हिसार: ट्रेड यूनियन के आह्वान पर प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. बैंक, डाक, नगर निगम और रोडवेज के कर्मचारी स्ट्राइक पर हैं. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हिसार डिपो में भी रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम रखा.
हिसार डिपो पर रहा चक्का जाम
हालांकि कुछ रूटों पर होमगार्ड की मदद से बसें चलवाई गईं, लेकिन कर्मचारी पूरी तरह से हड़ताल पर रहे. रोडवेज कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से विभागों का निजीकरण किए जाने के विरोध में ये राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई है. उन्होंने कहा कि हिसार में लगभग 80 प्रतिशत तक हड़ताल सफल रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो ये हड़ताल और लंबी चल सकती है.
ट्रेड यूनियनों की मांग क्या है?
जिन ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, उनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है. स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है. यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए.
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यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं
आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना
पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाना
इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना
इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है
यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह की मांग
यूनियन की कुछ और मांगें
सोशल हेल्थ सर्विस में खुद को शामिल करना
मजदूरों को मिड डे मील मिलना
6000 रुपये की न्यूनतम पेंशन
पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्ज का विरोध