ETV Bharat / state

हिसार में किसानों को नहीं मिली बारिश से बर्बाद खरीफ फसलों की बीमा राशि, कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर - hisar news update

हिसार में पिछले वर्ष बेमौसम बारिश से खराब हुई खरीफ की फसल की बीमा राशि (Hisar Farmers demand crop insurance amount ) जिले के किसानों को अभी तक नहीं मिली है. इसको लेकर किसान धरना प्रदर्शन करने के साथ ही विभिन्न विभागों के चक्कर लगा चुके हैं.

Hisar Farmers demand crop insurance amount
हिसार में नहीं मिली बर्बाद हुई खरीफ फसल की बीमा राशि
author img

By

Published : Mar 16, 2023, 12:37 PM IST

हिसार: साल 2022 में खराब मौसम के चलते बर्बाद हुई कपास, नरमा, मूंग और बाजरा आदि की फसलों की मुआवजा राशि हिसार के किसानों को नहीं मिली है. किसान 30 से अधिक बार बीमा कंपनियों से लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों और अन्य विभागों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. हिसार के किसानों को बीमा राशि नहीं मिली, इसलिए किसान कर्ज पर रुपये लेकर खेतीबाड़ी करने के लिए मजबूर हैं. दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हिसार के किसानों को बीमा राशि देने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.

अधिकारियों ने किसानों को जल्द राशि मिलने की संभावना जताई है. उधर, बीमा कंपनी से जुड़ी सुमिता ने हिसार में किसानों की बीमा राशि बकाया होने के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया. ढंढेरी गांव के जगबीर ने बताया कि बारिश के कारण उनकी नरमा की पांच एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी. 72 घंटे से पहले ही कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई. मगर अभी तक उसे बीमा राशि नहीं दी गई है. अब उसने दो लाख रुपये कर्ज पर लेकर गेहूं की फसल लगाई है. यदि राशि नहीं मिली तो और भी परेशानी होगी.

पढ़ें: हरियाणा में अनोखी शादी. भाती के लिए मायके में नहीं था कोई तो पहुंच गया 700 गांव वालों का हुजूम, भावुक हो उठे लोग

सिसाय गांव के किसान सोहनवीर की दो एकड़ नरमा की फसल अधिक बारिश के कारण बर्बाद हो गई थी. इसकी सूचना तुरंत विभागीय अधिकारियों को दी, मगर अभी तक राशि उनकी खाते में नहीं डाली है. दो लाख रुपये कर्ज पर लेकर खेतीबाड़ी करनी पड़ी. अब विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि 72 घंटे के अंदर उन्हें सूचना नहीं दी गई, जिसके कारण राशि नहीं मिलेगी.

जानिए क्या है फसल बीमा योजना: बेमौसम बारिश, पाला और नमी जैसी स्थिति में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं. इसके लिए किसानों को बहुत ही कम राशि देनी होती है. बीमा कवरेज के दौरान फसल को हुए नुकसान की पूरी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है.

ये हैं जरूरी दस्तावेज: इसके लिए किसान को बैंक में आवेदन फॉर्म भरकर देना होता है जिसके बाद उनकी फसलों का बीमा हो जाता है. हालांकि, किसानों को अपने जमीन और अन्य कागजात को बैंक के पास जमा करना पड़ता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के किसान की फोटो, आईडी कार्ड (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस), एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर के साथ ही पटवारी से खेत में बुआई के लिए एक पत्र की आवश्यकता होती है.

पढ़ें: Haryana Weather Update: हरियाणा में आज से 4 दिन बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी की ये चेतावनी

72 घंटे के अंदर दें सूचना: प्राकृतिक आपदा जैसे बेमौसम बरसात, बाढ़ इत्यादि से फसलों में नुकसान होने पर किसान को 72 घंटों के अंदर सूचना देनी होती है. वे किसान क्रॉप इंश्योरेंस एप, बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर, नजदीकी कृषि कार्यालय और संबंधित बैंक ब्रांच व जन सेवा केंद्र को सूचना दे सकते हैं.

हिसार: साल 2022 में खराब मौसम के चलते बर्बाद हुई कपास, नरमा, मूंग और बाजरा आदि की फसलों की मुआवजा राशि हिसार के किसानों को नहीं मिली है. किसान 30 से अधिक बार बीमा कंपनियों से लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों और अन्य विभागों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. हिसार के किसानों को बीमा राशि नहीं मिली, इसलिए किसान कर्ज पर रुपये लेकर खेतीबाड़ी करने के लिए मजबूर हैं. दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हिसार के किसानों को बीमा राशि देने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.

अधिकारियों ने किसानों को जल्द राशि मिलने की संभावना जताई है. उधर, बीमा कंपनी से जुड़ी सुमिता ने हिसार में किसानों की बीमा राशि बकाया होने के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया. ढंढेरी गांव के जगबीर ने बताया कि बारिश के कारण उनकी नरमा की पांच एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी. 72 घंटे से पहले ही कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई. मगर अभी तक उसे बीमा राशि नहीं दी गई है. अब उसने दो लाख रुपये कर्ज पर लेकर गेहूं की फसल लगाई है. यदि राशि नहीं मिली तो और भी परेशानी होगी.

पढ़ें: हरियाणा में अनोखी शादी. भाती के लिए मायके में नहीं था कोई तो पहुंच गया 700 गांव वालों का हुजूम, भावुक हो उठे लोग

सिसाय गांव के किसान सोहनवीर की दो एकड़ नरमा की फसल अधिक बारिश के कारण बर्बाद हो गई थी. इसकी सूचना तुरंत विभागीय अधिकारियों को दी, मगर अभी तक राशि उनकी खाते में नहीं डाली है. दो लाख रुपये कर्ज पर लेकर खेतीबाड़ी करनी पड़ी. अब विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि 72 घंटे के अंदर उन्हें सूचना नहीं दी गई, जिसके कारण राशि नहीं मिलेगी.

जानिए क्या है फसल बीमा योजना: बेमौसम बारिश, पाला और नमी जैसी स्थिति में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं. इसके लिए किसानों को बहुत ही कम राशि देनी होती है. बीमा कवरेज के दौरान फसल को हुए नुकसान की पूरी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है.

ये हैं जरूरी दस्तावेज: इसके लिए किसान को बैंक में आवेदन फॉर्म भरकर देना होता है जिसके बाद उनकी फसलों का बीमा हो जाता है. हालांकि, किसानों को अपने जमीन और अन्य कागजात को बैंक के पास जमा करना पड़ता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के किसान की फोटो, आईडी कार्ड (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस), एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर के साथ ही पटवारी से खेत में बुआई के लिए एक पत्र की आवश्यकता होती है.

पढ़ें: Haryana Weather Update: हरियाणा में आज से 4 दिन बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी की ये चेतावनी

72 घंटे के अंदर दें सूचना: प्राकृतिक आपदा जैसे बेमौसम बरसात, बाढ़ इत्यादि से फसलों में नुकसान होने पर किसान को 72 घंटों के अंदर सूचना देनी होती है. वे किसान क्रॉप इंश्योरेंस एप, बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर, नजदीकी कृषि कार्यालय और संबंधित बैंक ब्रांच व जन सेवा केंद्र को सूचना दे सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.