हिसार: अखिल भारतीय किसान सभा की जिला कमेटी ने शमशेर सिंह की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय पर धरना देकर प्रशासन और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार से खराब हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की.
दरअसल हिसार जिले में सफेद मक्खी और उखाड़े से कपास की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. वहीं पीले रतबा रोग से मूंग, सुंडी रोग से बाजरा और जलभराव व चेपा से धान व गवार की फसलें खराब हो चुकी हैं. इसलिए किसानों ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग की.
इस संबंध में भारतीय किसान महासभा के जिला वरिष्ठ उपप्रधान सूबे सिंह बूरा ने कहा कि जलभराव से जिले के 50 गांवों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. कृषि व कीट वैज्ञानिकों को लेकर जिले के प्रत्येक गांव की फसलों का किसान सभा ने निरीक्षण करवाकर नुकसान का आंकलन कराया है. निरीक्षण के बाद वैज्ञानिकों ने जो रिपोर्ट पेश की है. उसमें जिले की फसलों व सब्जियों का नुकसान 70 से 100 प्रतिशत तक हुआ है. उसमें भी कपास व मूंग की फसल का शत-प्रतिशत नुकसान हुआ है.
इसलिये किसान सभा सरकार से मांग करती है कि प्रत्येक किसान को 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए. ताकि प्रदेश की खेती किसानी बच सके. उन्होंने कहा कि अगर 6 सितम्बर तक सरकार ने विशेष गिरदावरी के आदेश व नुकसान का आंकलन शुरु नहीं किया. तो किसान सभा 7 सितम्बर से जिला सचिवालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएगी.
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