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सूखे की मार से परेशान किसानों ने फिर दिया धरना, खट्टर सरकार मुर्दाबाद के लगाए नारे - haryana government

हिसार जिले को सूखा घोषित करने, नहरों में पूरा पानी समेत कई मांगों को लेकर किसानों ने एक बार फिर गुरुवार को जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया और खट्टर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए.

सूखे की मार से परेशान किसानों ने फिर दिया धरना
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Published : Sep 13, 2019, 3:34 AM IST

हिसार: किसान सभा के मुख्य सलाहकार शमशेर सिंह ने कहा कि जिला में भयंकर सूखा पड़ रहा है. फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. नरमा, जीरी, मूंग, गवार तो पूरी तरह खत्म हो गई हैं. नहरों में पानी न होने से पशुओं को पानी पिलाने की भारी समस्या है. हाजमपुर में पशुओं के लिए पानी की गंभीर समस्या हो चुकी है. इन तमाम समस्या के समाधान के लिए किसानों ने उपायुक्त हिसार को मांगों का ज्ञापन भी सौंपा.

क्लिक कर देखें वीडियो.


दरअसल सूखे के लिए किसानों को किसी प्रकार की कोई राहत की घोषणा सरकार ने नहीं की है. इससे किसानों में रोष है. सूखे के अतिरिक्त फसलों की सरकारी खरीद शुरु हो, आवारा पशुओं पर रोक लगे, नहरी पानी पूरा मिले, ट्यूबवैल पर 12 घंटे बिजली मिले, सरकारी घोषणा अनुसार प्रत्येक किसान को 12 हजार रुपए दिए जाएं. किसानों को पूर्ण रुप से कर्ज मुक्त करने के लिए किसानों ने धरना दिया.


ये हैं किसानों की मांग
किसानों के मुताबिक हिसार जिले में बारिश ना होने के कारण भयंकर सूखा है. इससे नरमा, गवार, मूंग, जीरी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है और बाजरा की फसल भी मंडी में आ चुकी है. जिसे व्यापारी 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल के सस्ते दाम पर खरीद रहे हैं. व्यापारी किसानों की फसल को लूट रहे हैं. सरकार की तरफ से अभी कोई भी एजेंसी ने फसल खरीद की शुरूआत नहीं की है.

नहरों में नहीं है पानी
नहरों का पानी किसानों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने कर्जा माफी के झूठे वादे किए. किसानों ने कर्ज माफी, आवारा पशुओं रोक लगाने की मांग की है. किसानों का साल 2018 का फसल बीमा बैंकों द्वारा आज तक उनके खातों में नहीं डाला गया. इन मांगों को लेकर किसान सभा ने धरना देकर मांग की है कि उपरोक्त मांगों को माना जाए.

हिसार: किसान सभा के मुख्य सलाहकार शमशेर सिंह ने कहा कि जिला में भयंकर सूखा पड़ रहा है. फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. नरमा, जीरी, मूंग, गवार तो पूरी तरह खत्म हो गई हैं. नहरों में पानी न होने से पशुओं को पानी पिलाने की भारी समस्या है. हाजमपुर में पशुओं के लिए पानी की गंभीर समस्या हो चुकी है. इन तमाम समस्या के समाधान के लिए किसानों ने उपायुक्त हिसार को मांगों का ज्ञापन भी सौंपा.

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दरअसल सूखे के लिए किसानों को किसी प्रकार की कोई राहत की घोषणा सरकार ने नहीं की है. इससे किसानों में रोष है. सूखे के अतिरिक्त फसलों की सरकारी खरीद शुरु हो, आवारा पशुओं पर रोक लगे, नहरी पानी पूरा मिले, ट्यूबवैल पर 12 घंटे बिजली मिले, सरकारी घोषणा अनुसार प्रत्येक किसान को 12 हजार रुपए दिए जाएं. किसानों को पूर्ण रुप से कर्ज मुक्त करने के लिए किसानों ने धरना दिया.


ये हैं किसानों की मांग
किसानों के मुताबिक हिसार जिले में बारिश ना होने के कारण भयंकर सूखा है. इससे नरमा, गवार, मूंग, जीरी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है और बाजरा की फसल भी मंडी में आ चुकी है. जिसे व्यापारी 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल के सस्ते दाम पर खरीद रहे हैं. व्यापारी किसानों की फसल को लूट रहे हैं. सरकार की तरफ से अभी कोई भी एजेंसी ने फसल खरीद की शुरूआत नहीं की है.

नहरों में नहीं है पानी
नहरों का पानी किसानों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने कर्जा माफी के झूठे वादे किए. किसानों ने कर्ज माफी, आवारा पशुओं रोक लगाने की मांग की है. किसानों का साल 2018 का फसल बीमा बैंकों द्वारा आज तक उनके खातों में नहीं डाला गया. इन मांगों को लेकर किसान सभा ने धरना देकर मांग की है कि उपरोक्त मांगों को माना जाए.

Intro:हिसार जिले को सूखा घोषित करने की मांग को लेकर किसानों ने उपायुक्त कार्यालय पर दिया धरनाBody:हिसार जिले को सूखा घोषित करने, नहरों में पूरा पानी, नरमा, मूंग, जीरी, बाजरा की फसल सूखे से बर्बाद, 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा की जिला इकाई के तत्वाधान में आज जिला उपायुक्त कार्यालय पर धरना दिया गयाConclusion:किसान सभा के मुख्य सलाहकार शमशेर सिंह ने कहा कि जिला में भयंकर सूखा पड़ रहा है। फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। नरमा, जीरी, मूंग, गवार तो पूरी तरह खत्म हो गई है। नहरों में पानी न होने से पशुओं को पानी पिलाने की भारी समस्या है। हाजमपुर में पशुओं के लिए पानी की गंभीर समस्या हो चुकी है। मा. सुभाष चंद्र व का. सत्यप्रकाश के नेतृत्व में उपायुक्त हिसार को मांगों का ज्ञापन दिया। सूखे के लिए किसानों को किसी प्रकार की कोई राहत की घोषणा सरकार ने नहीं की है। इससे किसानों में तीव्र रोष है। सूखे के अतिरिक्त फसलों की सरकारी खरीद शुरु हो, आवारा पशुओं पर रोक लगे, नहरी पानी पूरा मिले, ट्यूबवैल पर 12 घंटे बिजली मिले, सरकारी घोषणा अनुसार प्रत्येक किसान को 12 हजार रुपए दिए जाएं। किसानों को पूर्ण रुप से कर्ज मुक्त करने के लिए किसानों ने धरना दिया। तहसीलदार विनय चौधरी को धरनास्थल पर ज्ञापन दिया गया।
बाईट -शमशेर सिंह,मुख्य सलाहकार,किसान सभा
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