गुरुग्राम: नगर निगम गुरुग्राम का एक फैसला इन दिनों काफी चर्चा में है. निगम ने मंगलवार के दिन साइबर सिटी में मीट शॉप को बंद रखने का आदेश दिया है. इसके पीछे क्या मुख्य कारण हैं ये तो अभी नहीं मालूम लेकिन, निगम का ये फैसला मीट का व्यवसाय करने वालों पर भारी पड़ता दिख रहा है.
मंगलवार को जब नगर निगम के कर्मचारी मस्जिद के पास मीट की दुकानों को बंद करवाने पहुंचे तो उनको विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि नगर निमग के सख्त रवैये को देखते हुए लगभग सभी मीट शॉप मालिकों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया. लेकिन मीट शॉप मालिकों में निगम के फैसले के खिलाफ गुस्सा साफ देखा जा सकता था.
मस्जिद मीट शॉप एसोसिएशन के प्रधान ताहिर खान का कहना है कि कोई मंगलवार को मीट खाए या शुक्रवार को ये हर नागरिक का निजी मामला और हमारा संविधान हमें किसी भी दिन कुछ भी खाने-पीने की छूट देता है. तो ऐसे में नगर निगम ने का ये फैसला बेतुका और गलत है.
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कुछ और मीट शॉप मालिकों का कहना था कि अगर ये फैसला लेना ही था तो सरकार लेती. सिर्फ गुरुग्राम में ही क्यों पूरे प्रदेश में ऐसा ही करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हमें कुछ समय का वक्त तो दिया जाता. एक दम से फैसला सुनाकर दुकानों को बंद करवाना ये नगर निगम की गुंडागर्दी है.
मीट एसोसिएशन के प्रधान ताहिर खान की मानें वो तो जल्द इस मामले को लेकर नगर निगम कमिश्नर और डीसी गुरुग्राम से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि पहले वो जिला स्तर पर इस विवाद को सुलझाएंगे. अगर बात नहीं बनी तो वो कोर्ट में जाकर अपनी बात रखेंगे और इंसाफ की गुहार लगाएंगे.
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