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Land Fraud in Gurugram: जमीन माफियाओं ने फर्जी GPA बनाकर NRI की 40 करोड़ की जमीन बेची, प्लैन क्रैश में मृत मेजर को बनाया गवाह, ASI समेत 5 लोग गिरफ्तार

Land Fraud in Gurugram: गुरुग्राम में जमीन फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है. लैंड माफिया ने फर्जी GPA के आधार पर एक NRI की करीब 40 करोड़ रुपये की 15 कनाल 2 मरला जमीन अपने नाम रजिस्ट्री करा ली और उसके बाद उसे एक बड़ी रियल स्टेट कंपनी को बेच दी. इस मामले में शामिल पुलिसकर्मी समेत 5 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

Land Fraud in Gurugram
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 27, 2023, 11:19 PM IST

गुरुग्राम: साल 2022 में गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को पूर्ण मनचंदना नामक एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी. जिसमे कुछ व्यक्तियों के द्वारा SPR रोड पर गांव बेगमपुर खटोला में शिकायतकर्ता की जमीन के फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकृत कराकर हड़पने का मामला था. गुरुग्राम पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन पंजीकरण कराकर हड़पने वाले आरोपियों के खिलाफ गुरुग्राम के बादशाहपुर थाने में आईपीसी की धारा 120-B, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

पुलिस ने की SIT गठित- इस मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी गठित की. जांच करते हुए सम्बन्धित दस्तावेजों और आरोपियों व GPA के रिकॉर्ड की असली बही व GPA के रिकॉर्ड रजिस्टर की जांच की गई तो GPA के रजिस्टर का वो पेज फटा मिला, जिसमें जमीन की GPA का इन्द्राज किया गया था. गुरुग्राम पुलिस ने तमाम रिकॉर्ड, दस्तावेज, साक्ष्य व जानकारी एकत्रित की. जिसके बाद मुकदमे में संलिप्त मिले आरोपियों में से 4 को गिरफ्तार किया गया. जिनकी पहचान सुभाष चंद्र, टोनी यादव, संजय गोस्वामी और भीम सिंह राठी के रूप में हुई है. इसके अलावा एक पुलिसकर्मी को भी गिरफ्तार किया गया है.

NRI है शिकायतकर्ता- आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी सुभाष चन्द यह जानता था कि इस मामले में शिकायतकर्ता एक NRI है और अधितर वह विदेश में रहता है. इसीलिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर NRI (मुकदमे में शिकायतकर्ता) की जमीन को हड़पने के इरादे से जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराने और उन कागजातों के आधार पर फर्जी तरीके से जमीन पंजीकृत कराने की योजना बनाई. आरोपी सुभाष ने अपने भतीजे टोनी (जो वकील है) को कहा कि यदि इस जमीन के कागजात अपने नाम हो जाएं तो अच्छा मुनाफा हो सकता है. सबसे पहले आरोपी सुभाष चन्द द्वारा जमीन का सजरा, म्यूटेशन व सेल डीड इत्यादि दस्तावेज हासिल की गई.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: NRI भारतीयों से करोड़ों रुपये हड़पने वाले आरोपी गिरफ्तार, अभी तक कर चुके हैं 523 करोड़ का फर्जीवाड़ा

तहसील के कर्मचारी के जरिए किया फर्जीवाड़ी- पुलिस के मुताबिक आरोपी सुभाष चन्द के भतीजे टोनी की दिल्ली के कालका जी तहसील में अच्छी जानकारी थी. टोनी कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड रुम में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत आरोपी संजय से मिला क्योंकि जमीन का जीपीए कालकाजी तहसील में हुआ था. उसने संजय से 5 लाख में सौदा तय किया. संजय ने कहा कि वह इनको वर्ष-1996 की असली बही दे देगा. टोनी ने संजय से कहा कि उस बही में से किसी भी एक GPA का कागज निकालकर उसकी जगह एक फर्जी GPA लगा दे, ताकि इनका उस जमीन पर अधिकार बन सके. अक्तूबर-2021 में संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असली बही दे दी. उसके बाद स्कैनर और सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन्होनें सुभाष चन्द के नाम से एक फर्जी GPA तैयार की और उस फर्जी GPA की कॉपी वर्ष-1996 की असली बही में लगा दी.

हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए मेजर को बनाया गवाह- आरोपियों द्वारा बनाए गए फर्जी GPA में मेजर पी.के. मेहता नामक व्यक्ति को गवाह बनाया गया था, जिनकी वर्ष-2001 में एक हेलीकॉपटर क्रैस में मौत हो चुकी थी. इसमें दूसरा गवाह संदीप नामक एडवोकेट था, जिसके हस्ताक्षर आरोपी टोनी ने किए थे. उसके बाद आरोपियों ने फर्जी GPA को आधार बनाकर शिकायतकर्ता की 15 कनाल 2 मरला जमीन की रजिस्ट्री करा ली.

गुरुग्राम पुलिस के ASI ने ली थी रिश्वत- शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत पर दर्ज मुकदमे की तफ्तीश के दौरान जालजासों को फायदा पहुंचाने के लिए EOW शाखा में तैनात ASI प्रदीप द्वारा भी आरोपियों से रुपए लेने की बात सामने आई. आरोपी ASI प्रदीप के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की सम्बन्धित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

आरोपी भीम सिंह राठी लड़ चुका है विधानसभा का चुनाव- इस मामले में गिरफ्तार आरोपी भीम सिंह राठी गुरुग्राम विधानसभा से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है. यही नहीं आरोपी भाजपा के टिकट पर पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है. आरोपी भीम सिंह राठी पर पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं. आरोपी गुरुग्राम की एक बड़ी कंपनी में ठेकेदारी का काम करता है. इससे पहले भी वो एक मामले में जेल जा चुका है.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: सरकार की अधिग्रहित जमीन प्राइवेट कंपनी को 2 करोड़ में बेची, 2 अधिवक्ताओं सहित 3 गिरफ्तार

गुरुग्राम: साल 2022 में गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को पूर्ण मनचंदना नामक एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी. जिसमे कुछ व्यक्तियों के द्वारा SPR रोड पर गांव बेगमपुर खटोला में शिकायतकर्ता की जमीन के फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकृत कराकर हड़पने का मामला था. गुरुग्राम पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन पंजीकरण कराकर हड़पने वाले आरोपियों के खिलाफ गुरुग्राम के बादशाहपुर थाने में आईपीसी की धारा 120-B, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

पुलिस ने की SIT गठित- इस मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी गठित की. जांच करते हुए सम्बन्धित दस्तावेजों और आरोपियों व GPA के रिकॉर्ड की असली बही व GPA के रिकॉर्ड रजिस्टर की जांच की गई तो GPA के रजिस्टर का वो पेज फटा मिला, जिसमें जमीन की GPA का इन्द्राज किया गया था. गुरुग्राम पुलिस ने तमाम रिकॉर्ड, दस्तावेज, साक्ष्य व जानकारी एकत्रित की. जिसके बाद मुकदमे में संलिप्त मिले आरोपियों में से 4 को गिरफ्तार किया गया. जिनकी पहचान सुभाष चंद्र, टोनी यादव, संजय गोस्वामी और भीम सिंह राठी के रूप में हुई है. इसके अलावा एक पुलिसकर्मी को भी गिरफ्तार किया गया है.

NRI है शिकायतकर्ता- आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी सुभाष चन्द यह जानता था कि इस मामले में शिकायतकर्ता एक NRI है और अधितर वह विदेश में रहता है. इसीलिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर NRI (मुकदमे में शिकायतकर्ता) की जमीन को हड़पने के इरादे से जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराने और उन कागजातों के आधार पर फर्जी तरीके से जमीन पंजीकृत कराने की योजना बनाई. आरोपी सुभाष ने अपने भतीजे टोनी (जो वकील है) को कहा कि यदि इस जमीन के कागजात अपने नाम हो जाएं तो अच्छा मुनाफा हो सकता है. सबसे पहले आरोपी सुभाष चन्द द्वारा जमीन का सजरा, म्यूटेशन व सेल डीड इत्यादि दस्तावेज हासिल की गई.

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तहसील के कर्मचारी के जरिए किया फर्जीवाड़ी- पुलिस के मुताबिक आरोपी सुभाष चन्द के भतीजे टोनी की दिल्ली के कालका जी तहसील में अच्छी जानकारी थी. टोनी कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड रुम में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत आरोपी संजय से मिला क्योंकि जमीन का जीपीए कालकाजी तहसील में हुआ था. उसने संजय से 5 लाख में सौदा तय किया. संजय ने कहा कि वह इनको वर्ष-1996 की असली बही दे देगा. टोनी ने संजय से कहा कि उस बही में से किसी भी एक GPA का कागज निकालकर उसकी जगह एक फर्जी GPA लगा दे, ताकि इनका उस जमीन पर अधिकार बन सके. अक्तूबर-2021 में संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असली बही दे दी. उसके बाद स्कैनर और सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन्होनें सुभाष चन्द के नाम से एक फर्जी GPA तैयार की और उस फर्जी GPA की कॉपी वर्ष-1996 की असली बही में लगा दी.

हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए मेजर को बनाया गवाह- आरोपियों द्वारा बनाए गए फर्जी GPA में मेजर पी.के. मेहता नामक व्यक्ति को गवाह बनाया गया था, जिनकी वर्ष-2001 में एक हेलीकॉपटर क्रैस में मौत हो चुकी थी. इसमें दूसरा गवाह संदीप नामक एडवोकेट था, जिसके हस्ताक्षर आरोपी टोनी ने किए थे. उसके बाद आरोपियों ने फर्जी GPA को आधार बनाकर शिकायतकर्ता की 15 कनाल 2 मरला जमीन की रजिस्ट्री करा ली.

गुरुग्राम पुलिस के ASI ने ली थी रिश्वत- शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत पर दर्ज मुकदमे की तफ्तीश के दौरान जालजासों को फायदा पहुंचाने के लिए EOW शाखा में तैनात ASI प्रदीप द्वारा भी आरोपियों से रुपए लेने की बात सामने आई. आरोपी ASI प्रदीप के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की सम्बन्धित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

आरोपी भीम सिंह राठी लड़ चुका है विधानसभा का चुनाव- इस मामले में गिरफ्तार आरोपी भीम सिंह राठी गुरुग्राम विधानसभा से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है. यही नहीं आरोपी भाजपा के टिकट पर पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है. आरोपी भीम सिंह राठी पर पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं. आरोपी गुरुग्राम की एक बड़ी कंपनी में ठेकेदारी का काम करता है. इससे पहले भी वो एक मामले में जेल जा चुका है.

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