गुरुग्राम: जिले में कछुओं की तस्करी (Turtle smuggling) के खिलाफ वन्य जीव विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है. बताया जा रहा है कि दिल्ली से कोरियर के जरिए कछुओं को लाया जाता था. कछुओं को गुरुग्राम में बेचा जाता था. गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी को एमजी रोड से गिरफ्तार किया गया है.
वन्य जीव विभाग (wildlife department) ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर-7 में रहने वाला एक व्यक्ति कछुओं की तस्करी करता था. वन्य जीव विभाग को सूचना मिली थी कि दिल्ली से कोरियर बॉय के जरिए कछुए लाए जा रहे हैं. जिनको गुरुग्राम में बेचा जाएगा. मिली सूचना के आधार पर वन्य जीव विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए तस्कर को गिरफ्तार कर लिया.
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी ने बताया है कि वह डिमांड के अनुसार कछुए दिल्ली से मंगा कर गुरुग्राम में 3000 से 5000 रुपए में बेचा करता था, यह काम वह बीते एक साल से करता आ रहा है. तस्कर से वन्य जीव विभाग को 33 कछुए बरामद हुए हैं. जिनमें 10 इंडियन टैंट कछुए और 13 ब्लैक स्पॉटेड पॉड कछुए बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि इन कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये कीमत है.
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बता दें कि आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. माननीय अदालत ने आरोपी को रिमांड पर भेज दिया है. रिमांड के दौरान वन्य जीव विभाग आरोपी से कछुओं की तस्करी से जुड़े नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा है. जिससे कि इस तस्करी से जुड़े अन्य लोगों को भी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे भेजा जा सके.
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बता दें कि भारत के संविधान में जन्तुओं के संरक्षण के दायित्व सम्मिलित किये गए हैं. भारत में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 ,जैव विविधता अधिनियम 2002 जैसे कानून भी हैं जो समग्र रूप से जैव विविधता का संरक्षण करते हैं.
देश में पाए जाने वाले कुछ दुर्लभ कछुए
- लेदरबैक कछुआ (डर्मीचेरलस कोरीअसीआ)
- हास्कबील कछुआ (इरीटमोचेइलस इम्ब्रीकेट)
- लागरहैड कछुआ (केरेटा)
- हरा कछुआ (चेइलोनिआ मायडास)
- ओलिव रिडले कछुआ (लेपीडोचेइलस ओलिविसीया)