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राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान मिला 7000 साल पुराना हड़प्पा कालीन शहर, कंकाल और गहनों समेत कई सामान मिला

हिसार के राखीगढ़ी में इन दिनों तीन महत्वपूर्ण साइटों पर खुदाई का काम चल रहा (Excavation in Rakhigarhi of Hisar) है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संयुक्त महानिदेशक संजय मंजुल का कहना है कि राखीगढ़ी सात हजार साल पुरानी सभ्यता है. अभी तक मिले अवशेषों से पता चला कि हड़प्पा कालीन सभ्यता की संस्कृति आज की भारतीय संस्कृति से मिलीजुली दिखाई दे रही है.

HARAPPAN CIVILIZATION
हरियाणा: राखीगढ़ी में निकली हड़प्पन टाउन प्लैनिंग की बड़ी साइट, कंकाल के डीएनए सैंपल से होंगे खुलासे
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Published : May 9, 2022, 9:43 AM IST

Updated : May 9, 2022, 12:58 PM IST

हिसार: हरियाणा के हिसार जिले में मौजूद हड़प्पा कालीन सभ्यता (HARAPPAN CIVILIZATION) की सबसे बड़ी साइट राखीगढ़ी में इन दिनों खुदाई का कार्य चल रहा है. इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के निगरानी में चौथी बार यहां के टीलों की खुदाई की जा रही है. खुदाई के दौरान टीला नंबर तीन पर हड़प्पन टाउन प्लैनिंग की काफी बड़ी साइट पाई गई है. इससे यह साबित हो गया है कि पांच से सात हजार साल पहले भी ऐसी तकनीक से शहर बसाए जाते थे जो तकनीक आज हम बड़े शहरों को बसाने के लिए कर रहे हैं.


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ज्वाइंट डायरेक्टर संजय मंजुल ने बताया कि हिसार के राखीगढ़ी (Rakhigarhi In Hisar) में 7 टीले हैं जिनकी खुदाई का काम हो रहा है. अभी तक 3 बार खुदाई हुई थी और अब टीला नंबर 1, 3 और 7 पर खुदाई का काम चल रहा है. टीला नंबर 3 पर पहली बार खुदाई हो रही है. इस बार की खुदाई के दौरान साइट नंबर एक पर ढाई मीटर चौड़ी गली निकली है जो हड़प्पा कालीन लोगों के रहन-सहन को दर्शाती है. इस गली में दोनों तरफ कच्ची ईंटों की दीवार है.

हिसार: राखीगढ़ी में निकली हड़प्पन टाउन प्लैनिंग की बड़ी साइट, कंकाल के डीएनए सैंपल से होंगे खुलासे

उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी में निकली (rakhigarhi harappan site) यह सब राइट एंगल में बने है जो हड़प्पा संस्कृति के टाउन प्लानिंग को दर्शाते (HARAPPAN CIVILIZATION Town Planning) हैं. दीवार के दोनों तरफ कई स्तर पर घरों का निर्माण किया गया है. इन घरों में हमें मर्तबान, पॉट, चूल्हे मिले हैं. खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन, कॉपर का छोटा शीशा, कॉपर के कान के आभूषण, चूड़ियां, टेरा कोटा चूड़ियां, ब्लेड जिसको काटने के लिए प्रयोग किया जाता था, सोने के आभूषणों के टुकड़े और अन्य महत्वपूर्ण सामान यहां पर मिला है. इसके साथ-साथ पशुओं के अवशेष भी मिले हैं जिनमें मुख्य रूप से बैल, कुत्ते और हाथी शामिल हैं.

HARAPPAN CIVILIZATION
टीले नंबर सात की खोदाई में नर कंकाल निकला है

डॉ. संजय मंजुल ने बताया कि इस बार टीला नंबर सात की खुदाई में नर कंकाल भी निकला है. खुदाई के दौरान मिले कंकाल के सिर के पीछे हड़प्पा कालीन समय के काफी बर्तन मिले हैं जिनमें मटकी, कटोरा, ढक्कन, बड़ा मटका, प्लेट, जार, स्टैंड के ऊपर रखने के बर्तन शामिल हैं. गौरतलब है कि अभी तक खुदाई में तीनों साइट पर कुल 38 कंकाल निकल चुके हैं. फिलहाल सात नंबर साइट पर 2 महिलाओं के कंकाल मिले हैं. इनके हाथों में चूड़ियां हैं और उनके पास से एक शीशा, मनके, शैल भी मिले हैं.

HARAPPAN CIVILIZATION
सोने के आभूषणों के टुकड़े और अन्य महत्वपूर्ण सामान यहां पर मिला है

यह शैल कोस्टल एरिया में मिलता था. इससे साबित होता है कि यहां के लोग दूर-दूर तक व्यापार करते थे. एक कंकाल को डीएनए के लिए विश्लेषण किया गया है. इससे साबित हुआ कि वह मूल रूप से भारतीय थे. इससे पहले साइट नंबर 3 पर खुदाई के दौरान जली हुई पक्की ईंटों की एक चौड़ी दीवार मिली है. दीवार के साथ में ही नीचे एक पक्की नाली भी मिली है. ऐसी नाली पहली बार मिली है. नाली का आकार बिल्कुल सीधा है. आज के समय में जिस तरीके से पानी निकासी के लिए नालियां बनाई जा रही है पहले भी वही तरीका अपनाया जाता था.

HARAPPAN CIVILIZATION
राखीगढ़ी के टीला नंबर 1, 3 और 7 पर खुदाई काम चल रहा है

पुरातत्व सर्वेक्षण के ज्वाइंट डायरेक्टर संजय मंजुल ने बताया कि टीला नंबर एक पर कुछ मुहर भी मिली है. इन मुहरों पर शेर और मछली के चित्र हैं. इनका प्रयोग वह लोग व्यापार करने के लिए करते थे. इससे साबित होता है कि उसमें भी देश विदेशों में बड़े स्तर पर व्यापार होता था. पहले तीन बार इन टीलों पर खुदाई हो चुकी है. अब चौथी बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली की तरफ से खुदाई का कार्य जारी है. पहली बार एक साथ तीन टीलों पर खुदाई की गई है.

दो महीने के अध्ययन के बाद अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि खुदाई के दौरान जो मकान निकले हैं वह काफी ही प्लानिंग के हिसाब से बनाए गए हैं. जैसा कि आज हम शहरों के सेक्टरों में देखते हैं. उस समय भी लोगों ने ऐसे ही प्लानिंग करके यह मकान बनाए थे. सभी मकान एक जैसे ही है और उनके साथ में पानी की निकासी के लिए नालियां भी बनाई गई हैं. जो भी गली मिली है वह बिल्कुल सीधी हैं. वहीं सड़क के किनारों पर काफी बड़े-बड़े पॉट भी मिले हैं. उनका प्रयोग कचरा डालने के लिए करते थे. ताकि साफ-सफाई अच्छी तरह से रखी जा सके.

HARAPPAN CIVILIZATION
राखीगढ़ी में पिछले दो महीने से खुदाई का काम चल रहा है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक (Joint Director General, Archaeological Survey of India Delhi) डॉ. संजय मंजुल ने कहा कि हड़प्पा संस्कृति यह बयां करती है कि उन लोगों ने भी अपने जीवन में कितनी उन्नति की है. शुरुआत में कच्ची ईंटों के मकान मिले हैं. वही अर्ली हड़प्पन में पक्की ईंटों की दीवार भी पाई गई है. उनकी टाउन प्लैनिंग बड़े ही गजब की है. उस समय भी इंजीनियर होंगे इसके अभी कोई सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन जिस तरीके से यह शहर बसाया गया था. उससे साबित होता है कि इसको पूरी प्लानिंग करके ही बसाया गया होगा. डॉ. संजय मंजुल ने कहा कि अबकी बार खुदाई में काफी महत्वपूर्ण चीजें पाई गई हैं जिन पर अध्ययन जारी है. टीलें नंबर सात से दो कंकाल का डीएनए सैंपल लिया गया है. डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद कई खुलासे होंगे.

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हिसार: हरियाणा के हिसार जिले में मौजूद हड़प्पा कालीन सभ्यता (HARAPPAN CIVILIZATION) की सबसे बड़ी साइट राखीगढ़ी में इन दिनों खुदाई का कार्य चल रहा है. इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के निगरानी में चौथी बार यहां के टीलों की खुदाई की जा रही है. खुदाई के दौरान टीला नंबर तीन पर हड़प्पन टाउन प्लैनिंग की काफी बड़ी साइट पाई गई है. इससे यह साबित हो गया है कि पांच से सात हजार साल पहले भी ऐसी तकनीक से शहर बसाए जाते थे जो तकनीक आज हम बड़े शहरों को बसाने के लिए कर रहे हैं.


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ज्वाइंट डायरेक्टर संजय मंजुल ने बताया कि हिसार के राखीगढ़ी (Rakhigarhi In Hisar) में 7 टीले हैं जिनकी खुदाई का काम हो रहा है. अभी तक 3 बार खुदाई हुई थी और अब टीला नंबर 1, 3 और 7 पर खुदाई का काम चल रहा है. टीला नंबर 3 पर पहली बार खुदाई हो रही है. इस बार की खुदाई के दौरान साइट नंबर एक पर ढाई मीटर चौड़ी गली निकली है जो हड़प्पा कालीन लोगों के रहन-सहन को दर्शाती है. इस गली में दोनों तरफ कच्ची ईंटों की दीवार है.

हिसार: राखीगढ़ी में निकली हड़प्पन टाउन प्लैनिंग की बड़ी साइट, कंकाल के डीएनए सैंपल से होंगे खुलासे

उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी में निकली (rakhigarhi harappan site) यह सब राइट एंगल में बने है जो हड़प्पा संस्कृति के टाउन प्लानिंग को दर्शाते (HARAPPAN CIVILIZATION Town Planning) हैं. दीवार के दोनों तरफ कई स्तर पर घरों का निर्माण किया गया है. इन घरों में हमें मर्तबान, पॉट, चूल्हे मिले हैं. खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन, कॉपर का छोटा शीशा, कॉपर के कान के आभूषण, चूड़ियां, टेरा कोटा चूड़ियां, ब्लेड जिसको काटने के लिए प्रयोग किया जाता था, सोने के आभूषणों के टुकड़े और अन्य महत्वपूर्ण सामान यहां पर मिला है. इसके साथ-साथ पशुओं के अवशेष भी मिले हैं जिनमें मुख्य रूप से बैल, कुत्ते और हाथी शामिल हैं.

HARAPPAN CIVILIZATION
टीले नंबर सात की खोदाई में नर कंकाल निकला है

डॉ. संजय मंजुल ने बताया कि इस बार टीला नंबर सात की खुदाई में नर कंकाल भी निकला है. खुदाई के दौरान मिले कंकाल के सिर के पीछे हड़प्पा कालीन समय के काफी बर्तन मिले हैं जिनमें मटकी, कटोरा, ढक्कन, बड़ा मटका, प्लेट, जार, स्टैंड के ऊपर रखने के बर्तन शामिल हैं. गौरतलब है कि अभी तक खुदाई में तीनों साइट पर कुल 38 कंकाल निकल चुके हैं. फिलहाल सात नंबर साइट पर 2 महिलाओं के कंकाल मिले हैं. इनके हाथों में चूड़ियां हैं और उनके पास से एक शीशा, मनके, शैल भी मिले हैं.

HARAPPAN CIVILIZATION
सोने के आभूषणों के टुकड़े और अन्य महत्वपूर्ण सामान यहां पर मिला है

यह शैल कोस्टल एरिया में मिलता था. इससे साबित होता है कि यहां के लोग दूर-दूर तक व्यापार करते थे. एक कंकाल को डीएनए के लिए विश्लेषण किया गया है. इससे साबित हुआ कि वह मूल रूप से भारतीय थे. इससे पहले साइट नंबर 3 पर खुदाई के दौरान जली हुई पक्की ईंटों की एक चौड़ी दीवार मिली है. दीवार के साथ में ही नीचे एक पक्की नाली भी मिली है. ऐसी नाली पहली बार मिली है. नाली का आकार बिल्कुल सीधा है. आज के समय में जिस तरीके से पानी निकासी के लिए नालियां बनाई जा रही है पहले भी वही तरीका अपनाया जाता था.

HARAPPAN CIVILIZATION
राखीगढ़ी के टीला नंबर 1, 3 और 7 पर खुदाई काम चल रहा है

पुरातत्व सर्वेक्षण के ज्वाइंट डायरेक्टर संजय मंजुल ने बताया कि टीला नंबर एक पर कुछ मुहर भी मिली है. इन मुहरों पर शेर और मछली के चित्र हैं. इनका प्रयोग वह लोग व्यापार करने के लिए करते थे. इससे साबित होता है कि उसमें भी देश विदेशों में बड़े स्तर पर व्यापार होता था. पहले तीन बार इन टीलों पर खुदाई हो चुकी है. अब चौथी बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली की तरफ से खुदाई का कार्य जारी है. पहली बार एक साथ तीन टीलों पर खुदाई की गई है.

दो महीने के अध्ययन के बाद अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि खुदाई के दौरान जो मकान निकले हैं वह काफी ही प्लानिंग के हिसाब से बनाए गए हैं. जैसा कि आज हम शहरों के सेक्टरों में देखते हैं. उस समय भी लोगों ने ऐसे ही प्लानिंग करके यह मकान बनाए थे. सभी मकान एक जैसे ही है और उनके साथ में पानी की निकासी के लिए नालियां भी बनाई गई हैं. जो भी गली मिली है वह बिल्कुल सीधी हैं. वहीं सड़क के किनारों पर काफी बड़े-बड़े पॉट भी मिले हैं. उनका प्रयोग कचरा डालने के लिए करते थे. ताकि साफ-सफाई अच्छी तरह से रखी जा सके.

HARAPPAN CIVILIZATION
राखीगढ़ी में पिछले दो महीने से खुदाई का काम चल रहा है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक (Joint Director General, Archaeological Survey of India Delhi) डॉ. संजय मंजुल ने कहा कि हड़प्पा संस्कृति यह बयां करती है कि उन लोगों ने भी अपने जीवन में कितनी उन्नति की है. शुरुआत में कच्ची ईंटों के मकान मिले हैं. वही अर्ली हड़प्पन में पक्की ईंटों की दीवार भी पाई गई है. उनकी टाउन प्लैनिंग बड़े ही गजब की है. उस समय भी इंजीनियर होंगे इसके अभी कोई सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन जिस तरीके से यह शहर बसाया गया था. उससे साबित होता है कि इसको पूरी प्लानिंग करके ही बसाया गया होगा. डॉ. संजय मंजुल ने कहा कि अबकी बार खुदाई में काफी महत्वपूर्ण चीजें पाई गई हैं जिन पर अध्ययन जारी है. टीलें नंबर सात से दो कंकाल का डीएनए सैंपल लिया गया है. डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद कई खुलासे होंगे.

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Last Updated : May 9, 2022, 12:58 PM IST
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