गुरुग्राम: खुले में नमाज करने का विरोध (Open Namaz Dispute Gurugram) लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी बीच हाल ही में मुस्लिम धर्म छोड़ हिंदू धर्म अपनाने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने भी गुरुग्राम में खुले में हो रही नमाज का विरोध (Jitendra Narayan Tyagi on Namaz dispute) किया. मुस्लिम धर्म छोड़ने के बाद वसीम रिजवी अब जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि 'मुस्लिम धर्म नहीं, एक गुट है', इसलिए उन्होंने अब सनातन धर्म को अपनाया है.
इस दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने मुस्लिम समुदाय पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म नहीं एक गुट है जो आतंकवाद फैलाने का काम करता है. जो जगह-जगह मस्जिद बना नमाज पढ़ने के साथ-साथ आतंकवाद फैलाने का भी काम करता है. जितेंद्र ने यहां तक कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी जनसंख्या को बढ़ाने के लिए अनेक शादियां करके अधिक बच्चे पैदा करते हैं. इसके अलावा जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि जब मैंने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर के विवाद में पहली बार यह कहा कि यह हिंदुओं की जगह है और हिंदूओं को दी जाए. उसी समय मुझे न केवल अपने पद से हटा दिया गया, बल्कि मेरे खिलाफ फतवे जारी करने शुरु कर दिए गए थे.
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उन्होंने कहा कि मैंने लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद इस्लाम धर्म के ऊपर एक किताब लिखी. जिसके बाद मैंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस विषय में बहस करने के लिए भी बुलाया, लेकिन उन्होंने बजाय बहस करने के मेरी मौत का फरमान जारी कर दिया. जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि ये हिंदुस्तान की धरती है बाबर की धरती नहीं है. यदि उन्हें नमाज पढ़नी हो तो अपने घरों, वक्फ बोर्ड की जमीन, मस्जिदों में नमाज अदा करें. न कि गैर मुस्लिम इलाके, सरकारी जमीन व सार्वजनिक पार्कों में.
उन्होंने कहा कि खुले में अगर नमाज अदा की जाएगी तो उसका विरोध वह भी करेंगे. साथ ही वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म अपनाने वाले नरसिंहानंद सरस्वती ने भी खुले में नमाज का विरोध किया और कहा कि हिंदू समाज को एकत्रित करके खुले में नमाज पर विरोध जताएंगे. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय का कोई भी प्रतिनिधि नहीं मिला है और अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई. यदि नमाज अदा करनी है तो वक्फ बोर्ड की जमीनों, मस्जिदों या अपने घरों में अदा करें
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