फरीदाबाद: हरियाणा के जिला फरीदाबाद में 7 जुलाई को पुलिस ने 50-50 हजार के दो इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को 13 साल बाद गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को 4 दिन के रिमांड पर लिया था. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने दोनों आरोपियों की करतूत का खुलासा किया है.
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पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियो में हिमांशु उर्फ जंगली, मनोज उर्फ बिल्ला दोनों सगे भाई है. आरोपी मूल रूप से सोनीपत के रहने वाले हैं. आरोपी पिछले 40 साल से बल्लभगढ़ की नत्थू कॉलोनी में रह रहे थे. आरोपियों से पूछताछ के दौरान अपहरण की गई लड़की और उसकी मां को देहरादून के राजपुरा रोड से बरामद किया गया है. बरामद लड़की और उसकी मां को लड़की के पिता विकास और परिजनों के हवाले कर दिया है.
पुलिस ने बताया कि, आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने पहले फर्जी आधार कार्ड बनवाया. फिर फर्जी पासपोर्ट बनवाकर बैंक में खाते खुलवा दिए. जिसमें आरोपियों के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, और एक्सिस बैंक में खाते खुलवाकर डेबिट कार्ड भी बनवाए. आरोपियों ने RIP VISA, SIGNATURE CARD, MASTERCARD, DEBIT VISA CARD और CLUB VISTARA VISA INFINITE CARD बनवाए.
इतना ही नहीं आरोपियों ने अपने आधार कार्ड को गुरुग्राम के कृष्णा कॉलोनी निवासी शौर्य वीर नाम पर और पासपोर्ट को भी शौर्य वीर के नाम पर बनवाया था. जिसकी वैधता 17 जनवरी 2027 तक है. आरोपियों ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय दिल्ली से बनाया है. पासपोर्ट पर फोटो हिमांशु का लगा हुआ है. आरोपी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक खाता और पैन कार्ड तथा डेबिट कार्ड समेत अपने दस्तावेज बनवाए हैं.
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आरोपी मनोज उर्फ बिल्ला के कब्जे से एक इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस मनोज निवासी नत्थू कॉलोनी बल्लभगढ़ अथॉरिटी से बना हुआ है. जिसकी वैधता 30 अगस्त 2027 तक है. आरोपी का आधार कार्ड गुरुग्राम कृष्णा कॉलोनी निवासी रणविजय के नाम पर है. आरोपी के पासपोर्ट पर रणविजय के नाम बना हुआ है. जिस पर फोटो मनोज का लगा हुआ है. जिसकी वैधता 2026 तक है. जो क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय दिल्ली से बना हुआ. पुलिस ने इन सभी दस्तावेजों को बरामद कर लिया है.
आरोपियों के नकली दस्तावेज का खुलासा आरोपियों की स्कूल के सर्टिफिकेट से हुआ है. आरोपी इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए विश्वभर में भ्रमण कर चुके हैं. आरोपी विदेश में बैंगकॉन्ग, दुबई, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया तक भ्रमण कर चुके हैं. जिसके चलते अब जाकर पुलिस ने 13 साल बाद इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि इनके दो और साथी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. फिलहाल पुलिस फिर से इन दोनों आरोपियों से मामले में गंभीरता से पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी. - सूबे सिंह, पुलिस प्रवक्ता