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हिसार में किसानों ने लघु सचिवालय का गेट बंद कर किया प्रदर्शन, मुआवजा राशि नहीं मिलने पर जताया विरोध

हरियाणा में बारिश के चलते फसलों के खराब होने पर बीमा कंपनियों से मुआवजा नहीं मिलने पर हिसार में किसानों ने लघु सचिवालय के गेट को बंद कर जमकर प्रदर्शन (farmers protest at Hisar mini secretariat) किया. साथ ही मुआवजा राशि नहीं देने पर लघु सचिवालय का गेट परमानेंट बंद करने की चेतावनी दी.

farmers protest at Hisar mini secretariat
farmers protest at Hisar mini secretariat
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Published : Jan 19, 2022, 5:18 PM IST

हिसार: हरियाणा में किसानों का धरना तो खत्म हो गया, लेकिन हिसार लघु सचिवालय के बाहर किसानों का बेमियादी धरना 268 दिन से लगातार चल रहा है. बुधवार को हिसार जिले के किसान संगठनों के नेतृत्व में किसानों ने लघु सचिवालय का गेट बंद कर घेराव किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर (farmers protest at Hisar mini secretariat) नारेबाजी की. किसानों ने ये प्रदर्शन फसल खराबी का मुआवजा राशि नहीं मिलने को लेकर किया. साथ ही जल्द ही मुआवजा राशि नहीं देने पर लघु सचिवालय का गेट परमानेंट बंद करने की चेतावनी दी.

इस दौरान किसानों ने बताया कि फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है. 2020 व 2021 में किसानों को बीमा राशि भरने के बावजूद फसल खराब होने पर मुआवजा नहीं (crop damage compensation Hisar) मिला. जिसके चलते किसानों ने हिसार लघु सचिवालय का घेराव कर मुख्य द्वार को बंद कर दिया. साथ ही मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार की ईंट से ईंट बजाकर लघु सचिवालय का गेट परमानेंट बंद करने की चेतावनी भी दी.

हिसार में किसानों ने लघु सचिवालय का गेट बंदकर किया प्रदर्शन, मुआवजा राशि नहीं मिलने पर जताया विरोध

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किसान नेता शमशेर सिंह नंबरदार ने बताया कि हरियाणा के किसानों को खरीफ 2020 से खराबे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है. इतना ही नहीं खरीफ 2021 की फसल में भारी वर्षा के कारण जलभराव व पीली सुंडी के कारण 80 फीसदी से ज्यादा खराब हुई है. शमशेर सिंह ने बताया कि बारिश के जलभराव के कारण अभी तक हजारों एकड़ में रबी की फसल की बिजाई भी नहीं हो पाई. इस मामले में मुआवजा मिलना तो दूर शासन और प्रशासन ने आज तक खराब फसलों की गिरदावरी तक किसानों को नहीं दिखाई है. किसानों को अभी तक बीमा क्लेम का एक पैसा भी नहीं मिला है.

वहीं किसान नेता सूबे सिंह बूरा ने आरोप लगाया कि साल 2020 में खरीफ की फसलें खराब होने पर खुद जिला उपायुक्त व उनकी टीम ने गिरदावरी कर 50 से 70 फीसदी खराबा दिखाया था. उसके बावजूद भी बीमा कंपनी ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. सूबे सिंह ने कहा कि आज तक वह फाइल उपायुक्त महोदय की टेबल पर है. जिसके चलते आज तंग होकर किसानों ने यह प्रदर्शन और गेट बंद करने का काम किया है.

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हिसार: हरियाणा में किसानों का धरना तो खत्म हो गया, लेकिन हिसार लघु सचिवालय के बाहर किसानों का बेमियादी धरना 268 दिन से लगातार चल रहा है. बुधवार को हिसार जिले के किसान संगठनों के नेतृत्व में किसानों ने लघु सचिवालय का गेट बंद कर घेराव किया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर (farmers protest at Hisar mini secretariat) नारेबाजी की. किसानों ने ये प्रदर्शन फसल खराबी का मुआवजा राशि नहीं मिलने को लेकर किया. साथ ही जल्द ही मुआवजा राशि नहीं देने पर लघु सचिवालय का गेट परमानेंट बंद करने की चेतावनी दी.

इस दौरान किसानों ने बताया कि फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है. 2020 व 2021 में किसानों को बीमा राशि भरने के बावजूद फसल खराब होने पर मुआवजा नहीं (crop damage compensation Hisar) मिला. जिसके चलते किसानों ने हिसार लघु सचिवालय का घेराव कर मुख्य द्वार को बंद कर दिया. साथ ही मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार की ईंट से ईंट बजाकर लघु सचिवालय का गेट परमानेंट बंद करने की चेतावनी भी दी.

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किसान नेता शमशेर सिंह नंबरदार ने बताया कि हरियाणा के किसानों को खरीफ 2020 से खराबे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है. इतना ही नहीं खरीफ 2021 की फसल में भारी वर्षा के कारण जलभराव व पीली सुंडी के कारण 80 फीसदी से ज्यादा खराब हुई है. शमशेर सिंह ने बताया कि बारिश के जलभराव के कारण अभी तक हजारों एकड़ में रबी की फसल की बिजाई भी नहीं हो पाई. इस मामले में मुआवजा मिलना तो दूर शासन और प्रशासन ने आज तक खराब फसलों की गिरदावरी तक किसानों को नहीं दिखाई है. किसानों को अभी तक बीमा क्लेम का एक पैसा भी नहीं मिला है.

वहीं किसान नेता सूबे सिंह बूरा ने आरोप लगाया कि साल 2020 में खरीफ की फसलें खराब होने पर खुद जिला उपायुक्त व उनकी टीम ने गिरदावरी कर 50 से 70 फीसदी खराबा दिखाया था. उसके बावजूद भी बीमा कंपनी ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. सूबे सिंह ने कहा कि आज तक वह फाइल उपायुक्त महोदय की टेबल पर है. जिसके चलते आज तंग होकर किसानों ने यह प्रदर्शन और गेट बंद करने का काम किया है.

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