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गुरुग्राम: पालड़ी गांव बना देश के लिए मिसाल! इस तकनीक से पाई खारे पानी से निजात

सरकार की तरफ से चलाई गई एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम (आइडब्ल्यूएमपी) मुहिम गांव के लिए वरदान साबित हुई. गांव में पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए पिछले साल बरसात से गांव में जोहड़ की खुदाई का काम किया गया. इस जोहड़ में पानी स्टोर करने की वजह से गांव के लोगों की सालों पुरानी खारे पानी की समस्या से निजात मिल गई.

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Published : Jul 11, 2019, 10:05 PM IST

पालड़ी गांव बना देश के लिए बना मिसाल! जोहड़ में पानी इकट्ठा कर पाया खारे पानी से निजात

गुरुग्राम: डार्क जोन घोषित हुआ साइबर सिटी का गांव पालड़ी एक ऐसा उदाहरण बन गया है जिसमें न केवल भूमिगत जलस्तर में सुधार हुआ है. बल्कि गांव वालों को खारे पानी से भी निजात मिल गया.

पालड़ी गांव की कोशिशों ने कर दिया चमत्कार, देखिए रिपोर्ट

ग्रामीणों का कहना है कि गांव से नदी का बरसाती नाला भी गुजरता है और बरसात के दिनों मे इस नाले से पानी व्यर्थ बह जाता था, मगर अब घटते भूजल स्तर में सुधार लाने और प्राकृतिक स्त्रोतों को संरक्षित कर लिया गया है.

महीने में 30 हजार रुपये खर्च कर खरीदते थे पानी
पहले इस गांव में ग्रामीण पीने का पानी खरीदने के लिए लगभग 30 हजार रुपये हर महीने खर्च करता था. अब पानी संचयन से उनकी उस समस्या का स्थाई समाधान हो गया है और गांव के प्रत्येक घर को इसका लाभ मिल रहा है. जब इस योजना को शुरू किया गया तब गांव में मुख्य समस्या पानी की थी.

ग्रामीण थे खारे पानी से परेशान
इस गांव में पहले जमीन का पानी इतना खारा था कि लोगों को पानी खरीदना पड़ता था. जिसकी वजह से गांव में लोगों को चर्म रोग और पेट की भी समस्या होने लगी थी. इस पानी के खारेपन से पशुपालन में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. क्योंकि दुधारू पशु पर्याप्त दूध ही नहीं देते थे.

सरपंच की और IWMP की कोशिशें हुई सफल
सरपंच ने पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए गांव में पीर वाले जोहड़ की खुदाई का काम किया गया. साल्हावास नहर से भूमिगत पाइप लाइन बिछाई गई और नहर से पीर वाले जोहड़ को जोड़ दिया गया. इसके बाद जोहड़ को नहर के पानी से भर दिया जाता था तथा बरसात का पानी भी इसमें इकट्‌ठा होता था. यह पानी रिसाव से जमीन के अंदर जाता रहा और करीब 4 सालों में भूमिगत जलस्तर बढ़ गया और पानी पीने योग्य मीठा हो गया.

जिला उपायुक्त ने भी सराहना की
गांव वालों ने वो कर दिखाया जिसकी शायद कल्पना भी मुमकिन नही थी. गांव की मेहनत और नेक इरादे ने ये चमत्कार कर दिखाया है. गुरुग्राम जिला उपायुक्त ने भी ग्रामीण के इस सराहनीय कार्य की तारीफ की. जब दुनिया जल संकट की समस्या से जूझ रहा है. इस दौरान इस तरह की खबरें मिलना वाकई खुशी देती है. इस पहल ने पालड़ी गांव को ही राहत नहीं दी है, बल्कि जल समस्या से जूझ रहे कई क्षेत्रों के लिए उदाहरण पेश किया है.

गुरुग्राम: डार्क जोन घोषित हुआ साइबर सिटी का गांव पालड़ी एक ऐसा उदाहरण बन गया है जिसमें न केवल भूमिगत जलस्तर में सुधार हुआ है. बल्कि गांव वालों को खारे पानी से भी निजात मिल गया.

पालड़ी गांव की कोशिशों ने कर दिया चमत्कार, देखिए रिपोर्ट

ग्रामीणों का कहना है कि गांव से नदी का बरसाती नाला भी गुजरता है और बरसात के दिनों मे इस नाले से पानी व्यर्थ बह जाता था, मगर अब घटते भूजल स्तर में सुधार लाने और प्राकृतिक स्त्रोतों को संरक्षित कर लिया गया है.

महीने में 30 हजार रुपये खर्च कर खरीदते थे पानी
पहले इस गांव में ग्रामीण पीने का पानी खरीदने के लिए लगभग 30 हजार रुपये हर महीने खर्च करता था. अब पानी संचयन से उनकी उस समस्या का स्थाई समाधान हो गया है और गांव के प्रत्येक घर को इसका लाभ मिल रहा है. जब इस योजना को शुरू किया गया तब गांव में मुख्य समस्या पानी की थी.

ग्रामीण थे खारे पानी से परेशान
इस गांव में पहले जमीन का पानी इतना खारा था कि लोगों को पानी खरीदना पड़ता था. जिसकी वजह से गांव में लोगों को चर्म रोग और पेट की भी समस्या होने लगी थी. इस पानी के खारेपन से पशुपालन में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. क्योंकि दुधारू पशु पर्याप्त दूध ही नहीं देते थे.

सरपंच की और IWMP की कोशिशें हुई सफल
सरपंच ने पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए गांव में पीर वाले जोहड़ की खुदाई का काम किया गया. साल्हावास नहर से भूमिगत पाइप लाइन बिछाई गई और नहर से पीर वाले जोहड़ को जोड़ दिया गया. इसके बाद जोहड़ को नहर के पानी से भर दिया जाता था तथा बरसात का पानी भी इसमें इकट्‌ठा होता था. यह पानी रिसाव से जमीन के अंदर जाता रहा और करीब 4 सालों में भूमिगत जलस्तर बढ़ गया और पानी पीने योग्य मीठा हो गया.

जिला उपायुक्त ने भी सराहना की
गांव वालों ने वो कर दिखाया जिसकी शायद कल्पना भी मुमकिन नही थी. गांव की मेहनत और नेक इरादे ने ये चमत्कार कर दिखाया है. गुरुग्राम जिला उपायुक्त ने भी ग्रामीण के इस सराहनीय कार्य की तारीफ की. जब दुनिया जल संकट की समस्या से जूझ रहा है. इस दौरान इस तरह की खबरें मिलना वाकई खुशी देती है. इस पहल ने पालड़ी गांव को ही राहत नहीं दी है, बल्कि जल समस्या से जूझ रहे कई क्षेत्रों के लिए उदाहरण पेश किया है.

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सरकार की तरफ से चलाई गई एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम (आइडब्ल्यूएमपी) मुहिम गांव के लिए वरदान साबित हुई. गांव में पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए पिछले साल बरसात से गांव में जोहड़ की खोदाई का काम किया गया. इस जोहड़ में पानी स्टोर करने की वजह से गांव के लोगों की सालों पुरानी खारे पानी की समस्या से निजात मिल गया.


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