हिसार: उत्तरी पश्चिमी हवाओं की वजह से लगातार हरियाणा का तापमान (Haryana Temperature) गिर है. पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के आसार लगातार बन रहे हैं, जिस वजह से मैदानी इलाकों में भी तापमान में और गिरावट आएगी. हरियाणा में हिसार में सबसे अधिक ठंड भी पड़ती है और सबसे अधिक गर्मी भी बाहरहाल इस सप्ताह हिसार का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, मौसम में बदलाव की वजह से सुबह शाम हल्की कोहरे और धुंध की चादर भी दिखने लगी है. जिससे विजिबिलिटी भी कम होती जा रही है.
हरियाणा में ठंड ने लोगों को शिमला ओर कसौली जैसे हिल स्टेशन में पड़ने वाली ठंड महसूस करवा दी है. अचनाक लोगों गर्म कपड़े पहनने पड़े हैं. वहीं इस मौसमी बदलाव से लोगों के जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ा है. हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमएल खीचड के अनुसार हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर शनिवार यानी 27 नवम्बर तक खुश्क बने रहने की संभावना है. इस दौरान राज्य में पाश्चिमी व उत्तर पाश्चिमी हवाएं चलने से रात को तापमान में हल्की गिरावट और कहीं-कहीं अलसुबह हल्की धुंध भी संभावित है.
मौसम विभाग के मुताबिक (Haryana Weather department) आने वाले सप्ताह के अंत तक शीत लहर हरियाणा में पहुंच सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल ठंड के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है.
इस सप्ताह अधिकतम और न्यूनतम तापमान-
Date | Maximum Temp (°C) | Minimum Temp (°C) |
27/11/2021 | 27 | 8 |
28/11/2021 | 26 | 7 |
हरियाणा मौसम विभाग (Haryana Weather Department) के अनुसार इस अरब सागर हो या बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवा हरियाणा तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं. हिमालय क्षेत्रों से चलने वाली बर्फीली हवाएं हरियाणा में सर्दी (Haryana winter Temperature) बढ़ाएंगी. ऐसे में कई जिलों में सुबह का तापमान 5 से 7 डिग्री तक पहुंच जाता है, जोकि दोपहर तक 20 से 23 डिग्री तक पहुंच जाता है. मौसम के इस प्रभाव और पराली जलाने के बढ़े मामलों की वजह से राज्य के सभी जिलों में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया था, लेकिन अब पराली जलाने के मामले घटते ही हालात सुधरने लगे हैं.
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एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
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