हिसार: प्रदेश के ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह ने बिजली पंचायत कार्यक्रम के तहत बिजली बिल ना भरने वाले हिसार और फतेहाबाद जिले के गांव के पंचायती लोगों के साथ हिसार के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पंचायत का आयोजन किया. बिजली पंचायत कार्यक्रम के तहत ये प्रदेश की पहली बिजली पंचायत है, जिसका आयोजन हिसार में किया गया है. इस पंचायत में लोगों के बिजली बिल ना भरे जाने के कारणों पर भी चर्चा की गई. वहीं प्रदेश के सरकारी विभागों की बात की जाए तो लगभग 360 करोड रुपये का बिजली बिल अभी बकाया है जो पहले लगभग 1500 करोड़ रुपये पहुंच गया था.
नहीं लगेंगे प्रीपेड मीटर
बिजली पंचायत का उद्देश्य लोगों को बिल भरने के प्रति जागरूक करना है. प्रदेश के अधिक डिफाल्टर जिलों में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री का गृह जिला रोहतक, सोनीपत, भिवानी और जींद का क्षेत्र है. वहीं सिरसा, फतेहाबाद और हिसार क्षेत्र में डिफॉल्टर कम हैं. हिसार के हांसी, नारनौंद सबडिवीजन और फतेहाबाद के कंडी, समैण आदि गांव डिफाल्टर हैं. हरियाणा में प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना को लेकर बिजली मंत्री ने कहा कि कुछ बड़े शहरों में बहुमंजिला इमारतों में किराएदार रहते हैं, जिसकी वजह से प्रीपेड मीटरों को कोर्ट में चैलेंज किया जाता है. इसलिए इसमें नहीं उलझा जाएगा और इसे स्थगित किया गया है.
रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार और उपभोक्ताओं के बीच अच्छे संबंध बनाना है. 2014 में लाइन लॉस 32 प्रायिशत था, जो अब घटकर 14 प्रतिशत रह गया है. केंद्र के अनुसार लाइन लॉस यदि 18 प्रतिशत से कम होता है तो ये अच्छा होता है.
कहां-कहां हैं ज्यादा डिफॉल्टर
वहीं चैक से बिल भरे जाने पर रोक को लेकर रणजीत सिंह ने कहा कि मोड ऑफ पेमेंट कुछ भी हो सकता है. इसमें कोई दिक्कत नहीं है, प्रत्येक राज्य के अलग-अलग नियम हैं. प्रदेश में अधिक डिफाल्टर क्षेत्र की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि रोहतक, सोनीपत, भिवानी और जींद का क्षेत्र अधिक डिफाल्टर हैं. जबकि सिरसा, फतेहाबाद और हिसार क्षेत्र में डिफॉल्टर कम हैं. हिसार के हांसी, नारनौंद सबडिवीजन और फतेहाबाद के कंडी, समैण आदि गांव डिफाल्टर हैं.
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सरकारी विभागों के बकाया बिल की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 360 करोड रुपये की राशि बकाया है. हरियाणा में प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना को लेकर बिजली मंत्री ने कहा कि कुछ बड़े शहरों में बहुमंजिला इमारतों में किराएदार रहते हैं. जिसकी वजह से प्रीपेड मीटरों को कोर्ट में चैलेंज किया जाता है. इसलिए इसमें नहीं उलझा जाएगा और इसे स्थगित किया गया है.