हिसार: साल 2022 में खराब मौसम के चलते बर्बाद हुई कपास, नरमा, मूंग और बाजरा आदि की फसलों की मुआवजा राशि हिसार के किसानों को नहीं मिली है. किसान 30 से अधिक बार बीमा कंपनियों से लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों और अन्य विभागों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. हिसार के किसानों को बीमा राशि नहीं मिली, इसलिए किसान कर्ज पर रुपये लेकर खेतीबाड़ी करने के लिए मजबूर हैं. दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हिसार के किसानों को बीमा राशि देने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.
अधिकारियों ने किसानों को जल्द राशि मिलने की संभावना जताई है. उधर, बीमा कंपनी से जुड़ी सुमिता ने हिसार में किसानों की बीमा राशि बकाया होने के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया. ढंढेरी गांव के जगबीर ने बताया कि बारिश के कारण उनकी नरमा की पांच एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी. 72 घंटे से पहले ही कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई. मगर अभी तक उसे बीमा राशि नहीं दी गई है. अब उसने दो लाख रुपये कर्ज पर लेकर गेहूं की फसल लगाई है. यदि राशि नहीं मिली तो और भी परेशानी होगी.
सिसाय गांव के किसान सोहनवीर की दो एकड़ नरमा की फसल अधिक बारिश के कारण बर्बाद हो गई थी. इसकी सूचना तुरंत विभागीय अधिकारियों को दी, मगर अभी तक राशि उनकी खाते में नहीं डाली है. दो लाख रुपये कर्ज पर लेकर खेतीबाड़ी करनी पड़ी. अब विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि 72 घंटे के अंदर उन्हें सूचना नहीं दी गई, जिसके कारण राशि नहीं मिलेगी.
जानिए क्या है फसल बीमा योजना: बेमौसम बारिश, पाला और नमी जैसी स्थिति में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं. इसके लिए किसानों को बहुत ही कम राशि देनी होती है. बीमा कवरेज के दौरान फसल को हुए नुकसान की पूरी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है.
ये हैं जरूरी दस्तावेज: इसके लिए किसान को बैंक में आवेदन फॉर्म भरकर देना होता है जिसके बाद उनकी फसलों का बीमा हो जाता है. हालांकि, किसानों को अपने जमीन और अन्य कागजात को बैंक के पास जमा करना पड़ता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के किसान की फोटो, आईडी कार्ड (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस), एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर के साथ ही पटवारी से खेत में बुआई के लिए एक पत्र की आवश्यकता होती है.
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72 घंटे के अंदर दें सूचना: प्राकृतिक आपदा जैसे बेमौसम बरसात, बाढ़ इत्यादि से फसलों में नुकसान होने पर किसान को 72 घंटों के अंदर सूचना देनी होती है. वे किसान क्रॉप इंश्योरेंस एप, बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर, नजदीकी कृषि कार्यालय और संबंधित बैंक ब्रांच व जन सेवा केंद्र को सूचना दे सकते हैं.