हिसार: हिसार जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का काेई भी केस नहीं मिला है. फिर भी वन विभाग अलर्ट पर आ गया है. इसके साथ ही विभाग ने जिले में आए विदेशी पक्षी मेहमानों की निगरानी करनी भी शुरू कर दी है.
विदेशी पक्षियाें से जिले में बर्ड फ्लू न फैल जाए, इसके लिए वन्य प्राणी विभाग की टीम ने निगरानी शुरू की है. यही नहीं विदेशी पक्षियाें की निगरानी के लिए तीन टीमाें का गठन भी किया गया है. किसी भी पक्षी की माैत हाेती है ताे अधिकारियाें काे रिपोर्ट भेजी जाएगी.
वन्य प्राणी विभाग के सूत्राें के अनुसार ब्लू बर्ड झील, घिराय और डाबड़ा जैसे स्थानाें पर विदेशी मेहमान पक्षियाें में पेलीसिन, रोजी पेलीसन, कॉमन क्रेन, डेमार सेल, बारहेडिड गूज, परपर्ल हॉर्न, नेकस्टॉर्क, पेंटेड स्टॉर्क, ह्वाइट नेक, ग्रे पेल्सिन, पिनटेल डक, शोवलर, डक, कॉमनटील, डेल चिक, मेलर्ड, पोचार्ड, गारगेनी टेल व फ्लेमिंगो सहित कई प्रजाति के पक्षी आए हैं.
वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ पवन कुमार ग्राेवर ने बताया कि अभी जिले में काेई भी बर्ड फ्लू का केस नहीं मिला है. विदेशी पक्षियाें से स्थानीय पक्षियाें में बीमारी न फैल जाए, इसके लिए तीन टीमें निगरानी कर रही हैं.
बता दें कि सर्दी का मौसम शुरू होते ही साइबेरिया, ब्रिटेन, मंगोलिया और मध्य एशिया से हजारों की संख्या में विदेशी परिंदे मध्यभारत के मैदानों में आते हैं. दिसंबर के अंत में ही मेहमान पक्षियाें के आने का सिलसिला शुरू हाे जाता है. इस बार भी देर से ही सही विदेशी पक्षियाें से झील और अन्य स्थान गुलजार हाेने शुरू हाे गए हैं.
ये पक्षी भी बर्ड फ्लू से हाे सकते हैं प्रभावित
प्रवासी पक्षी - बत्तख, मैना, पैराकाेट्स, ताेते, फ्रंचेस, हाॅक्स
घरेलू पक्षी- बत्तख, मुर्गी, टर्की, बटेर, गीज
जंगली पक्षी - बत्तख, गीज, हंस, हेरांस, गुल्स
अन्य प्रजाति - बंदर, सुअर, मनुष्य
ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ में अबतक नहीं पहुंचा बर्ड फ्लू, घबराने की जरूरत नहीं- वन विभाग
अंडे और चिकन की बिक्री में आई गिरावट
वहीं लुवास के असिस्टेंट प्राेफेसर डाॅ. नीलेश सिंधू के अनुसार अंडाें और चिकन की 20 प्रतिशत तक बिक्री में कमी देखने को मिली है. अंडाें और चिकन की बिक्री करने वाले मनाेज ने बताया कि बर्ड फ्लू के डर से अंडे और चिकन की बिक्री पर फर्क पड़ा है. पहले एक दिन में तीन हजार के भी अंडे बिक जाते थे. अब 2500 से दाे हजार तक ही बिक पा रहे हैं.