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आम बजट 2021: 'स्वास्थ्य सेवाएं, पेंशन सुविधा, बैंकिंग सुविधा को दुरुस्त कर टैक्स दरों में राहत दे सरकार' - केद्रीय बजट 2021

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करेंगी. हिसार की जनता ने ईटीवी भारत के जरिए देश की वित्त मंत्री से मांग की कि इस बार बजट का असर गरीब जनता और किसानों तक भी हो.

people demanded tax relief hisar
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Published : Jan 31, 2021, 7:31 PM IST

हिसार: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट का हर वर्ग को बेसब्री से इंतजार है. ये बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जब देश कोरोना काल से निकलने की कोशिश कर रहा है और नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला है. ऐसे में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि किसानों को लेकर बजट में क्या घोषणा की जा सकती है? चलिए सबसे पहले जानते हैं कि किसानों को इस बार के बजट से क्या-क्या उम्मीदें हैं.

युवा वर्ग को क्या हैं उमीदें?

युवा वर्ग चाहता है कि सरकार ऐसी योजनाएं शुरू करे जिससे नई नौकरियों का सृजन हो सके. बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं और कुछ ऐसे हैं जिन्हें उनके मन मुताबिक नौकरी नहीं मिल रही है. जो छोटे उद्योग धंधे लॉकडाउन में बंद हुए थे. उन्हें आर्थिक सहायता और ब्याज मुक्त लोन देकर फिर से शुरू करवाया जा चाहिए, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करेंगी

आम जनता को क्या हैं उम्मीदें?

आम जनता चाहती है कि वित्तमंत्री बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवाओं, बीमा और पेंशन सुविधाओं पर ध्यान देकर इनमें सुधार करे. बैकिंग में अनाप शनाप चार्ज लिए जा रहे हैंय उनको बंद करना चाहिए, हालांकि मोदी सरकार इससे पहले पेंशन योजना, दुर्घटना बीमा योजना, सड़क सुरक्षा बीमा योजना व कई तरह की जीवन बीमा योजना की शुरुआत कर चुकी है.

ये भी पढ़ें- बजट 2021-22: वित्त मंत्री से चंडीगढ़ की छात्राओं ने मांगा सस्ता लोन और नौकरियों में तरजीह

क्या चाहते हैं छात्र?

स्टूडेंट्स को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. छात्र चाहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए, वहीं इस साल तो बच्चों की पढ़ाई और बहुत असर पड़ा आगे भी ऐसा हो सकता है तो सरकार को इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए स्टडी फ्रॉम होम और ऑनलाइन एजुकेशन की तरफ ध्यान देकर नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए. वहीं सरकार को स्किल एजुकेशन पर ज्यादा जोर देना चाहिए. ताकि लोग नौकरी पर निर्भर ना रह कर अपना कोई भी काम शुरू कर सके.

व्यापारी वर्ग को क्या उम्मीद?

व्यापारी वर्ग को उम्मीद है कि इस बजट में टैक्स को लेकर कई बदलाव होने चाहिए, मानना है की इंडस्ट्री इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं, इनको रहात देने के लिए सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए, जीएसटी का सरलीकरण किया जाना चाहिए साथ ही जीएसटी में 5,12, 18, 28 की जगह दो दरें 7 और 12 फीसदी होनी चाहिए. इससे राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापारियों को लिखा पढ़ी करने में झंझट नहीं करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- आम बजट 2021: नूंह की जनता ने मांगा गरीबों वाला बजट, बोले- झोपड़ी तक पहुंचे अच्छे दिन

हर साल केंद्रीय बजट लोगों के लिए ढेर सारी उम्मीद लेकर आता है. मीडिल क्लास टैक्स दरों में राहत की उम्मीद करता है तो देश का गरीब और वंचित तबका अपने उत्थान के लिए सरकार की ओर देखता है. लोगों की नजर इस बात पर भी रहती है कि बजट में कौन सी वस्तुएं महंगी होने वाली हैं और कौन सी चीजें सस्ती हो सकती हैं. इसके साथ ही बजट से देश की आर्थिक सेहत का भी पता चलता है, लेकिन ये सर्वविदित है कि बजट में लोगों की सबसे ज्यादा नजर टैक्स को लेकर होती है.

हिसार: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट का हर वर्ग को बेसब्री से इंतजार है. ये बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जब देश कोरोना काल से निकलने की कोशिश कर रहा है और नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला है. ऐसे में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि किसानों को लेकर बजट में क्या घोषणा की जा सकती है? चलिए सबसे पहले जानते हैं कि किसानों को इस बार के बजट से क्या-क्या उम्मीदें हैं.

युवा वर्ग को क्या हैं उमीदें?

युवा वर्ग चाहता है कि सरकार ऐसी योजनाएं शुरू करे जिससे नई नौकरियों का सृजन हो सके. बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं और कुछ ऐसे हैं जिन्हें उनके मन मुताबिक नौकरी नहीं मिल रही है. जो छोटे उद्योग धंधे लॉकडाउन में बंद हुए थे. उन्हें आर्थिक सहायता और ब्याज मुक्त लोन देकर फिर से शुरू करवाया जा चाहिए, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करेंगी

आम जनता को क्या हैं उम्मीदें?

आम जनता चाहती है कि वित्तमंत्री बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवाओं, बीमा और पेंशन सुविधाओं पर ध्यान देकर इनमें सुधार करे. बैकिंग में अनाप शनाप चार्ज लिए जा रहे हैंय उनको बंद करना चाहिए, हालांकि मोदी सरकार इससे पहले पेंशन योजना, दुर्घटना बीमा योजना, सड़क सुरक्षा बीमा योजना व कई तरह की जीवन बीमा योजना की शुरुआत कर चुकी है.

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क्या चाहते हैं छात्र?

स्टूडेंट्स को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. छात्र चाहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए, वहीं इस साल तो बच्चों की पढ़ाई और बहुत असर पड़ा आगे भी ऐसा हो सकता है तो सरकार को इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए स्टडी फ्रॉम होम और ऑनलाइन एजुकेशन की तरफ ध्यान देकर नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए. वहीं सरकार को स्किल एजुकेशन पर ज्यादा जोर देना चाहिए. ताकि लोग नौकरी पर निर्भर ना रह कर अपना कोई भी काम शुरू कर सके.

व्यापारी वर्ग को क्या उम्मीद?

व्यापारी वर्ग को उम्मीद है कि इस बजट में टैक्स को लेकर कई बदलाव होने चाहिए, मानना है की इंडस्ट्री इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं, इनको रहात देने के लिए सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए, जीएसटी का सरलीकरण किया जाना चाहिए साथ ही जीएसटी में 5,12, 18, 28 की जगह दो दरें 7 और 12 फीसदी होनी चाहिए. इससे राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापारियों को लिखा पढ़ी करने में झंझट नहीं करना पड़ेगा.

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हर साल केंद्रीय बजट लोगों के लिए ढेर सारी उम्मीद लेकर आता है. मीडिल क्लास टैक्स दरों में राहत की उम्मीद करता है तो देश का गरीब और वंचित तबका अपने उत्थान के लिए सरकार की ओर देखता है. लोगों की नजर इस बात पर भी रहती है कि बजट में कौन सी वस्तुएं महंगी होने वाली हैं और कौन सी चीजें सस्ती हो सकती हैं. इसके साथ ही बजट से देश की आर्थिक सेहत का भी पता चलता है, लेकिन ये सर्वविदित है कि बजट में लोगों की सबसे ज्यादा नजर टैक्स को लेकर होती है.

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