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हरियाणा: देश का इकलौता संस्थान करेगा चमगादड़ों पर रिसर्च, खतरनाक वायरस की जुटाएगा जानकारी

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Published : May 7, 2021, 9:44 AM IST

Updated : May 7, 2021, 10:34 AM IST

चमगादड़ और अन्य पशुओं में ऐसे कौन-कौन से वायरस हैं? जो इंसानों के लिए भविष्य में खतरा बन सकते हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र को इसके शोध की जिम्मेदारी सौंपी है.

Hisar: This institute will research dangerous viruses present in bats for human
हिसार:चमगादड़ में मौजूद मनुष्य के लिए खतरनाक वायरसों का शोध करेगा ये संस्थान

हिसार: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने देश के इकलौते केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. चमगादड़ और अन्य पशुओं में ऐसे कौन-कौन से वायरस हैं जो इंसानों के लिए खतरा बन सकते हैं. इसका अध्ययन केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र करेगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना मरीज घर पर रहकर कैसे करें इलाज? PGI के डॉक्टर से जानें किन बातों का रखें ध्यान

बता दें कि इस शोध का मकसद कोविड की तरह भविष्य में किसी वायरस के फैलने की कितनी आशंकाएं हैं. इसका पता लगाया जाएगा और उसके लिए डाटाबेस तैयार करना है. इसमें बर्ड फ्लू जैसी उन बीमारियों को भी शामिल किया जाएगा जो पहले ही पशु-पक्षियों से इंसानों में हो चुकी हैं. बता दें कि लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते पशु-पक्षियों की किसी भी बीमारी का ट्रांसमिशन इंसानों में हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञ पहले से ही इसकी तैयारियां कर रहे हैं.

केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बलदेव गुलाटी ने बताया कि आईसीएमआर की तरफ से उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के चमगादड़ों और पशुओं में ऐसी बीमारियों की पहचान करनी है जो इंसानों में आ सकती है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा: जिंदा रहे तो 'सांस' मुश्किल हो गई, मर गए तो चिता महंगी

डॉ. बलदेव गुलाटी ने बताया कि इन बीमारियों की पहचान करके पशुओं और इंसानों के चिकित्सकों के बीच समन्वय करना है.जिससे कि भविष्य में कोई ऐसी जूनोटिक बीमारी आए तो सही वक्त पर सूचनाओं का आदान प्रदान करके बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके.

हिसार: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने देश के इकलौते केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. चमगादड़ और अन्य पशुओं में ऐसे कौन-कौन से वायरस हैं जो इंसानों के लिए खतरा बन सकते हैं. इसका अध्ययन केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र करेगा.

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बता दें कि इस शोध का मकसद कोविड की तरह भविष्य में किसी वायरस के फैलने की कितनी आशंकाएं हैं. इसका पता लगाया जाएगा और उसके लिए डाटाबेस तैयार करना है. इसमें बर्ड फ्लू जैसी उन बीमारियों को भी शामिल किया जाएगा जो पहले ही पशु-पक्षियों से इंसानों में हो चुकी हैं. बता दें कि लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते पशु-पक्षियों की किसी भी बीमारी का ट्रांसमिशन इंसानों में हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञ पहले से ही इसकी तैयारियां कर रहे हैं.

केंद्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बलदेव गुलाटी ने बताया कि आईसीएमआर की तरफ से उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के चमगादड़ों और पशुओं में ऐसी बीमारियों की पहचान करनी है जो इंसानों में आ सकती है.

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डॉ. बलदेव गुलाटी ने बताया कि इन बीमारियों की पहचान करके पशुओं और इंसानों के चिकित्सकों के बीच समन्वय करना है.जिससे कि भविष्य में कोई ऐसी जूनोटिक बीमारी आए तो सही वक्त पर सूचनाओं का आदान प्रदान करके बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके.

Last Updated : May 7, 2021, 10:34 AM IST
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