हिसार: कृषि कानून पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. हरियाणा और पंजाब में इन कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा है. कई किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां इन्हें काला कानून और किसान विरोधी बता रही है. इसी कड़ी में इनेलो 6 अक्टूबर को हिसार में प्रदर्शन करेगी. इनेलो की जिला कार्यकारिणी की बैठक में ये फैसला लिया गया है.
बता दें कि इनेलो की जिला कार्यकारिणी बैठक जिला अध्यक्ष सतबीर सिसाय की अध्यक्षता में हुई. बैठक में फैसला लिया गया कि 6 अक्टूबर को कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा और सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जाएगी.
जिला अध्यक्ष सतबीर सिसाय ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून किसानों को बर्बाद करने के लिए लाए गए हैं. उन्होंने कहा कि ओपन मार्केट के नाम पर किसानों को पूंजीपतियों के रहम-ओ-करम पर छोड़ने का काम किया गया है. सिसाय ने आगे कहा कि अध्यादेशों में एमएसपी को लेकर कोई बात नहीं की गई है. इससे साफ है कि सरकार ने किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम मूल्य दिए जाने से भी पल्ला झाड़ने का काम किया है.
ये भी पढ़िए: कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के अलग-अलग जिलों में कांग्रेस का प्रदर्शन
सतबीर सिसाय ने कहा कि देश और प्रदेश में अधिकतर छोटे किसान हैं. वो अपनी फसल को दूसरे जिलों में भी नहीं ले जाने की सोच सकते हैं. ऐसे में वो देश के दूसरे राज्यों में किस तरह से अपनी फसल को बेच पाएंगे.
इन कानूनों का हो रहा विरोध
- किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानू, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है.
- किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं कानून का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है.
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है.