गुरुग्राम: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आबकारी एवं कराधान और राजस्व विभाग के अधिकारी हरियाणा की आर्थिक उन्नति को गति देने का काम करें. उन्होंने कहा कि अधिकारी सबसे पहले राज्य के बारे में सोचें. बता दें, शनिवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला गुरुग्राम के सेक्टर-18 स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में नवनियुक्त 46 आबकारी एवं कराधान और 19 राजस्व अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे.
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आबकारी एवं कराधान और राजस्व विभाग, दोनों ही विभाग सरकार की रीढ़ माने जाते हैं, क्योंकि ये दोनों विभाग सरकार को राजस्व अर्जित करके देते हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा आज पूरे भारतवर्ष में तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य है.
'35 हजार करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया'
आबकारी एवं कराधान विभाग का जिक्र करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोविड-19 से पहले इस विभाग का चालू वित्त वर्ष के लिए 40 हजार करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया था. कोविड-19 के बावजूद विभाग इस लक्ष्य को प्राप्त करने के नजदीक है. बीती 27 जनवरी तक विभाग ने 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित कर लिया है. अभी लगभग 2 महीने का और समय बचा है जिसमें उन्हें आशा है कि दिया गया लक्ष्य प्राप्त हो जाएग.
उन्होंने विश्वास दिलाया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यालयों में इंटरनेट सुविधा और सिस्टम में बेहतरी की जाएगी. उन्होंने ये भी बताया कि अभी जीएसटी के मॉडल-एक सॉफ्टवेयर पर काम हो रहा है और जल्द ही जीएसटी का मॉडल- दो सॉफ्टवेयर शुरू हो जाएगा. जिस पर नवनियुक्त अधिकारियों को काम करना होगा.
ये भी पढे़ं- IAS जगदीप सिंह के बेटे को मिलेगा HCS खेल कोटे में नियुक्ति पत्र, हाईकोर्ट ने दिए आदेश
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में भी सरकार ने कई नई पहल शुरू की हैं. पूरे प्रदेश में स्वामित्व योजना के अंतर्गत भू-संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग का कार्य किया जा रहा है. इस कार्य की सराहना प्रधानमंत्री ने भी की है और इसे देश के 8 राज्यों में लागू किया है.
उन्होंने कहा कि आम जनता की सुविधा के लिए हमने राजस्व विभाग में कई नए बदलाव किए हैं. उदाहरण के तौर पर भूमि या प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सुविधा शुरू की गई है. अब इस कार्य के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते.
ये भी पढ़े: नगर योजनाकार विभाग ने कैथल में निर्मित अवैध कॉलोनियों पर चलाया पीला पंजा