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गुरुग्राम: सरकार की अधिग्रहित जमीन प्राइवेट कंपनी को 2 करोड़ में बेची, 2 अधिवक्ताओं सहित 3 गिरफ्तार

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Published : Jan 22, 2021, 6:43 AM IST

इस्लामपुर गांव की 2 एकड़ भूमि, जो 1993 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से अधिग्रहित की गई थी, इसे जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों और गवाहों के आधार पर एक निजी कंपनी को दो करोड़ रुपये में बेच दी थी.

haryana government acquired land sale gurugram
सरकार की अधिग्रहित जमीन प्राइवेट कंपनी को 2 करोड़ में बेची

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में हरियाणा सरकार की ओर से अधिग्रहित की हुई 2 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से एक निजी कंपनी को बेचकर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का खुलासा हुआ है. गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में दो अधिवक्ताओं सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस्लामपुर गांव की 2 एकड़ भूमि, जो 1993 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से अधिग्रहित की गई थी, इसे जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों और गवाहों के आधार पर एक निजी कंपनी को दो करोड़ रुपये में बेच दी थी.

निजी कंपनियों को बेची अधिग्रहित जमीन

जल्दी रुपये कमाने के चक्कर में गिरफ्तार मामले का मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान झाड़सा गांव का रहने वाला है. उसने इस्लामपुर गांव के अजय चौधरी ने मिलीभगत करके मूर्ति देवी, लक्ष्मी देवी और बाला देवी सहित कई दूसरी औरतों के नाम पर अधिग्रहित जमीन को इन महिलाओं की पैतृक संपत्ति बताया. इसके लिए फर्जी गवाहों का भी इस्तेमाल किया गया.

फर्जी गवाह दिखकार जमीन की ट्रांसफर

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि फर्जी गवाह दिखाकर फिर ये जमीन अजय के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई. इस मामले में संपत्ति की असली मालिकों की पहचान करने वाले गवाह और एडवोकेट चमन लाल अरोड़ा और सुभाष चंद अरोड़ा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.

ये भी पढ़िए: झज्जर: 3 दिन से लापता युवती का शव गांव की जोहड़ से बरामद

इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब पीड़ितों में से मूर्ति देवी ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए स्टेट क्राइम ब्रांच (गुरुग्राम यूनिट) मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान और एडवोकेट चमन लाल अरोड़ा और एडवोकेट सुभाष चंद अरोड़ा को गिरफतार कर लिया.

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में हरियाणा सरकार की ओर से अधिग्रहित की हुई 2 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से एक निजी कंपनी को बेचकर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का खुलासा हुआ है. गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में दो अधिवक्ताओं सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस्लामपुर गांव की 2 एकड़ भूमि, जो 1993 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से अधिग्रहित की गई थी, इसे जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों और गवाहों के आधार पर एक निजी कंपनी को दो करोड़ रुपये में बेच दी थी.

निजी कंपनियों को बेची अधिग्रहित जमीन

जल्दी रुपये कमाने के चक्कर में गिरफ्तार मामले का मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान झाड़सा गांव का रहने वाला है. उसने इस्लामपुर गांव के अजय चौधरी ने मिलीभगत करके मूर्ति देवी, लक्ष्मी देवी और बाला देवी सहित कई दूसरी औरतों के नाम पर अधिग्रहित जमीन को इन महिलाओं की पैतृक संपत्ति बताया. इसके लिए फर्जी गवाहों का भी इस्तेमाल किया गया.

फर्जी गवाह दिखकार जमीन की ट्रांसफर

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि फर्जी गवाह दिखाकर फिर ये जमीन अजय के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई. इस मामले में संपत्ति की असली मालिकों की पहचान करने वाले गवाह और एडवोकेट चमन लाल अरोड़ा और सुभाष चंद अरोड़ा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.

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इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब पीड़ितों में से मूर्ति देवी ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए स्टेट क्राइम ब्रांच (गुरुग्राम यूनिट) मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान और एडवोकेट चमन लाल अरोड़ा और एडवोकेट सुभाष चंद अरोड़ा को गिरफतार कर लिया.

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