गुरुग्राम: कोरोना की वजह से कई व्यापार ठप हुए हैं. लॉकडाउन के बाद एक बार फिर बाजार गुलजार हुए. धीरे-धीरे सभी कारोबार चलने लगे, लेकिन आज भी कुछ लोगों के लिए हालात समान्य नहीं हुए. ये सब हुआ वर्क फ्रॉम होम फॉर्मुला की वजह से. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने आज ये जानने की कोशिश की कि वर्क फ्रॉम होम के दौर में साइबर सिटी गुरुग्राम के कैब ड्राइवर्स की जिंदगी कैसे बदल गई.
वर्क-फ्रॉम-होम ने बर्बाद किया ट्रैक्सी कारोबार
साइबर सिटी गुरुग्राम में बड़ी-बड़ी कंपनियों के कॉरपोरेट ऑफिस हैं. एक-एक दफ्तर में सैंकड़ों कर्मचारी काम करते हैं. कोरोना संक्रमण के दौर से पहले इन बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए सैकड़ों टैक्सी काम करती थीं, लेकिन आज इन ट्रांसपोर्टर्स के लिए कोई काम. आलम ये है कि 60 प्रतिशत से ज्यादा ड्राइवर बेरोजगार हो गए. तो वहीं जो 40 फीसदी ड्राइवर काम कर रहे हैं, उन्हें 50 प्रतिशत से भी कम तनख्वाह दी जा रही है.
सरकारी टैक्स ने भी डाला बोझ
टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस करने वाले राहुल का कहना है कि कमर्शियल वाहन को सरकार को हर महीने का टैक्स जमा कराना पड़ता है. वहीं टूर एंड ट्रेवल्स के व्यापार करने वाले व्यापारियों की मानें तो सरकार की तरफ से सिर्फ केवल अप्रैल और मई के महीने में टैक्स में छूट दी गई थी और अब दोबारा टैक्स देना पड़ रहा है, लेकिन ट्रैवल्स का काम अभी भी शून्य है.
अपनी गाड़ी बेचकर कैब ड्राइवर चला रहें है घर
गुरुग्राम के रहने वाले ड्राइवर की माने तो इन्होंने एक गाड़ी किस्तों पर ली थी, सिर्फ यह सोच कर कि ये उस गाड़ी से पैसा कमा कर अपना घर चला सकेंगे, लेकिन लॉक डाउन और वर्क फ्रॉम होम होने के कारण इनके पास काम नहीं बचा तो किस्त चुकाने में असफल हो गए. जिस वजह से इनकी गाड़ी बैंक वालों ने जब्त कर ली.
हमने पाया कि सिर्फ वर्क फ्रॉम होम ही बड़ा कारण नहीं है, बल्कि इस इंडस्ट्री के घाटे में जाने का एक बड़ा कारण टूरिज्म और स्कूल बंद होना भी है. कई गाड़ियां और मिनी बस स्कूल और टूरिज्म के लिए इस्तेमाल की जाती थी, लेकिन अभी स्कूल बंद होने से ना ही गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है और ना ही इनको स्कूलों की तरफ से कोई मदद मिल पा रही है.
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टूरिज्म, स्कूल बंद होने से हुआ नुकसान
ये सही है कि कोरोना काल में घर रहना ही सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय है.. और वर्क-फ्रॉम-होम इसके लिए सबसे प्रभावशाली तरीका है, लेकिन इन टैक्सी ड्राइवर्स के लिए संकट का वक्त है. टूर एंड ट्रैवल्स बिजनैस से ताल्लुक रखने वाले लोग निराशा भरे माहौल में है, तो कुछ लोगों ने अपना काम-धाम बंद कर, कुछ और काम करने का मन बना लिया है और जो अभी भी डटे हुए हैं वो बस उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही स्थिति समान्य हो और कारोबार भी चल पड़े.