक दूसरा बड़ा मामला था. पानीपत में ग्राम सचिव की परीक्षा लीक हुई थी. यह परीक्षा रद् करनी पड़ी थी. 14 लोग इसमें गिरफ्तार हुए थे.
एएलएम और यूडीसी: एएलएम और यूडीसी की भर्ती परीक्षाएं भी लीक हुईं. एएलएम पेपर लीक मामले में 5 और यूडीसी पेपर लीक मामले में 6 गिरफ्तारी हुई है. इसके अलावा पिछले साल सोनीपत में जेईई, नीट जैसी परीक्षाओं के ऑनलाइन पेपर सॉल्व कराने वाला गैंग पकड़ा गया था. इसमें दिल्ली पुलिस के जवान समेत 28 लोग पकड़े गए. पानीपत में एयरफोर्स का पेपर सॉल्व कराने के मामले में 11 लोग अरेस्ट हुए थे.