गुरुग्राम: मनोहर सरकार ने बेशक बेरोजगार युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून बना कर बड़ा सियासी दांव खेला हो, लेकिन अब सरकार की मुश्किलों का बड़ा कारण बनती जा रही है. नैसकॉम ने मनोहर सरकार को आरक्षण कानून पर चेताया कि अगर जल्द 75 प्रतिशत आरक्षण को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ तो 400 से 500 कम्पनियां जिसमें आईटी बीपीओ ऑटो मोबाइल सेक्टर या गारमेंट उद्योग शामिल है गुरुग्राम और बाकी जिलों से पलायन कर नोयडा, राजस्थान या अन्य राज्यों का रुख कर सकती हैं.
इस मामले में नैसकॉम के प्रतिनिधि विनोद सूद की माने तो इन तमाम पयालन करने वाली कंपनियों में 4 से 5 लाख कमर्चारी काम करते है. ऐसे में सरकार को इस बारे में फिर से विचार कर आरक्षण को खत्म करने की दिशा में काम करना होगा अन्यथा उद्योगों को लेकर हालात बद्दतर हो सकते हैं.
नैसकॉम ने निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर किया सर्वे
वहीं इस मामले में नैस्कॉम के प्रतिनिधि की माने तो उन्होंने 75 प्रतिशत आरक्षण को लेकर एक सर्वे भी करवाया है, जिसमें 75 कंपनियों के डेढ़ लाख कमर्चारियों ने हिस्सा लिया था. नैस्कॉम के इस सर्वे में निकले परिणाम ने सरकार के इस कानून को नकारात्मक सोच वाला राजनैतिक फैसला बताया है. नैस्कॉम के प्रतिनिधि की माने तो गुरुग्राम आईटी और बीपीओ की कैपिटल मानी जाती रही है और ऐसा नहीं है कि आईटी और बीपीओ सेक्टर के गुरुग्राम से पलायन करने पर इन्ही सेक्टर्स के क्षेत्र में नौकरियों को नुकसान पहुंचेगा बल्कि ट्रांसपोर्टेशन, हाउसकीपिंग, कैफेटेरिया सर्विसेज, सिक्युरिटी सर्विसेज जैसी नौकरियों को भी प्रभावित करेगा.
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क्या4 है नैसकॉम?
नैसकॉम (National Association of Software and Services Companies) जो कि एक गैर लाभकारी इंडस्ट्री एसोसिएशन हैं और भारत में तकरीबन 180 बिलियन डॉलर के IT BPM उद्योग के लिए बिजेनस करती हैं. एक ऐसा उद्योग जिसने भारत के जीडीपी, निर्यात, रोजगार, बुनियादी ढांचे और वैश्विक दृश्यता में अभूतपूर्व योगदान देती आ रही हैं. भारत में, यह उद्योग निजी क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है. नैसकॉम 1988 में स्थापित हुआ और तब से, नैसकॉम की अथक खोज IT BPM उद्योग को लगातार समर्थन देने की रही है.
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