हिसार: पर्वतारोही अनिता कुंडू का माउंट ल्होत्से को फतेह करने का अभियान खराब मौसम की वजह से खत्म हो गया है. माउंट ल्होत्से विश्व की चौथी सबसे ऊंची शिखर है. जो एवरेस्ट से दक्षिणी घाटी से जुड़ी है. अनिता कुंडू माउंट ल्होत्से के बहुत करीब पहुंच गई थी. अचानक खराब हुए मौसम की वजह से उनको बीच में ही रुकना पड़ा. अब वो अभियान को खत्म कर वापस बेस कैंप लौट आई हैं.
फिलहाल अब अनीता अभियान खत्म कर बेस कैंप पर लौट गई हैं और अगले 4 से 5 दिन में वो भारत पहुंच जाएंगी. अनीता कुंडू ने इस मिशन को लेकर अपने फेसबुक पेज पर भी लिखा है. उन्होंने लिखा कि मैंने अपनी तरफ़ से 100 फ़ीसदी ईमानदारी से संघर्ष किया, तीन बार इस ल्होत्से के शिखर के बहुत क़रीब जाकर वापस आना पड़ा. कुछ मौसम की मार, तो कुछ अन्य कारण भी. आज टूट सी गई हूं, फ़िर उठूंगी, चलूंगी और दौडूंगी. धन्यवाद
10 अप्रैल को नेपाल गई थीं अनिता
अनिता 10 अप्रैल को नेपाल गई थीं. कुछ दिन के बाद उन्होंने 21 अप्रैल को नेपाल की 6119 मीटर ऊंची चोटी माउंट लोबुचे को फतेह किया था. वहां से नीचे आने के बाद दूसरी तरफ एवरेस्ट/ल्होत्से के बेस कैंप में पहुंची थी. जिसकी ऊंचाई 5400 मीटर है. यहां से अनीता ने सफल रोटेशन किया और वे 7300 मीटर तक जाककर वापस बेस कैंप आई थी.
अनिता 9 अप्रैल को रात 12 बजे बेस कैंप से निकली थी. अगर मौसम साथ देता तो वो 13 अप्रैल को अपना राष्ट्रीय ध्वज शिखर में लहराती. अनीता 12 साल से पर्वतारोहण के साहसिक खेल को खेल रही हैं. उन्होंने हिंदुस्तान की अनेकों चोटियों को फतेह करते हुए दुनियां की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को तीन बार फतेह किया है. वे नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने वाली हिंदुस्तान की प्रथम बेटी हैं. उन्होंने सभी महाद्वीपों के ऊंचे शिखरों को भी फतेह किया है.
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अनिता कुंडू ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन मासिफ, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, यूरोप के सबसे ऊंचे शिखर एल्बर्स, दक्षिण अमेरिका की एकोनकागुआ, ऑस्ट्रेलिया की कार्सटेंस पिरामिड शिखर को भी फतेह किया है. उतरी अमेरिका की देनाली पर भी उन्होंने संघर्ष किया. माउंट एवरेस्ट के समान ही माउंट मनास्लू को भी अनीता ने फतेह किया है.