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गुरुग्राम में वायु प्रदूषण पर सख्त NGT, हरियाणा सरकार पर लगाया 100 करोड़ का जुर्माना

गुरुग्राम में कूड़ा निस्तारण में लापरवाही इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने बरती है लेकिन इसका खामियाजा हरियाणा सरकार को भुगतना पड़ेगा. कूड़ा निस्तारण न होने के कारण हो रहे प्रदूषण के चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा सरकार पर 100 करोड़ का जुर्माना (ngt fine on Haryana government ) ठोका है.

ngt fine on Haryana government
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
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Published : Sep 28, 2022, 7:49 PM IST

गुरुग्रामः पर्यावरण को हुए नुकसान पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National green tribunal) (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना (ngt fine on Haryana government) लगाया है. ये जुर्माना इसलिये लगाया गया है क्योंकि कूड़ा निस्तारण करने वाली इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रही है. जिस कारण कचरे को जलाया जा रहा है और वायु प्रदूषण हो रहा है.

एनजीटी ने चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल को एक महीने के अंदर यह राशि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं. इस राशि को पर्यावरण उत्थान में खर्च करने के लिए 9 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया है. एनजीटी ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड यदि अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर रही है तो एग्रिमेंट की शर्तों के मुताबिक कार्रवाई करके एजेंसी को बदला जाए.

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Haryana Pollution Control Board) की तरफ से 20 सितंबर को रिपोर्ट आई थी. जिसमें कहा है कि अरावली पर्वत श्रृंखला में कूड़ा डाला जा रहा है. एनजीटी ने कमिटी को आदेश जारी किए कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई की जाए. एनजीटी ने पर्यावरण उत्थान के लिए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमिटी का गठन किया है.

इसमें अर्बन लोकल बॉडी और इनवायरमेंट डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी शामिल रहेंगे. कमिटी में गुरुग्राम और फरीदाबाद के डीसी और नगर निगम कमिश्नर, गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डिवेलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारी और सीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शामिल हैं. गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर को कोर्डिनेटर नियुक्त किया है. एनजीटी ने 2 सप्ताह में कमिटी को बैठक करके एक्शन प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं. साथ ही 30 दिसंबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है.

एनजीटी ने कमिटी को आदेश जारी किए हैं कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बंधवाड़ी सॉलिड वेस्ट प्लांट के संचालन को लेकर किए जा रहे कार्यों की जांच की जाए. जांच में देखा जाए कि एग्रिमेंट की शर्तों के मुताबिक कार्य किए जा रहे हैं या नहीं. यदि कंपनी जांच में फेल पाई जाती है तो यह कार्य किसी दूसरी कंपनी को अलॉट किया जाए. इसे इमरजेंसी की तरह लिया जाए और पारदर्शिता बरतते हुए किसी दूसरी कंपनी को कार्य दिया जाए.

एनजीटी ने बंधवाड़ी सोलिड वेस्ट प्लांट गुरुग्राम (Bandhwadi Solid Waste Plant Gurugram) पर कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि आसपास कोई वैकल्पिक जमीन तलाश की जाए. अस्थायी तौर पर उधर कूड़ा एकत्रित किया जाए. यदि प्लांट लगाने की आवश्यकता हो तो इनवायरमेंट क्लीयरेंस के चक्कर में नहीं पड़ें. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नया प्लांट लगाया जाए.

हरियाणा सरकार पर ये कार्रवाई इसलिये हुई है क्योंकि एनजीटी ने कूड़ा निस्तारण के लिये एक जांच कमिटी का गठन किया था. कमिटी ने रिपोर्ट दी कि अरावली पर्वत श्रृंखला में कूड़ा डाला जा रहा है और मौके पर 38 मीटर ऊंचा कचरे का पहाड़ मिला है. जहां 33 लाख मीट्रिक टन कचरा पड़ा है. फरीदाबाद से 900 टन प्रतिदिन और गुरुग्राम से 11 सौ टन प्रतिदिन कचरा यहां पहुंच रहा है.

इस कचरे के निस्तारण के लिये इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 15 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन कचरा निपटान के उपकरण लगाने थे. जिसकी पालना नहीं हुई. एनजीटी ने कहा कि दिसंबर, 2023 तक सारा कचरा ट्रीट करने की बात तो चीफ सेक्रेटरी की तरफ से की गई थी. लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिये प्रयाप्त उपकरण नहीं बढ़ाए गए. जिसके कारण कूड़े के निस्तारण नहीं हुआ. अब हालत ये हैं कि कूड़े को जलाया जा रहा है जिसके कारण वातावरण प्रदूषित हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- मुख्य सचिव ने सड़क हादसों में कमी लाने के दिए निर्देश, यातायात नियमों के लिये 36 करोड़ का बजट किया जारी

गुरुग्रामः पर्यावरण को हुए नुकसान पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National green tribunal) (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना (ngt fine on Haryana government) लगाया है. ये जुर्माना इसलिये लगाया गया है क्योंकि कूड़ा निस्तारण करने वाली इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रही है. जिस कारण कचरे को जलाया जा रहा है और वायु प्रदूषण हो रहा है.

एनजीटी ने चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल को एक महीने के अंदर यह राशि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं. इस राशि को पर्यावरण उत्थान में खर्च करने के लिए 9 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया है. एनजीटी ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड यदि अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर रही है तो एग्रिमेंट की शर्तों के मुताबिक कार्रवाई करके एजेंसी को बदला जाए.

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Haryana Pollution Control Board) की तरफ से 20 सितंबर को रिपोर्ट आई थी. जिसमें कहा है कि अरावली पर्वत श्रृंखला में कूड़ा डाला जा रहा है. एनजीटी ने कमिटी को आदेश जारी किए कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई की जाए. एनजीटी ने पर्यावरण उत्थान के लिए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमिटी का गठन किया है.

इसमें अर्बन लोकल बॉडी और इनवायरमेंट डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी शामिल रहेंगे. कमिटी में गुरुग्राम और फरीदाबाद के डीसी और नगर निगम कमिश्नर, गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डिवेलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारी और सीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शामिल हैं. गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर को कोर्डिनेटर नियुक्त किया है. एनजीटी ने 2 सप्ताह में कमिटी को बैठक करके एक्शन प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं. साथ ही 30 दिसंबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है.

एनजीटी ने कमिटी को आदेश जारी किए हैं कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बंधवाड़ी सॉलिड वेस्ट प्लांट के संचालन को लेकर किए जा रहे कार्यों की जांच की जाए. जांच में देखा जाए कि एग्रिमेंट की शर्तों के मुताबिक कार्य किए जा रहे हैं या नहीं. यदि कंपनी जांच में फेल पाई जाती है तो यह कार्य किसी दूसरी कंपनी को अलॉट किया जाए. इसे इमरजेंसी की तरह लिया जाए और पारदर्शिता बरतते हुए किसी दूसरी कंपनी को कार्य दिया जाए.

एनजीटी ने बंधवाड़ी सोलिड वेस्ट प्लांट गुरुग्राम (Bandhwadi Solid Waste Plant Gurugram) पर कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि आसपास कोई वैकल्पिक जमीन तलाश की जाए. अस्थायी तौर पर उधर कूड़ा एकत्रित किया जाए. यदि प्लांट लगाने की आवश्यकता हो तो इनवायरमेंट क्लीयरेंस के चक्कर में नहीं पड़ें. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नया प्लांट लगाया जाए.

हरियाणा सरकार पर ये कार्रवाई इसलिये हुई है क्योंकि एनजीटी ने कूड़ा निस्तारण के लिये एक जांच कमिटी का गठन किया था. कमिटी ने रिपोर्ट दी कि अरावली पर्वत श्रृंखला में कूड़ा डाला जा रहा है और मौके पर 38 मीटर ऊंचा कचरे का पहाड़ मिला है. जहां 33 लाख मीट्रिक टन कचरा पड़ा है. फरीदाबाद से 900 टन प्रतिदिन और गुरुग्राम से 11 सौ टन प्रतिदिन कचरा यहां पहुंच रहा है.

इस कचरे के निस्तारण के लिये इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 15 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन कचरा निपटान के उपकरण लगाने थे. जिसकी पालना नहीं हुई. एनजीटी ने कहा कि दिसंबर, 2023 तक सारा कचरा ट्रीट करने की बात तो चीफ सेक्रेटरी की तरफ से की गई थी. लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिये प्रयाप्त उपकरण नहीं बढ़ाए गए. जिसके कारण कूड़े के निस्तारण नहीं हुआ. अब हालत ये हैं कि कूड़े को जलाया जा रहा है जिसके कारण वातावरण प्रदूषित हो रहा है.

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