गुरुग्राम: हरियाणा संस्कृत अकादमी ने गुरुग्राम में रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर 'संस्कृति-संस्कृत संगम' कार्यक्रम (sanskriti sanskrit sangam program) का आयोजन किया. संस्कृत विद्वानों के महाकुंभ बने इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से सभी गुरुकुलों, संस्कृत महाविद्यालयों के संचालक और संस्कृत अध्यापक शामिल हुए. इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र रहे.
इस मौके पर अखिल भारतीय विद्वतगोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में अकादमी ने साल 2017 से 2020 के 7 पुस्तक पुरस्कार विजेताओं को भी सम्मान किया. इस मौके पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने संस्कृत संस्थानों को पहली से 12वीं तक मान्यता प्रदान करने की घोषणा की. इसके अलावा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने गुरुकलों को मिलने वाली ग्रांट को 8 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की घोषणा की. गुरुकल अब इस ग्रांट के जरिए कम्प्यूटर और इंग्लिश अध्यापक नियुक्त कर पाएंगे.
शिक्षा बोर्ड के वाइस चैयरमेन वीपी यादव ने बयाया कि गुरुकुलों की मांग रही है कि बोर्ड से उन्हें 6 से 8 तक की मान्यता मिले. अब हरियाणा शिक्षा बोर्ड उन्हें 12वीं तक मान्यता प्रदान करने का काम करेगा. इस मौके पर द्रोणाचार्य महाविद्यालय की टीम ने संस्कृत नाटक 'निहारिका' का मंचन किया. इस नाटक के माध्यम से नारी शक्ति और महता का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में अकादमी की यूजीसी केयर लिस्टेड पत्रिका 'हरिप्रभा' और सरल संस्कृत संदर्शिका का विमोचन भी किया गया.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP