हिसार: जिले के ग्रामीण क्षेत्र में बेहद ही दुख भरे दृश्य देखने को मिल रहे हैं. क्योंकि पिछले दिनों हुई भारी बारिश और जलभराव के कारण किसानों की फसलें बर्बाद (hisar crop damaged) हो चुकी हैं. अब स्थिति ये है कि किसान इतनी मेहनत से खड़ी की गई अपनी फसल के ऊपर ट्रैक्टर चला रहे हैं. किसानों की आंखों के सामने उनकी मेहनत मिट्टी में तब्दील हो रही है. ऐसी स्थिति हिसार जिले के चनौत, ज्ञानपुरा, पनिहारी, पाबड़ा जैसे 50 से ज्यादा गांवों में है.
इन गांव में हजारों एकड़ में खड़ी फसलों पर किसान ट्रैक्टर चला रहे हैं. लगातार बारिश और जलभराव की वजह से किसानों की कपास, बाजरा, गवारी व मूंग की फसल खराब हो गई. फसल बस अब अंतिम पड़ाव पर थी, लेकिन आखिरी समय में बारिश ने सब बर्बाद कर दिया. नरमा कपास की कुछ फसल तो पानी में गल गई, वहीं बची-कूची को गुलाबी सुंडी ने तबाह कर दिया. इस सीजन में एक किसान को प्रति एकड़ लगभग 60 से 70 हजार रुपये का नुकसान हुआ है.
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फसल पर ट्रैक्टर चला रहे किसानों का कहना है कि इस फसल पर किसान का प्रति एकड़ 30 हजार रुपये खर्च हो चुका है और किसान के लिए ये नुकसान झेलना बेहद मुश्किल है. जलभराव की वजह से नरमा की फसल तबाह हो गई और कुछ गुलाबी कीड़े ने खत्म कर दिया. अब हम खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हैं. सरकार से मांग है कि किसान को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए नहीं तो किसान की हालात आत्महत्या करने की बनी हुई है.