गुरुग्राम: गुरुग्राम जिले में बिना एनओसी के की गई अवैध रजिस्ट्री मामले में सरकार ने एक्शन लेते हुए 7 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को सस्पेंड कर दिया है. गुरुग्राम में आरटीआई से खुलासा हुआ था कि करीब 1200 रजिस्ट्री बिना एनओसी के कि गई थी.
इस पूरे मामले पर पहले ही मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया था कि किसी को भी बख्सा नहीं जाएगा. उसी कड़ी में कार्रवाई की गई है. जिसमें जिला अधिकारियों के स्तर पर और उसके बाद उच्च स्तर पर विश्लेषण के बाद राजस्व विभाग के 1 तहसीलदार, 5 नायब तहसीलदार और 1 रिटायर्ड नायब तहसीलदार को सस्पेंड किया गया है.
'किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा'
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने शुरू से ही इस मामले में सख्त कार्रवाई की वकालत की और इन अधिकारियों के खिलाफ ना सिर्फ रूल 7 के हिसाब से चार्जशीट की जाएगी बल्कि रूल 10 के तहत इन सभी पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी. इसके साथ ही कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी, जिनके फैसलों का फायदा इन अधिकारियों ने उठाया.
किन अधिकारियों को किया गया सस्पेंड?
- सोहना के तहसीलदार बंसी लाल और नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल
- बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण
- वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश
- गुरुग्राम के नायब तहसीलदार देश राज कम्बोज
- मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश
- कादीपुर के नायब तहसीलदार (सेवानिवृत्त) ओम प्रकाश
कार्रवाई से संतुष्ट आरटीआई कार्यकर्ता
आरटीआई कार्यकर्ता की तरफ से इस मामले को उजागर किया गया था और यही नहीं अब वो सरकार के इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं. साथ ही उम्मीद जता रहे हैं कि बाकि के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई हो जो इस तरह की गड़बड़ियों में शामिल हैं.
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