हिसार: कॉमनवेल्थ गेम की बात की जाए या फिर ओलंपिक की, भारत के लिए पदक तालिका में हरियाणा के खिलाड़ियों का हमेशा नाम रहता है. इसीलिए हरियाणा को खेल पदकों की फैक्ट्री कहा जाता है. खेल उपलब्धियों में हिसार जिले का भी योगदान कम नहीं है. इस बार भी हिसार से टोक्यों ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में 6 खिलाड़ियों का चयन हुआ है. इनमें से तीन हॉकी खिलाड़ी सविता, उदिता व शर्मिला हैं.
पैरा ओलंपिक में तीन खिलाड़ी तरुण, एकता भयाण व अमित सरोहा चयनित हुए हैं. एकता और अमित पैरा ओलंपिक की थ्रो गेम कैटेगरी एफ-51 में खेलेंगे और तरुण बैडमिंटन के एसएल-4 कैटेगरी में खेलेंगे. खास बात ये है कि अमित सरोहा एकता के कोच हैं. इस बार टोक्यो पैरालंपिक में दोनों गुरु शिष्या एक साथ खेलेंगे.
सविता पूनिया ने हिसार से की थी शुरुआत
सिरसा के जोधका गांव की रहने वाली सविता पूनिया 15 साल से भी ज्यादा समय से हिसार में रहकर ही प्रैक्टिस कर रहीं है. सविता पूनिया के पिता सरकारी कर्मचारी हैं और सिरसा जिले में उनकी पोस्टिंग है. सविता ने हिसार के एचएयू में साई सेंटर में 2005 में जब वह 12 साल की थी तब खेलना शुरू किया था.
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धीरे-धीरे परिवार के सहयोग व कोच आजाद सिंह मलिक के मार्गदर्शन में उन्होंने राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया. अब कई साल से वे भारतीय हॉकी टीम में खेल रही हैं. सविता स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में बतौर कोच के पद पर भी कार्यरत हैं. हालांकि वह खेल रही हैं इसलिए ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है.
लड़कियों को खेलते देख शर्मिला ने थामी थी हॉकी
कैमरी गांव की रहने वाली खिलाड़ी शर्मिला के माता पिता ने बताया कि वह घर के पास में ही सरकारी स्कूल में पांचवी तक पढ़ी है और वहां स्कूल में बाकी लड़कियों को खेलते देखा तो उसने हॉकी खेलना शुरू किया था. उसके टैलेंट को देखकर गांव के स्कूल में डीपीई व राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही प्रवीणा सिहाग ने उसे चंडीगढ़ ट्रायल के लिए भेजा.
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वहां सिलेक्ट होने के बाद उसने 4 साल तक चंडीगढ़ में अभ्यास किया और उसके बाद सोनीपत की निजी एकेडमी में कोच प्रीतम सिवाच ने उसे सोनीपत बुला लिया. तब से वह सोनीपत में ही अभ्यास करती है. शर्मिला ने स्कूल गेम, खेलो इंडिया में राष्ट्रीय स्तर पर बेहद शानदार प्रदर्शन किया और अब ओलंपिक के लिए टीम में उसका चयन हुआ है. आज भी जब शर्मिला गांव में आती है तो प्रवीण सिहाग उन्हें प्रैक्टिस करवाती हैं.
8 साल की उम्र से हॉकी खेल रही उदिता
हॉकी खिलाड़ी उदिता के पिता जसबीर सिंह जोकि हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे. उनका 2015 में बीमारी के चलते निधन हो गया था. साल 2010 से उदिता जब 8 साल की थी तो साइंस सेंटर हिसार में कोच आजाद सिंह मलिक के पास खेलती थी. धीरे-धीरे वह स्कूल गेम्स से आगे बढ़ते हुए राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करती गई और एशियाड गेम में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें हरियाणा खेल विभाग हिसार में बतौर कोच की नौकरी मिली. फिलहाल वह नेशनल कैंप बेंगलुरु में अपनी टीम के साथ अभ्यास कर रही हैं और टोक्यो ओलंपिक को लेकर तैयारी में जुटी हुई हैं.
6 अंतर्राष्ट्रीय और 8 राष्ट्रीय पदक जीत चुकी एकता
पैरा ओलंपिक खिलाड़ी एकता भयाण हिसार के अर्बन स्टेट टू की रहने वाली हैं और पहली बार उनका ओलंपिक में चयन हुआ है. उनका कहना है उनका लक्ष्य सिर्फ स्वर्ण पदक जीतना है. बता दें कि एकता ने वर्ष 2018 में जकार्ता में हुए एशियन पैरा गेम्स में स्वर्ण पदक भी जीता था. एकता भयाण अब तक 6 अंतर्राष्ट्रीय और 8 राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं.
अमित सरोहा का तीसरी बार पैरालंपिक के लिए चयन
एशियाई पैरा खेलों के गोल्ड मेडलिस्ट अमित कुमार सरोहा ने भी टोक्यो पैरालंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया है. अमित कुमार सरोहा ने कहा कि ये मेरा तीसरा पैरालंपिक होगा. टोक्यो के लिए चयन का सफर आसान नहीं था, क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण शरीर कमजोर हो गया था, लेकिन हमारे हरियाणा में कहावत है कि 'हिम्मती का राम हिमाती'. उन्होंने कहा कि साथ ही खुशी की बात है कि मेरे दो छात्रों एकता और धर्मवीर का भी चयन हुआ है. एक कोच होने के नाते मेरे लिए इससे बड़ी गर्व की बात क्या होगी. हम तीनों देश के लिए पदक जरूर लेकर आएंगे.
बैडमिंटन खिलाड़ी तरुण से भी है गोल्ड की उम्मीद
बैडमिंटन खिलाड़ी तरुण ढिल्लों पैरा ओलंपिक की एसएल-4 केटेगरी में खेलते हैं और जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीतकर देश की झोली में डाल चुके हैं. एसएल-4 केटेगरी निचले अंगों की दुर्बलता को दर्शाता है और तरुण के दाएं घुटने में मूवमेंट की समस्या है. इस बार टोक्यो ओलंपिक में भी तरुण के गोल्ड मेडल जीतने की पूरी उम्मीद है.
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