हिसार: जिला परिषद चेयरमैन और वाइस चेयरमैन पदों के लिए चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. इसके साथ दावेदारों की भी धड़कनें बढ़ी हुई हैं. हैरानी की बात ये है कि पहली मीटिंग में एक भी पार्षद नहीं पहुंचा था. जिसके चलते जिला परिषद चेयरमैन पद का फैसला नहीं हो पाया था. चेयरमैन पद की कुर्सी के लिए भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी आमने-सामने है. भाजपा खेमे के पार्षद हिमाचल और जेजेपी समर्थित राजस्थान में भ्रमण पर गए हैं.
हिसार के पार्षद तीन धड़ों में बंटे हैं, जो हिमाचल, राजस्थान और उत्तराखंड में अलग-अलग जगहों पर भ्रमण पर हैं. चुनाव के दिन 20 जनवरी को ही इनका शहर में आना होगा. चेयरमैन की कुर्सी के लिए भाजपा की तरफ से सोनू सिहाग, आशीष कुक्की, महंत दर्शनगिरी के नाम चर्चा में है, तो जेजेपी की तरफ से सुनील मुंड का नाम आगे है. भाजपा और जजपा दोनों के ही पास 10 से 12 पार्षदों के गुट बताए जा रहे हैं.
भाजपा समर्थित पार्षद हिमाचल प्रदेश में किसी हिल स्टेशन पर और जजपा पार्षद भी राजस्थान में भ्रमण पर बताए जा रहे हैं. भाजपा के पार्षद दो गुट में अलग-अलग जगहों पर हैं, इसी तरह जेजेपी पार्षद भी दो गुटों में अलग जगहों पर बताए जा रहे हैं. कांग्रेस समर्थित 4 पार्षद निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. न्यूट्रल रहे 4 पार्षदों पर दोनों ही गुट डोरे डाले हुए हैं. फतेहाबाद जिला परिषद की तर्ज पर जेजेपी और बीजेपी चेयरमैन व वाइस चेयरमैन की कुर्सी को आपस में भी बांट सकते हैं, लेकिन दोनों ही दलों के समर्थित चेयरमैन की कुर्सी अपने पाले में करना चाहते हैं.
जिला परिषद चुनाव में 30 पार्षद चुनकर आए हैं, जो चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव करेंगे. यदि 20 जनवरी की मीटिंग में सभी पार्षद आते हैं तो बहुमत के लिए 16 पार्षदों का समर्थन चाहिए होगा. मीटिंग से पहले पार्षदों के दल भारत भ्रमण पर हैं, मीटिंग के दिन ही कितने पार्षद पहुंचते हैं. इसका खुलासा होगा. पहली मीटिंग में दो तिहाई पार्षदों का कोरम जरूरी था, इस मीटिंग के लिए कोरम की जरूरत नहीं होगी.
जिला परिषद चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के चुनाव को लेकर पहली मीटिंग 22 दिसंबर को बुलाई गई थी. जिप कार्यालय में बुलाई गई इस मीटिंग में एक भी पार्षद नहीं पहुंचा था. जिसके कारण एडीसी नीरज ने चुनाव स्थगित कर आगामी तिथि 20 जनवरी की दे दी थी. पहली मीटिंग में दो तिहाई पार्षदों का कोरम होना जरुरी था, जबकि इस मीटिंग के लिए कोरम की जरूरत नहीं होगी. जिस पार्षद के साथ बहुमत संख्या होगी, उसका चयन कर लिया जाएगा.