गुरुग्राम: स्पेशल टास्क फोर्स ने चोरी की गाड़ियों का फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में रजिस्ट्रेशन विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं जो काले कारनामे को अंजाम देते थे. आरोपी लग्जरी गाड़ियों की चोरी करते थे और उनका चेसिस नंबर व इंजन नंबर बदलकर उनके फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाकर अन्य राज्यों में बेच देते थे.
गिरोह का मुख्य आरोपी चंडीगढ़ ज्यूडिशियल में है जिसको जल्द ही स्पेशल टास्क फोर्स प्रोडक्शन वारंट पर लेगी. वहीं स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों को 4 दिन की रिमांड पर लिया है. इनके पास से 14 लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई हैं.
3 मई को हुआ फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा
एसटीएफ के डीआईजी ने खुलासा करते हुए बताया कि काफी समय से टीम इस गिरोह की तलाश कर रही थी. 3 मई को दादरी में एक एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें प्रवीण नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया. जिसके पास से चार गाड़ियां बरामद की गई. उसके बाद इस मामले का खुलासा शुरू हो गया.
अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के लोग रजिस्ट्रेशन ऑफिस के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके नंबर प्लेट के लिए अप्लाई करते थे और उनके साथ मिलीभगत करके इन चोरी की गाड़ियों का फेक रजिस्ट्रेशन करा कर अन्य राज्यों में बेच देते थे. इस मामले में सोनीपत एसडीएम ने भी खुलासे किए हैं जिसमें करीब 56 गाड़ियों के बिना डॉक्यूमेंट्स और बिना परमिशन के रजिस्ट्रेशन किए हुए हैं.
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