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गुरुग्राम में 360 गांवों की पंचायत ने किया चुनाव बहिष्कार का फैसला, मुआवजे से नाराज

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Published : Oct 13, 2019, 11:31 PM IST

गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा के मानेसर क्षेत्र में 360 गांवों की महपंचायत हुई, जिसके बाद महिलाओं और युवाओं ने इस बार विधानसभा चुनाव में वोट न करने का फैसला लिया है.

360 village decision of election boycott in gurugram

गुरुग्राम: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी पार्टियां पूरी तैयारी के साथ प्रचार में जुट गई हैं. नेता हर रोज प्रदेशभर का दौरा कर लोगों के बीच जा रहे हैं. नेताओं के एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. वहीं गुरुग्राम में महापंचायत हुई, जिसमें लोगों ने मुआवजा राशि मामले में वोट न करने का फैसला लिया है.

महापंचायत कर रोष जाहिर करते लोग
गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा के मानेसर क्षेत्र में 360 गांवों की महपंचायत हुई, जिसके बाद महिलाओं और युवाओं ने इस बार किसी भी उम्मीवार को वोट नहीं करने का फैसला लिया हैं. दरअसल मानेसर आईएमटी बनाने के लिए बासकुशला, बासहरिया, कासन और ढाणा गांव की जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया था. किसानों को मुआवजा भी दिया गया लेकिन किसानों को अधिक दिए जाने पर उनको मुआवजा वापिस करने के लिए नोटिस दिया है.

गुरुग्राम में 360 गांवों की पंचायत, देखें वीडियो

हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश

साल 2002 में इन चार गांवों की 2 हजार एकड़ जमीन को चौटाला सरकार ने आईएमटी बनाने के लिए अधिग्रहण की थी. जिसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 2 लाख 25 हजार रुपये देने का ऐलान किया था लेकिन किसानों से इस मुजावजे की रकम को देकर हाई कोर्ट में केस किया, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से साल 2013 में मुआवजा बढ़ाने का ऐलान किया था. सरकार ने किसानों का मुआवजा बढ़ा दिया था.

ये भी पढ़ें:-पंचकूला में बोले जेपी नड्डा, 'अब अभिनंदन को बालाकोट जाने की जरूरत नहीं है'

किसानों ने बढ़ा ने हुआ मुआवजा उठा लिया था. अब सरकार की तरफ से इस केस को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया, जहां से किसानों से बढ़ा हुआ मुआवजा वापिस देने के आदेश जारी किए गए. जिसके चलते किसानों इस बार विधासभा चुनावों में वोट नहीं देने का फैसला लिया है. चुनावों में वोट नहीं करने से नाराज महिलाओं और युवाओं ने का कहना है कि इस बार किसी भी उम्मीदवार को गांवों में घुसने नहीं देंगे. इसके साथ ही गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है.

गुरुग्राम: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी पार्टियां पूरी तैयारी के साथ प्रचार में जुट गई हैं. नेता हर रोज प्रदेशभर का दौरा कर लोगों के बीच जा रहे हैं. नेताओं के एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. वहीं गुरुग्राम में महापंचायत हुई, जिसमें लोगों ने मुआवजा राशि मामले में वोट न करने का फैसला लिया है.

महापंचायत कर रोष जाहिर करते लोग
गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा के मानेसर क्षेत्र में 360 गांवों की महपंचायत हुई, जिसके बाद महिलाओं और युवाओं ने इस बार किसी भी उम्मीवार को वोट नहीं करने का फैसला लिया हैं. दरअसल मानेसर आईएमटी बनाने के लिए बासकुशला, बासहरिया, कासन और ढाणा गांव की जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया था. किसानों को मुआवजा भी दिया गया लेकिन किसानों को अधिक दिए जाने पर उनको मुआवजा वापिस करने के लिए नोटिस दिया है.

गुरुग्राम में 360 गांवों की पंचायत, देखें वीडियो

हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश

साल 2002 में इन चार गांवों की 2 हजार एकड़ जमीन को चौटाला सरकार ने आईएमटी बनाने के लिए अधिग्रहण की थी. जिसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 2 लाख 25 हजार रुपये देने का ऐलान किया था लेकिन किसानों से इस मुजावजे की रकम को देकर हाई कोर्ट में केस किया, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से साल 2013 में मुआवजा बढ़ाने का ऐलान किया था. सरकार ने किसानों का मुआवजा बढ़ा दिया था.

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किसानों ने बढ़ा ने हुआ मुआवजा उठा लिया था. अब सरकार की तरफ से इस केस को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया, जहां से किसानों से बढ़ा हुआ मुआवजा वापिस देने के आदेश जारी किए गए. जिसके चलते किसानों इस बार विधासभा चुनावों में वोट नहीं देने का फैसला लिया है. चुनावों में वोट नहीं करने से नाराज महिलाओं और युवाओं ने का कहना है कि इस बार किसी भी उम्मीदवार को गांवों में घुसने नहीं देंगे. इसके साथ ही गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है.

Intro:मानेसर के ढाणा गांवों में 360 गांवों की पंचायत 
सर्व जाति सर्व खाप पंचायत के बैनर लते होगी महापंचायत 
जनवरी में सरकार ने ग्रामीणों को दिए रिवकरी के नोटिस
अधिग्रहण ज़मीन का मुआवजा वापिस भरने के खिलाफ हुई महापंचयात
पंचायत के बाद महिलाओ और युवाओ ने वोटों के बहिष्कार का ऐलान 
2002  में किसानों की 2 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन हुई थी अधिग्रहण 
इस बार किसी भी उम्मीदवार और नेता को नही देगे वोट 
गांव में नही घूसने देगे वोट मांगने वाले नेताओ को
चौटाला सरकार , हुड्डा सरकार और अब मनोहर सरकार ने भी किया किसानों के साथ घोखा 
बासकुशला , बासहरिया , कासन और ढाणा गांव की जमीन को किया था सरकार ने अधिग्रहण 

प्रदेश की सबसे बडी विधानसभा क्षेत्र बादशाहपुर विधानसभा के मानेसर एरिया में 360 गांवो की महपंचायत हुई ..जिसके बाद महिलाओ और युवाओ ने इस बार किसी भी उम्मीवार को वोट नही करने का फैसला लिया हैं ..दरसहल मानेसर आईएमटी बनाने के लिए बासकुशला , बासहरिया , कासन और ढाणा गांव की जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया जिसके बाद किसानों से मुआवजा वापिस लेने के आदेश जारी किए गए हैं ...
Body:गुरूग्राम जिले और प्रदेश की सबसे बडी विधानसभा सीट पर चार गांवों की जिनमें बासकुशला , बासहरिया , कासन और ढाणा गांव शामिल हैं ..साल 2002 में इस चार गांवों की 2 हजार एकड जमीन को चौटाला सरकार ने आईएमटी बनाने के लिए अधिग्रहण किया था ..जिसके लिए किसानों को प्रति एकड 2 लाख 25 हजार रूपये देने का ऐलान किया था लेकिन किसानों से इस मुजावजे की रकम को देकर हाई कोर्ट में केस किया जिसके बाद कोर्ट की तरफ से साल 2013 ये मुआवजा बढाने का ऐलान किया था जिसके बाद किसानों बढा हुआ मुआवज उठा लिया था अब सरकार की तरफ से इस केस को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया जहां से किसानों से बढा हुआ मुआवजा वापिस देने के आदेश जारी किए हैं ...जिसके चलते किसानों इस बार विधासभा चुनावों में वोट नही देने का फैसला लिया हैं ..चुनावों में वोट नही करने से नाराज महिलाओ और युवाओ ने कहा की इस बार किसी भी उम्मीदवार को गांवों में ना घूसने केसाथ वोट नही करने का फैसला लिया हैं ..

बाइट - ग्रामीणों

दरसहल 360 सर्व जाति और सर्व खाप पंचायत के बैनर के ये महापंचायत हुई थी और इससे पहले भी पिछले विधानसभा चुनावों में लोगों ने बहिष्कार का फैसला लिया लेकिन नेताओ के भरोसे के बाद ग्रामीणों ने वोट किया था लेकिन इस बार गांव वालों ने साफ कर दिया कि किसी भी शुरूअत में वोट नही करेगे ..अगर साथ महिलाओ ने तो यहां तक भी कहा की जो डिब्बे आयेगे वो खाली ही जायेगे क्योकि अगर सरकार चाहती तो पहले ही उनकों बढा हुआ मुआवजा देते किसानों को कोर्ट तक नही जाना पडता ...इस बार तो ग्रामीण आरपार कि लडाई के मुड में नजर आ रहे हैं ,.....ग्रामिणों की माने उन्होने मुजावजे के पैसे अपने मकान और बच्चो को शादी करने के साथ काम धंधों पर पैसा खर्च कर दिया अब कैसे और कहां से किसान सरकार को पैसा लौटायेगे इसलिए उन्होने वोटों के बहिष्कार का फैसला लिया हैं ..

बाइट - ग्रामीणोंConclusion:ग्रामिणों का कहना हैं कचौटाला सरकार के कार्यकाल में जमीन को अधिग्रहण किया था लेकिन उसके बाद हुड्डा सरकार की दस साल सरकार रही और फिर उसके बाद अब बीजेपी सरकार ने ग्रामीणों के साथ धोखा किया हैं ..इस लिए इस बार वोटों के बहिष्कार का ऐलान किया हैं ..
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