गुरुग्राम: नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में बीजेपी जन जागरण अभियान चला रही है. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस अभियान में हिस्सा लिया. सोमवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पटौदी में लोगों को जागरुक किया.
एक तरफ वसुंधरा राजे ने जनता को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में जागरुक किया. दूसरी तरफ उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. वसुंधरा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश के किसी भी नागरिक के विरोध में नहीं है. ना ही इस कानून से किसी भारतीय को डरने की जरूरत है. विपक्ष इस कानून पर लोगों को भड़काने का काम कर रहा है.
क्या है नागरिकता संशोधन बिल?
नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया गया, जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव हो गया है. नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो गया है.
ये भी पढ़ें- परिवहन मंत्री के साथ बैठक के बाद रोडवेज कर्मचारियों ने 7 जननवरी से होने वाली हड़ताल वापस ली
कम हो जाएगी निवास अवधि
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास करने वाले लोग योग्य होते थे. नागरिकता संशोधन कानून में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल करने का प्रावधान है.