हिसार: जिले में ग्राम पंचायतों ने आबकारी विभाग के पास प्रस्ताव भेजा है. बता दें कि पंचायतों ने आबकारी विभाग से अपील करते हुए कहा है कि गांवों में शराब के ठेके ना खोले जाएं. शराब के ठेके खुलने से युवा नशे की ओर अग्रसर होते हैं और क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं भी बढ़ती हैं.
बता दें कि दिसंबर 2020 से लेकर अब तक आबकारी विभाग के पास 11 पंचायतों ने अपने-अपने गांवों में शराब के ठेके ना खोलने की अपील करते हुए प्रस्ताव भेजा है.
आबकारी एवं कराधान अधिकारी आरके सिंगला ने बताया कि इस बार गांव बुड़ाना, किन्नर, मदनपुरा, बाड्याब्राह्मण, सिंघवाखास, पाला आलमपुर, नारा, खासा महाजन, मिलकपुर, नयागांव और आदमपुर की तरफ से ठेके ना खोलने का प्रस्ताव आया है.
आरके सिंगला ने बताया कि इनमें से गांव बुड़ाना, नारा, मिलकपुर, खासा महाजन और नयागांव की ओर से पिछले वर्ष भी प्रस्ताव आया था. इन गांवों में ठेके नहीं खोले गए थे. आबकारी एवं कराधान अधिकारी ने बताया कि इस मामले में 13 अप्रैल को पंचकूला में आयुक्त सुनवाई करेंगे.
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आबकारी एवं कराधान अधिकारी ने बताया कि एक गांव के एक ठेके से विभाग को 15 से 20 लाख रुपये सालाना राजस्व आता है.आबकारी एवं कराधान अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष के अंत में इस बार 31 मार्च तक विभाग ने 318 करोड़ रुपये की वसूली की है जबकि लक्ष्य 305 करोड़ रुपये का था.
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आबकारी एवं कराधान अधिकारी ने बताया कि नए ठेकों के लिए आवेदन अप्रैल में ही आने शुरू हो जाएंगे. इसके लिए अभी आदेश जारी नहीं हुए हैं. इसके अलावा पिछले वर्ष के ठेके के आवेदनकर्ताओं को 2 महीने की अतिरिक्त छूट दी गई है. आबकारी एवं कराधान अधिकारी ने बताया कि वैसे ठेके की अवधि मार्च में समाप्त हो जाती है. लेकिन कोविड-19 के चलते इस बार यह अवधि 19 मई तक बढ़ा दी गई है.