हिसार: गेहूं खरीद के लिए सरकार ने हिसार में 77 खरीद केंद्र बनाए हैं. उन खरीद केंद्रों पर किसान गेहूं लेकर आ रहे हैं. तीन दिन से मंडी और केंद्रों गेहू का उठान नहीं हुआ है जिसक कारण शेड पूरी तरह से भर गए हैं. मजबूरी में आढ़तियों को खुले में गेहू्ं का ठेर लगाना पड़ रहा है. आढ़तियों का आरोप है कि सरकार के पास तिरपाल भी नहीं है और ऊपर से गेहूं का उठान भी धीरे से हो रहा है.
मीडिया से बात करते हुए हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग का कहना है कि सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश का आढ़ती और किसान दुखी हैं. प्रदेश की मंडियों और खरीद केंद्रों पर गेहूं बारिश के कारण भीग रहा हैं. प्रदेश सरकार ने खरीद को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. सरकार को लकड़ी की क्रेट, तिरपाल, बोरियां और अनाज को उठाने की व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि सभी मंडियों और खरीद केंद्रों पर अनाज को उठाने के साथ तिरपाल की व्यवस्था करनी चाहिए. जबतक फसल नहीं उठाई जाएगी, तब तक किसानों को पैसे नहीं मिल पाएंगे और किसान अगली फसल के लिए दवाइयां नहीं खरीद पाएगा.
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लॉकडाउन में सरकार की ओर से मंजूरी के बाद से लगातार सरसों और गेहूं की खरीद की जा रही है. हरियाणा में सरसों की खरीद 15 अप्रैल से और गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से हो रही है, जब से गेहूं की खरीद शुरू हुई है, तभी से किसान और आढ़ती तैयारियों को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.