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पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज किए जा रहे हैं मुकदमे, जानें सजा का प्रावधान

हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 188, सीआरपीसी की धारा 144 और एयर पॉल्यूशन की धारा 39 के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.

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Published : Nov 8, 2019, 2:18 AM IST

Updated : Nov 8, 2019, 8:48 AM IST

राली जलाने और एयर पोल्यूशन करने पर सजा का प्रावधान

हिसारः स्मॉग की समस्या से पूरा उत्तर भारत कुछ दिनों तक जूझता रहा. देश की राजधानी दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो गई थी. इसमें सभी कारणों में से एक किसानों की तरफ से जलाई जाने वाली पराली को माना गया. स्मॉग कि इस विकराल समस्या को देखते हुए देश की सबसे बड़ी कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और हरियाणा सहित दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों को इसकी रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने के लिए कहा गया.

प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. इन धाराओं में सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. एडवोकेट गौरव नैन ने पराली जलाए जाने पर विभिन्न धाराओं और उनमें सजा के साथ जुर्माने की जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 188, सीआरपीसी की धारा 144 और एयर पॉल्यूशन की धारा 39 के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.

जानकारी देते एडवोकेट गौरव नैन

आईपीसी की धारा 188 के तहत 1 महीने की सजा और 200 रुपए का जुर्माना किया जा सकता है. वहीं दोबारा किए गए अपराध पर 6 महीने की सजा और 200 रुपए जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है. ये जमानती धारा और मजिस्ट्रेट ट्रायल है.

वहीं जिन जिलों में पराली जलाए जाने को लेकर धारा 144 लागू होती है, वहां पराली जलाए जाने पर धारा 188 के अनुसार दंड का प्रावधान है. एयर पोल्यूशन एक्ट के अनुसार 3 महीने की सजा या 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. यदि दोबारा ऐसा किया जाए तो 6 महीने की सजा और 5 हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान है

हिसारः स्मॉग की समस्या से पूरा उत्तर भारत कुछ दिनों तक जूझता रहा. देश की राजधानी दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो गई थी. इसमें सभी कारणों में से एक किसानों की तरफ से जलाई जाने वाली पराली को माना गया. स्मॉग कि इस विकराल समस्या को देखते हुए देश की सबसे बड़ी कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और हरियाणा सहित दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों को इसकी रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने के लिए कहा गया.

प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. इन धाराओं में सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. एडवोकेट गौरव नैन ने पराली जलाए जाने पर विभिन्न धाराओं और उनमें सजा के साथ जुर्माने की जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 188, सीआरपीसी की धारा 144 और एयर पॉल्यूशन की धारा 39 के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.

जानकारी देते एडवोकेट गौरव नैन

आईपीसी की धारा 188 के तहत 1 महीने की सजा और 200 रुपए का जुर्माना किया जा सकता है. वहीं दोबारा किए गए अपराध पर 6 महीने की सजा और 200 रुपए जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है. ये जमानती धारा और मजिस्ट्रेट ट्रायल है.

वहीं जिन जिलों में पराली जलाए जाने को लेकर धारा 144 लागू होती है, वहां पराली जलाए जाने पर धारा 188 के अनुसार दंड का प्रावधान है. एयर पोल्यूशन एक्ट के अनुसार 3 महीने की सजा या 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. यदि दोबारा ऐसा किया जाए तो 6 महीने की सजा और 5 हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान है

Intro:एंकर - स्मॉग की समस्या से पूरा उत्तर भारत कुछ दिनों तक जूझता रहा। देश की राजधानी दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो गई थी। इसमें सभी कारणों में से एक किसानों की तरफ से चलाई जाने वाली पराली को माना गया। स्मॉग कि इस विकराल समस्या को देखते हुए देश की सबसे बड़ी कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और हरियाणा सहित दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों को इसकी रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने के लिए कहा गया। प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इन धाराओं में सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। कानूनी जानकारों के अनुसार पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध धारा 144, धारा 188 और एयर पॉल्यूशन एक्ट के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

वीओ - एडवोकेट गौरव नैन ने पराली जलाए जाने पर विभिन्न धाराओं और उनमें सजा के साथ जुर्माने की जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 188, सीआरपीसी की धारा 144 और एयर पोलूशन की धारा 39 के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। आईपीसी की धारा 188 के तहत 1 महीने की सजा और 200 रुपए का जुर्माना किया जा सकता है। वहीं दोबारा किए गए अपराध पर 6 महीने की सजा और 200 रुपए जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। यह जमानती धारा और मजिस्ट्रेट ट्रायल है।




Body:वहीं जिन जिलों में पराली जलाए जाने को लेकर धारा 144 लागू होती है। वहां पराली जलाए जाने पर धारा 188 के अनुसार दंड का प्रावधान है। एयर पॉल्यूशन एक्ट के अनुसार 3 महीने की सजा या 10000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। यदि दोबारा ऐसा किया जाए तो सजा 6 महीने और 5000 रुपए प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान है

बाइट - गौरव नैन, एडवोकेट।


Conclusion:
Last Updated : Nov 8, 2019, 8:48 AM IST
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