गुरुग्राम: धार्मिक स्थल वैसे तो आस्था का केंद्र होते हैं, लेकिन बढ़ती आबादी की वजह से इनपर अब कब्जा हो रहा है. हम बात कर रहे हैं साइबर सिटी गुरुग्राम की. जहां सदियों पुराने मंदिर पर डीएलएफ ने कब्जा किया है. वजीराबाद का कृष्ण मंदिर काफी पुराना बताया जाता है, कहा जाता है कि बाबर के समय से ये मंदिर यहां स्थापित है और आसपास के हजारों श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर में बनी हुई है.
1995 में डीएलएफ ने हाई राइज बिल्डिंग गोल्फ कोर्स रोड पर बनानी शुरू की. गुरुग्राम के सबसे पॉश इलाके अरालियास और मंगोलिया के बीच ये मंदिर अड़चन बन गया. आरोप है की डीएलएफ मंदिर कि कुछ जमीन पर कब्जा कर चुका है और बाकी जमीन पर भी कब्जा करने के प्रयास कर रहा है.
मंदिर के महंत की माने तो ये मंदिर करीब 42 बीघे यानी करीब 8 एकड़ में स्थापित है, तकरीबन 1 एकड़ जमीन पर डीएलएफ ने कब्जा कर रखा है. जिसमें एक तरफ तो गोल्फ और झील बना रही रखी है. दूसरी ओर सड़क बना दी गई है. जब महंत ने इसका विरोध किया तो मंदिर प्रशासन की बात को किसी स्तर पर नहीं सुना गया.
समाजसेवी ऋतुराज की माने तो पहले भी कई बार इस मंदिर की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास किए गए हैं. दरअसल ये मंदिर गांव की दान में दी हुई जमीन पर बना हुआ है और इस मंदिर पर कब्जा करने के लिए कई बार फर्जी शख्स के नाम रजिस्ट्री कराने के प्रयास भी किए गए हैं.
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महंत का आरोप है की बिजली के खंभे तक निकाल लिए गए और यहां की बिजली तक काटी गई है और परेशान होकर श्रद्धालुओं की मदद से मंदिर में सोलर पैनल लगवाए गए. जिसकी मदद से आज यहां पर बिजली मिल पा रही है. श्रद्धालुओं की भी माने तो कई बरस से यहां पर वह पूजा पाठ करने आते हैं और वजीराबाद गांव के साथ-साथ बेहद लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर महंत ने चेतावनी दी है कि अगर मंदिर के रास्ते को नहीं खोला जाता तो वह आत्महत्या कर लेंगे.