गुरुग्राम: कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर के तमाम उद्योगों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. इस खतरनाक वायरस ने इंसानी जिंदगी को खतरे में डाल दिया है. कोरोना के चलते पहले लोगों को बचाने के लिए लॉकडाउन लागू हुआ तो कामकाज ठप होने से देश की अर्थव्यवस्था जमीन पर आ गिरी.
कोरोना ने उड़ाई पटाखा व्यापारियों की नींद
बाजार में छाई मंदी से ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस साल के अंत तक कोरोना काल के बादल छट जाएंगे और दीवाली लोगों के लिए खुशियां लेकर आएगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और व्यापार जगत में मायूसी छाई हुई है.
साइबर सिटी गुरुग्राम की बात की जाए तो वहां इस वक्त पटाखा कारोबारियों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है. गुरुग्राम के पटाखा व्यापारियों का कहना है कि हर साल इस समय तक लोग पटाखे खरीदना शुरू कर देते थे, पहले दीवाली फिर शादियों के सीजन की वजह से पटाखों की जमकर बिक्री हुआ करती थी. लेकिन इन दिनों छोटे-बड़े सभी पटाखा व्यापारी हाथ पर हाथ रखे खाली बैठे हैं.
पटाखा व्यापार 80 प्रतिशत तक हुआ कम
पटाखा व्यापारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से मार्केट तकरीबन 80% तक घट गई है, जिस वजह से कारोबारियों को बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है. घटते कारोबार की वजह से रोजगार भी खत्म होता जा रहा है. गुरुग्राम में भी ऐसे कई गोदाम हैं, जहां पर लोगों को रोजगार मिलता था लेकिन कोरोना की वजह से अब कई लोगों की नौकरी जा चुकी है और सिर्फ 6 से 7 लोगों को ही नौकरी पर रखा गया है.
कोरोना की वजह से इस साल दीवाली व्यापार जगत के लिए फीकी ही साबित होगी. रही बात देश की जनता की तो बेरोजगारी का जो हाल है उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार हैप्पी दीवाली शायद उतनी हैप्पी नहीं होगी, जितनी पिछले कुछ सालों तक हुआ करती थी.
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