हिसार: किसानों के द्वारा लगातार बीजेपी नेताओं का विरोध (farmer protest against bjp) किया जा रहा है. लंबे समय से जारी आंदोलन के बीच कई बार सीधे टकराव की तस्वीरें भी सामने आई हैं. वहीं इस बार किसानों के विरोध का सामना हांसी में बीजेपी विधायक विनोद भ्याणा (vinod bhayana) को करना पड़ा है. दरअसल, शनिवार को हांसी के पास जीतपुरा गांव में बीजेपी विधायक विनोद भ्याणा का कार्यक्रम था.
बीजेपी विधायक के कार्यक्रम की सूचना मिलते ही किसान वहां पहुंच गए और रास्ता रोककर सड़क पर ही लेट गए. किसानों के विरोध की भनक लगते ही विधायक कार्यक्रम खत्म करके निकलने लगे तो किसानों ने रास्ता रोक लिया, और किसान विधायक की कार के आगे लेट गए. इस दौरान किसानों ने काले झंडे दिखाकर व नारेबाजी करके विधायक का विरोध किया. जिसके बाद पुलिस बल ने हालात पर काबू पाया और विधायक के लिए रास्ता खुलवाया. पूरे मामले को लेकर किसान नेता विकास सीसर ने बताया कि किसानों को करनाल में व्यस्त देखकर भाजपा नेताओं ने अपने कार्यक्रम शुरू कर दिए थे.
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उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि भाजपा विधायक विनोद भ्याणा पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने आ रहे हैं. सैंकड़ों की संख्या में किसानों ने यहां भाजपा विधायक का विरोध किया है. बता दें कि किसान लगातार बीजेपी और जेजेपी के नेताओं का विरोध करते नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को जींद में भी बीजेपी कार्यालय में 5 घंटे तक विधायक महिपाल ढांडा को अंदर रोके रखा था. वहीं अब विनोद भ्याणा के कार्यक्रम के विरोध के चलते विधायक ने अपना अगला गांव अनिपुरा का प्रोग्राम रद्द कर दिया है.
गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.
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वहीं दिल्ली बॉर्डर के अलावा हरियाणा में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं खासकर कि जेजेपी-बीजेपी नेताओं का. जहां भी कोई बीजेपी नेता, विधायक, मंत्री, किसी कार्यक्रम के लिए जाता है तो वहीं किसान पहुंच जाते हैं और विरोध करते हैं. इस कारण कई बार कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ता है.