गुरुग्राम: जिला उपायुक्त ने अरावली में अवैध निर्माण (Aravali Illegal Construction) पर कार्रवाई की कमान डीटीपी गुरुग्राम को सौंपकर ड्रोन सर्वे के आदेश दिए हैं. जिला उपायुक्त ने कहा कि अरावली को लेकर संबंधित विभागों, जिसमें वन विभाग, डीटीपी गुरुग्राम, नगर परिषद सोहना, माइनिंग विभाग की संयुक्त बैठक की जाएगी. इसके बाद अरावली में अवैध फार्म हाउस निर्माणों की पहचान कर नोटिस जारी किया जाएगा.
इसके बाद अरावली में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए जाएंगे. बता दें कि 1990 में सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पर लगातार होती माइनिंग और इमारती निर्माण पर बैन लगा रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैर मुमकिन पर्वत श्रंखला और वन क्षेत्र माना था, लेकिन बावजूद इसके अरावली के इस गैर मुमकिन पहाड़ पर आधिकारिक मिलीभगत के चलते लगातार इमारतों का निर्माण किया जा रहा है. ऐसा ही कुछ फरीदाबाद के खोरी में भी सामने आया. जहां तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी है.
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वन विभाग का दावा है कि करीब 500 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा करके 130 अवैध निर्माण किए गए हैं जो अरावली की जमीन पर बने हैं. इनमें शिक्षण संस्थान, फार्म हाउस, बड़े-बड़े बैंक्वेट हाउस शामिल हैं. इन अवैध निर्माणों में राजनेताओं से लेकर नौकरशाहों और बड़ी-बड़ी हस्तियां की प्रॉपर्टी शामिल है. फरीदाबाद प्रशासन के की तरफ से अब इन फार्म हाउस के मालिकों को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रशासन अब इन सभी अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इससे पहले इनके मालिकों को भी एक हफ्ते का समय दिया है, ताकि वह खुद ही इन निर्माणों को हटा लें.