ETV Bharat / state

हरियाणा के इस जिले में है महिला हॉकी खिलाड़ियों की 'फैक्ट्री', कोच आजाद सिंह 350 से ज्यादा प्लेयर को दे चुके प्रशिक्षण - coach azad trains women hockey players in hisar

कबड्डी, कुश्ती और बॉक्सिंग के बाद हॉकी में भी हरियाणा नाम कमा रहा है. खासकर महिलाएं इस खेल में आगे बढ़ रही हैं. हिसार की हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के हॉकी ग्राउंड में कोच आजाद सिंह महिला खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हैं. उनसे ट्रेनिंग लेकर करीब 350 महिला हॉकी खिलाड़ी पदक जीत चुकी हैं.

haryana agricultural university sports academy
haryana agricultural university sports academy
author img

By

Published : Apr 30, 2022, 10:00 PM IST

हिसार: हरियाणा को मेडल की खान के नाम से भी जाना जाता है. चाहे ओलंपिक हो, कॉमनवेल्थ गेम्स हो, नेशनल हो या फिर इंटरनेशनल गेम्स, हरियाणा के खिलाड़ी देश में सबसे आगे रहते हैं. कबड्डी, कुश्ती और बॉक्सिंग के बाद हॉकी में भी हरियाणा का अहम योगदान है. वर्तमान में भारतीय महिला हॉकी टीम में खेल रही चार खिलाड़ी हिसार के एचएयू हॉकी ग्राउंड (haryana agricultural university hockey academy) से हैं. जिन्हें कोच आजाद सिंह मलिक ने ट्रेंड किया है.

आजाद सिंह मलिक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्पोर्ट कॉलेज में बतौर शिक्षक तैनात हैं. वो साल 2005 से महिलाओं को हॉकी सिखा रहे हैं. आजाद सिंह मलिक के से प्रशिक्षण लेकर महिला खिलाड़ी ओलंपिक, कॉमनवेल्थ और वर्ल्ड चैंपियनशिप खेल चुकी हैं. करीब 350 लड़कियां इस ग्राउंड से जूनियर, सब जूनियर, सीनियर, और नेशनल प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी हैं. सविता पूनिया, उदिता, पूनम मलिक, सोनिका, दीपिका ये सब वो महिला हॉकी खिलाड़ी हैं जो भारतीय हॉकी टीम के लिए खेल रही हैं.

हरियाणा के इस जिले में है महिला हॉकी खिलाड़ियों की 'फैक्ट्री'

इसी ग्राउंड से सिखकर ये खिलाड़ी आज कामयाबी के शिखर पर पहुंची हैं. जूनियर 2021 हॉकी इंडिया नेशनल चैंपियनशिप में 11 खिलाड़ी इसी मैदान से प्रशिक्षण लेकर गई थी. वहीं साल 2022 में 10 महिला खिलाड़ियों ने इसी मैदान से प्रशिक्षण लेकर हॉकी इंडिया नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कोच आजाद सिंह मलिक ने बताया कि मैंने 17 साल पहले 2005 में यहां लड़कियों को हॉकी (hockey academy for women in haryana) खिलाना शुरू किया था.

शुरुआत में तो पेरेंट्स लड़कियों को बहुत ही कम खेलने के लिए भेजते थे, लेकिन जब धीरे-धीरे नेशनल लेवल पर और स्टेट लेवल पर मेडल आने लगे, तब स्पोर्ट्स के प्रति लड़कियों का रुझान बढ़ा. शुरुआत में बहुत सी दिक्कतें सामने आई, लड़कियों को खिलाना, सामाजिक तौर पर उनका मैदान के भीतर व बाहर के व्यवहार को लेकर उन्हें गाइड करना काफी मुश्किल रहा. समाज की सोच ये भी थी कि लड़कियां खेल रही हैं तो उनको देखने के लिए यहां बहुत भीड़ इकट्ठा हो जाती थी.- आजाद मलिक, हॉकी कोच

कोच आजाद सिंह ने बताया कि धीरे-धीरे हमने इस समस्या का सामना किया, फिर लोगों के अंदर समझ आई कि लड़कियों को भी खेलने का अधिकार है, वरना यहां बहुत से लोग देखने के लिए इकट्ठा हो जाते थे और ट्रेनिंग करने में बहुत डिस्टरबेंस होती थी. हमने मेहनत की और लड़कियां आगे बढ़ी. आज यहां लड़कियां बिना किसी चिंता और पूरी सुरक्षा के साथ अपना गेम (coach azad trains women hockey players in hisar) खेल रहीं हैं. कोच आजाद सिंह मलिक ने बताया कि साल 2007 में इस ग्राउंड से जिस लड़की को पहली अचीवमेंट मिली थी, वो पूनम मलिक थी.

haryana agricultural university sports academy
कोच आजाद सिंह 350 से ज्यादा प्लेयर को दे चुके प्रशिक्षण

पूनम इटली में 3 नेशनल टूर्नामेंट में भारत के लिए खेली थी. वर्तमान में गोलकीपर सविता पूनिया भी 2009 में इंडिया टीम के लिए खेलने लगी थी. मोना नाम की हॉकी खिलाड़ी ने बताया कि मैं साल 2006 से यहां खेल रही हूं, अभी मैं इंडिया कैंप भी अटेंड करके आई हूं, मोना ने कोच आज़ाद सिंह मलिक को लेकर कहा कि डोमेस्टिक हॉकी में दूसरे कोच को समझने के लिए भाषा और अन्य तकनीकों सहायता लेनी पड़ती है, लेकिन आजाद सर के साथ कोई दिक्कत नहीं आती. व हमारे साथ माता पिता की तरह व्यवहार करते हैं. शुरू से यहां खेल रहे हैं तो यहां माहौल ऐसा है कि जल्दी समझ में आता है.

haryana agricultural university sports academy
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का हॉकी ग्राउंड

सीनियर खिलाड़ी उषा ने बताया कि मैं उमरा गांव से यहां आकर आजाद सर के साथ सालभर से प्रैक्टिस कर रही हूं और मैं सीनियर नेशनल तक खेल चुकी हूं, अजाद सर हमें बहुत अच्छे तरीके से सीखाते हैं. हमारे इसी ग्राउंड से बड़े-बड़े खिलाड़ी आजाद सर से सीखकर ओलंपिक और कॉमनवेल्थ तक पहुंचे हैं. प्रदेश से कोई भी लड़की यहां हॉकी सीखने के लिए अकेडमी में आ सकती है. उसके लिए कोई भी फीस नहीं ली जाती. इसके साथ किसी भी तरह का ट्रेनिंग चार्ज या कोई शुल्क बच्चों से नहीं लिया जाता और साथ ही बच्चों को जहां तक संभव हो सके स्पॉन्सर के जरिए हॉकी ड्रेस व अन्य सामान भी उपलब्ध करवाया जाता है.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

हिसार: हरियाणा को मेडल की खान के नाम से भी जाना जाता है. चाहे ओलंपिक हो, कॉमनवेल्थ गेम्स हो, नेशनल हो या फिर इंटरनेशनल गेम्स, हरियाणा के खिलाड़ी देश में सबसे आगे रहते हैं. कबड्डी, कुश्ती और बॉक्सिंग के बाद हॉकी में भी हरियाणा का अहम योगदान है. वर्तमान में भारतीय महिला हॉकी टीम में खेल रही चार खिलाड़ी हिसार के एचएयू हॉकी ग्राउंड (haryana agricultural university hockey academy) से हैं. जिन्हें कोच आजाद सिंह मलिक ने ट्रेंड किया है.

आजाद सिंह मलिक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्पोर्ट कॉलेज में बतौर शिक्षक तैनात हैं. वो साल 2005 से महिलाओं को हॉकी सिखा रहे हैं. आजाद सिंह मलिक के से प्रशिक्षण लेकर महिला खिलाड़ी ओलंपिक, कॉमनवेल्थ और वर्ल्ड चैंपियनशिप खेल चुकी हैं. करीब 350 लड़कियां इस ग्राउंड से जूनियर, सब जूनियर, सीनियर, और नेशनल प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी हैं. सविता पूनिया, उदिता, पूनम मलिक, सोनिका, दीपिका ये सब वो महिला हॉकी खिलाड़ी हैं जो भारतीय हॉकी टीम के लिए खेल रही हैं.

हरियाणा के इस जिले में है महिला हॉकी खिलाड़ियों की 'फैक्ट्री'

इसी ग्राउंड से सिखकर ये खिलाड़ी आज कामयाबी के शिखर पर पहुंची हैं. जूनियर 2021 हॉकी इंडिया नेशनल चैंपियनशिप में 11 खिलाड़ी इसी मैदान से प्रशिक्षण लेकर गई थी. वहीं साल 2022 में 10 महिला खिलाड़ियों ने इसी मैदान से प्रशिक्षण लेकर हॉकी इंडिया नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कोच आजाद सिंह मलिक ने बताया कि मैंने 17 साल पहले 2005 में यहां लड़कियों को हॉकी (hockey academy for women in haryana) खिलाना शुरू किया था.

शुरुआत में तो पेरेंट्स लड़कियों को बहुत ही कम खेलने के लिए भेजते थे, लेकिन जब धीरे-धीरे नेशनल लेवल पर और स्टेट लेवल पर मेडल आने लगे, तब स्पोर्ट्स के प्रति लड़कियों का रुझान बढ़ा. शुरुआत में बहुत सी दिक्कतें सामने आई, लड़कियों को खिलाना, सामाजिक तौर पर उनका मैदान के भीतर व बाहर के व्यवहार को लेकर उन्हें गाइड करना काफी मुश्किल रहा. समाज की सोच ये भी थी कि लड़कियां खेल रही हैं तो उनको देखने के लिए यहां बहुत भीड़ इकट्ठा हो जाती थी.- आजाद मलिक, हॉकी कोच

कोच आजाद सिंह ने बताया कि धीरे-धीरे हमने इस समस्या का सामना किया, फिर लोगों के अंदर समझ आई कि लड़कियों को भी खेलने का अधिकार है, वरना यहां बहुत से लोग देखने के लिए इकट्ठा हो जाते थे और ट्रेनिंग करने में बहुत डिस्टरबेंस होती थी. हमने मेहनत की और लड़कियां आगे बढ़ी. आज यहां लड़कियां बिना किसी चिंता और पूरी सुरक्षा के साथ अपना गेम (coach azad trains women hockey players in hisar) खेल रहीं हैं. कोच आजाद सिंह मलिक ने बताया कि साल 2007 में इस ग्राउंड से जिस लड़की को पहली अचीवमेंट मिली थी, वो पूनम मलिक थी.

haryana agricultural university sports academy
कोच आजाद सिंह 350 से ज्यादा प्लेयर को दे चुके प्रशिक्षण

पूनम इटली में 3 नेशनल टूर्नामेंट में भारत के लिए खेली थी. वर्तमान में गोलकीपर सविता पूनिया भी 2009 में इंडिया टीम के लिए खेलने लगी थी. मोना नाम की हॉकी खिलाड़ी ने बताया कि मैं साल 2006 से यहां खेल रही हूं, अभी मैं इंडिया कैंप भी अटेंड करके आई हूं, मोना ने कोच आज़ाद सिंह मलिक को लेकर कहा कि डोमेस्टिक हॉकी में दूसरे कोच को समझने के लिए भाषा और अन्य तकनीकों सहायता लेनी पड़ती है, लेकिन आजाद सर के साथ कोई दिक्कत नहीं आती. व हमारे साथ माता पिता की तरह व्यवहार करते हैं. शुरू से यहां खेल रहे हैं तो यहां माहौल ऐसा है कि जल्दी समझ में आता है.

haryana agricultural university sports academy
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का हॉकी ग्राउंड

सीनियर खिलाड़ी उषा ने बताया कि मैं उमरा गांव से यहां आकर आजाद सर के साथ सालभर से प्रैक्टिस कर रही हूं और मैं सीनियर नेशनल तक खेल चुकी हूं, अजाद सर हमें बहुत अच्छे तरीके से सीखाते हैं. हमारे इसी ग्राउंड से बड़े-बड़े खिलाड़ी आजाद सर से सीखकर ओलंपिक और कॉमनवेल्थ तक पहुंचे हैं. प्रदेश से कोई भी लड़की यहां हॉकी सीखने के लिए अकेडमी में आ सकती है. उसके लिए कोई भी फीस नहीं ली जाती. इसके साथ किसी भी तरह का ट्रेनिंग चार्ज या कोई शुल्क बच्चों से नहीं लिया जाता और साथ ही बच्चों को जहां तक संभव हो सके स्पॉन्सर के जरिए हॉकी ड्रेस व अन्य सामान भी उपलब्ध करवाया जाता है.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.