गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम की तुलना सिंगापुर से की जाती है, लेकिन मानसून के दिनों में भारत के सिंगापुर की पोल खुल जाती है. गुरुग्राम में सिर्फ 15 से 20 मिनट की बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव हो जाता है. प्रदेश में मानसून आने वाला है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने इस बार जिला प्रशासन की तैयारियों का जायजा लिया.
साइबर सिटी गुरुग्राम में मानसून के दिनों में जलभराव की समस्या हर साल देखने को मिलती है. जिला प्रशासन और नगर निगम जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए हर साल बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन ये सारे दावे बारिश में खोखले साबित होते हैं. जिसकी वजह से कई किलोमीटर लंबा जाम भी लग जाता है.
हुक्मरान बदले, हालात नहीं!
इस बारिश की वजह से टैक्सी चालकों और बाइक चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. टैक्सी ड्राइवर की माने तो बारिश के समय जलभराव के चलते सड़कों पर गड्ढ़े तक दिखाई नहीं देते हैं. जिससे गाड़ी को भी नुकसान होने का खतरा बना रहता है. टैक्सी ड्राइवर की मानें तो कुर्सियों पर बैठने वाले अधिकारी तो बदले, लेकिन पिछले 8-9 सालों से गुरुग्राम में जलभराव की स्थिति ज्यो कि त्यों है.
अब क्या है तैयारी?
गुरुग्राम नगर निगम ने आगामी होने वाले जलभराव से निपटने का प्लान बनाया है. योजना के तहत पहले नालों और सीवर लाइन की सफाई कराई जाएगी. जिससे बारिश होने पर जलभराव जैसी स्थिति से बचा जा सके. इस योजना पर नगर निगम और जेएमडीए दोनों मिलकर काम करेंगे. निगम के अधिकारियों का कहना है कि सीवर की सफाई के लिए 10 सुपर सकर मशीन, 10 चैटिंग मशीन, ट्रैक्टर माउंटेन किराए पर लिए जाएंगे.
हालांकि नगर निगम और जेएमडीए जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे तो कर रहा है, लेकिन यह तो आने वाला मानसून ही बताएगा कि दावों की हकीकत क्या है. हालांकि आज सुबह गुरुग्राम में हुई आधे घंटे की बारिश से इफको चौक पर जलभराव हो गया. जिससे लोगों को दो-चार होना पड़ा.
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