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क्या उमेद सिंह लोहान की इनेलो में होगी वापसी? अभय चौटाला ने घर जाकर की मुलाकात - जेजेपी नेता उमेद सिंह लोहान

इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला (op chautala) के जेल से बाहर आने के बाद इनेलो (INLD) का कुनबा फिर से बढ़ने लगा है. वहीं अब राजनीतिक गलियारों में उमेद सिंह लोहान (umed singh lohan) की इनेलो में घर वापसी की चर्चाएं हो रही हैं. उमेद सिंह लोहान लंबे अरसे तक इनेलो में रहने के बाद जेजेपी में चले गए थे.

umed singh lohan met abhay chautala
umed singh lohan
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Published : Aug 23, 2021, 8:08 PM IST

हिसार: साल 2005 में सत्ता से बाहर होने के बाद इनेलो पार्टी (INLD) के अंदर बड़े उतार-चढ़ाव आए. साल 2018 में जेजेपी पार्टी (JJP) बनने के बाद इनेलो को राजनीति में वर्चस्व बचाने की लड़ाई भी लड़नी पड़ी, लेकिन अब इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला (op chautala) के जेल से बाहर आने के बाद इनेलो का कुनबा फिर से बढ़ने लगा है. एक लंबे अरसे तक लोकदल के हिसार जिला अध्यक्ष और युवा विंग के प्रधान रहे उमेद सिंह लोहान (umed singh lohan) की भी इनेलो में वापसी की राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरु हो गई हैं. ये चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि हिसार स्थित लोहान के निवास पर जाकर अभय सिंह चौटाला और उनके दोनों पुत्रों ने उमेद लोहान से लंबी मुलाकात की है.

कौन है उमेद लोहान- उमेद सिंह लोहान फिलहाल कांग्रेस में हैं और हिसार के आसपास कई विधानसभा हलकों में अपनी राजनीतिक दौड़ लगा चुके हैं, लेकिन फिलहाल वह अब नारनौंद हल्के के रणक्षेत्र में बड़ी टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. 2014 विधानसभा चुनाव में उन्हें इनेलो ने हांसी से टिकट दिया था जबकि वो लड़ना नारनौंद से चाहते थे. उनका अपने गृह क्षेत्र नारनौंद से चुनाव लड़ने का सपना अबतक पूरा नहीं हो पाया है. इनेलो पार्टी के टूटने पर वे 2018 में जेजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन 2019 के चुनाव में नारनौंद हलके से जेजेपी की टिकट न मिलने से वो खफा हो गए. रामकुमार गौतम को टिकट देने के ऐलान के बाद से उन्होंने पार्टी से उन्होंने दूरी बना ली और अचानक 2019 में कांग्रेस जॉइन कर ली.

umed singh lohan hisar
अभय सिंह चौटाला और उनके दोनों पुत्रों ने उमेद लोहान से मुलाकात की थी

ये भी पढ़ें- विधानसभा मानसून सत्र का आज दूसरा दिन, पेपर लीक पर सख्त कानून लाएगी सरकार

कैसा रहा राजनीतिक करियर- उमेद लोहान अपने पैतृक गांव भैणी अमीरपुर के सरपंच बने थे और उसके बाद उन्होंने बड़ी राजनीति में कदम रखा. वे इनेलो पार्टी में शामिल हुए और उन्हें पार्टी में युवा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. उसके बाद सन 2005 के चुनाव में उनको बरवाला हलके से चुनाव मैदान में उतारा गया, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. उसके बाद 2014 में भी हांसी हलके से चुनाव लड़ा. यहां फिर उनको हार का मुंह देखना पड़ा.

umed singh lohan hisar
उमेद सिंह लोहान रहे हैं अजय चौटाला के करीबी

अजय चौटाला के बेहद नजदीकी रहे- पुराने लोकदल के जमाने में कभी अजय सिंह चौटाला के हनुमान माने जाने वाले उमेद सिंह लोहान की जेजेपी में अजय चौटाला के बेटे और प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से ज्यादा तालमेल नहीं बनी. 2019 के चुनावों के बाद उमेद सिंह लोहान दीपेंद्र हुड्डा के नजदीक आए और कांग्रेस जॉइन कर ली. उमेद लोहान का माइंडसेट छात्र राजनीति के समय से ही लोकदल का है और वे उसी खाने में फिट बैठते हैं. अब उमेद के बारे में उम्मीदें जताई जा रही है कि अभय चौटाला उन्हें अगर वापस लोकदल में ज्वाइन करवाते हैं, तो हिसार लोकसभा या नारनौंद विधानसभा से चुनाव लड़वा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पेपर लीक मामला: अभय चौटाला ने HSSC के अधिकारियों पर लगाया बड़ा आरोप

हिसार: साल 2005 में सत्ता से बाहर होने के बाद इनेलो पार्टी (INLD) के अंदर बड़े उतार-चढ़ाव आए. साल 2018 में जेजेपी पार्टी (JJP) बनने के बाद इनेलो को राजनीति में वर्चस्व बचाने की लड़ाई भी लड़नी पड़ी, लेकिन अब इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला (op chautala) के जेल से बाहर आने के बाद इनेलो का कुनबा फिर से बढ़ने लगा है. एक लंबे अरसे तक लोकदल के हिसार जिला अध्यक्ष और युवा विंग के प्रधान रहे उमेद सिंह लोहान (umed singh lohan) की भी इनेलो में वापसी की राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरु हो गई हैं. ये चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि हिसार स्थित लोहान के निवास पर जाकर अभय सिंह चौटाला और उनके दोनों पुत्रों ने उमेद लोहान से लंबी मुलाकात की है.

कौन है उमेद लोहान- उमेद सिंह लोहान फिलहाल कांग्रेस में हैं और हिसार के आसपास कई विधानसभा हलकों में अपनी राजनीतिक दौड़ लगा चुके हैं, लेकिन फिलहाल वह अब नारनौंद हल्के के रणक्षेत्र में बड़ी टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. 2014 विधानसभा चुनाव में उन्हें इनेलो ने हांसी से टिकट दिया था जबकि वो लड़ना नारनौंद से चाहते थे. उनका अपने गृह क्षेत्र नारनौंद से चुनाव लड़ने का सपना अबतक पूरा नहीं हो पाया है. इनेलो पार्टी के टूटने पर वे 2018 में जेजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन 2019 के चुनाव में नारनौंद हलके से जेजेपी की टिकट न मिलने से वो खफा हो गए. रामकुमार गौतम को टिकट देने के ऐलान के बाद से उन्होंने पार्टी से उन्होंने दूरी बना ली और अचानक 2019 में कांग्रेस जॉइन कर ली.

umed singh lohan hisar
अभय सिंह चौटाला और उनके दोनों पुत्रों ने उमेद लोहान से मुलाकात की थी

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कैसा रहा राजनीतिक करियर- उमेद लोहान अपने पैतृक गांव भैणी अमीरपुर के सरपंच बने थे और उसके बाद उन्होंने बड़ी राजनीति में कदम रखा. वे इनेलो पार्टी में शामिल हुए और उन्हें पार्टी में युवा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. उसके बाद सन 2005 के चुनाव में उनको बरवाला हलके से चुनाव मैदान में उतारा गया, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. उसके बाद 2014 में भी हांसी हलके से चुनाव लड़ा. यहां फिर उनको हार का मुंह देखना पड़ा.

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उमेद सिंह लोहान रहे हैं अजय चौटाला के करीबी

अजय चौटाला के बेहद नजदीकी रहे- पुराने लोकदल के जमाने में कभी अजय सिंह चौटाला के हनुमान माने जाने वाले उमेद सिंह लोहान की जेजेपी में अजय चौटाला के बेटे और प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से ज्यादा तालमेल नहीं बनी. 2019 के चुनावों के बाद उमेद सिंह लोहान दीपेंद्र हुड्डा के नजदीक आए और कांग्रेस जॉइन कर ली. उमेद लोहान का माइंडसेट छात्र राजनीति के समय से ही लोकदल का है और वे उसी खाने में फिट बैठते हैं. अब उमेद के बारे में उम्मीदें जताई जा रही है कि अभय चौटाला उन्हें अगर वापस लोकदल में ज्वाइन करवाते हैं, तो हिसार लोकसभा या नारनौंद विधानसभा से चुनाव लड़वा सकते हैं.

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