गुरुग्राम: कैश वैन लूट (cash van robbery case in gurugram) के मामले में अभी तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए DGP ने आरोपियों पर 2 लाख का इनाम रखा है. आरोपियों की जानकारी देने वाले को पुलिस 2 लाख रुपये का इनाम देगी. आरोपी की जानकारी देने वाले की पहचान को गुप्त रखा जाएगा. इस मामले में कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम पुलिस ने कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की भी सिफारिश की है.
गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक कैश वैन में वारदात के दौरान कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था. कंपनी की तरफ से सुरक्षा में लापरवाही बरती गई. कंपनी की तरफ से किसी भी कर्मचारी को कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई थी. बता दें कि गुरुग्राम के सुभाष चौक पर 4-5 हथियारबंद बदमाशों ने लगभग 96 लाख की लूट की वारदात को दिया था. गुरुग्राम पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कंपनी के खिलाफ कई खुलासे किए हैं. गुरुग्राम पुलिस ने मेसर्स एस एंड आईबी की ओर से गंभीर चूक का खुलासा किया है.
पुलिस ने कहा कि नकद परिवहन में शामिल निजी कंपनी "निजी सुरक्षा विनियमन अधिनियम 2005 और हरियाणा निजी सुरक्षा के नियमों को नकद परिवहन गतिविधि नियम 2019" में निर्धारित शर्तों के पूर्ण उल्लंघन में नकद परिवहन कर रही थी. नकदी के परिवहन के लिए इस्तेमाल की जा रही EECO कार अनुसूची 1 (संलग्न) में निर्धारित डिजाइन के किसी भी निर्देश का अनुपालन नहीं करती थी.
ग्रिल के साथ कोई नकद डिब्बे नहीं था, कोई कैश बॉक्स नहीं, कार की खिड़कियों और विंडस्क्रीन में कोई तार की जाली नहीं लगाई गई है, कोई सीसीटीवी नहीं, जीएसएम आधारित ऑटो डायलर सिस्टम के साथ कोई अलार्म/हूटर नहीं. कंपनी ने कैश वैन में कर्मियों की तैनाती के संबंध में निर्धारित सभी मानदंडों का भी उल्लंघन किया - केवल 3 व्यक्ति (ड्राइवर सहित)वैन में थे जबकि कोई सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं था. सभी 3 कर्मियों को हाल ही में भर्ती किया गया था और वे ट्रेनेड भी नहीं थे. उन्होंने खिड़कियां खुली रखीं और नकदी ढीले बैग में पड़ी थी. इसलिए गुरुग्राम पुलिस ने निजी कंपनी मैसर्स एस एंड आईबी प्राइवेट को रद्द करने की सिफारिश की है.
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