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'डिजिटल इंडिया' का जबरा फैन जलेबी वाला, ऑनलाइन पेमेंट पर ही मिलती हैं जलेबियां - टोहाना का फेमस जलेबी वाला

टोहाना का बबलू जलेबी वाला सिर्फ ऑनलाइन तरीके से ही पेमेंट लेता है. ऐसा करके ना सिर्फ बबलू को छुट्टे पैसे देने के झंझट से छुटकारा मिला है. साथ ही उसे अब पैसे देने के लिए बार-बार गल्ला भी नहीं खोलना पड़ता है.

jalebi sealer of tohana who take only online payment
अब एक क्लिक दूर गरमा गरम जलेबियां
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Published : Dec 26, 2019, 7:56 PM IST

फतेहाबाद: इंडिया ऑनलाइन खरीदारी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. आज ज्यादातर लोग खरीदारी ऑनलाइन पेमेंट देकर करना पसंद करते हैं. इसी की तर्ज पर टोहाना में जलेबी वाला पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को सकार करता नजर आ रहा है.

इंडिया को डिजिटल बनाने में टोहाना के बस स्टैंड रोड पर रेहड़ी लगाकर जलेबी बचने वाला बबलू भी सहयोग कर रहा है. बबलू लगभग 6 महीने से अपनी जलेबी की पेमेंट डिजिटल रूप में ही ले रहा है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

यहां सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट पर मिलती हैं जलेबियां
डिजिटल पेमेंट लेने से बबलू की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है. छुट्टा नहीं होने की वजह से जलेबी नहीं खरीदने वाले लोग भी अब बबूल की रेहड़ी पर आकर ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं. वहीं कैशलैस चलने वाले युवा भी बबलू की जलेबियां ऑनलाइन ही पेमेंट कर खा रहे हैं.

ऑनलाइन पेमेंट से बढ़ी बिक्री
बता दें कि बबलू टोहाना से भगवान वाल्मीकि चौक के बीच में रहेड़ी पर जलेबी बेचने का काम करता है. कुछ महीनों पहले किसी ग्राहक ने उसे ऑनलाइन पेमेंट लेने का सुझाव दिया. जिससे बबलू को छुट्टे पैसे देने के झंझट से छुटकारा मिलेगा. साथ ही बार-बार गल्ला भी नहीं खोलना पड़ेगा. बबूल की माने तो ऑनलाइन पेमेंट लेने के बाद उसकी जलेबियों की बिक्री बढ़कर प्रतिदिन 1500 रुपये से ऊपर हो गई है.

ये भी पढ़िए: अपराध 2019 हरियाणा: इन रक्तरंजित कारनामों ने दहलाया पूरा हरियाणा!

बबलू की जलेबियां खाने वाले और ऑनलाइन पेमेंट करने वाले ग्राहक बताते हैं कि वो यहां इसलिए आते हैं, क्योंकि वो यहां बिना पर्स लिए भी सिर्फ एक क्लिक कर जलेबियां खा रहे हैं. ऑनलाइन पेमेंट से जहां फ्रॉड का खतरा बढ़ रहा है तो वहीं इस बीच बबलू जैसे दुकानदार ऑललाइन पेमेंट के लिए भी लोगों को उत्साहित कर रहे हैं.

फतेहाबाद: इंडिया ऑनलाइन खरीदारी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. आज ज्यादातर लोग खरीदारी ऑनलाइन पेमेंट देकर करना पसंद करते हैं. इसी की तर्ज पर टोहाना में जलेबी वाला पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को सकार करता नजर आ रहा है.

इंडिया को डिजिटल बनाने में टोहाना के बस स्टैंड रोड पर रेहड़ी लगाकर जलेबी बचने वाला बबलू भी सहयोग कर रहा है. बबलू लगभग 6 महीने से अपनी जलेबी की पेमेंट डिजिटल रूप में ही ले रहा है.

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यहां सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट पर मिलती हैं जलेबियां
डिजिटल पेमेंट लेने से बबलू की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है. छुट्टा नहीं होने की वजह से जलेबी नहीं खरीदने वाले लोग भी अब बबूल की रेहड़ी पर आकर ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं. वहीं कैशलैस चलने वाले युवा भी बबलू की जलेबियां ऑनलाइन ही पेमेंट कर खा रहे हैं.

ऑनलाइन पेमेंट से बढ़ी बिक्री
बता दें कि बबलू टोहाना से भगवान वाल्मीकि चौक के बीच में रहेड़ी पर जलेबी बेचने का काम करता है. कुछ महीनों पहले किसी ग्राहक ने उसे ऑनलाइन पेमेंट लेने का सुझाव दिया. जिससे बबलू को छुट्टे पैसे देने के झंझट से छुटकारा मिलेगा. साथ ही बार-बार गल्ला भी नहीं खोलना पड़ेगा. बबूल की माने तो ऑनलाइन पेमेंट लेने के बाद उसकी जलेबियों की बिक्री बढ़कर प्रतिदिन 1500 रुपये से ऊपर हो गई है.

ये भी पढ़िए: अपराध 2019 हरियाणा: इन रक्तरंजित कारनामों ने दहलाया पूरा हरियाणा!

बबलू की जलेबियां खाने वाले और ऑनलाइन पेमेंट करने वाले ग्राहक बताते हैं कि वो यहां इसलिए आते हैं, क्योंकि वो यहां बिना पर्स लिए भी सिर्फ एक क्लिक कर जलेबियां खा रहे हैं. ऑनलाइन पेमेंट से जहां फ्रॉड का खतरा बढ़ रहा है तो वहीं इस बीच बबलू जैसे दुकानदार ऑललाइन पेमेंट के लिए भी लोगों को उत्साहित कर रहे हैं.

Intro:डिजिटल इण्डिया में सहयोग करते हुए टोहाना के बस स्टैण्ड रोड पर रेहडी पर जलेबी बना कर बेचने वाला बबलू बडा सहयोग कर रहा है। बबलू लगभग पिछले छह माह से अपनी जलेबी की पमेण्ट डिजिटल माध्यम से ले रहा है। जिससे उसकी बिक्री में इजाफा हुआ है। डिजिटल पमेण्ट में युवा भी रूची दिखाते है व यहां पर जलेबी खाते हुए उसकी जलेबी की तारिफ भ्भी
करते है। प्रतिदिन 1500 रूपए से ऊपर की राशी उसका व्यापार इसी डिजिटल पेमण्ट के माध्यम से आ रहा है। Body: डिजिटल पमेण्ट जहां बडे पढे-लिखों को परेशानी का कारण लगती है वही टोहाना के बस स्टैण्ड रोड पर रेहडी पर जलेबी बना कर डिजिटल ढग से पमैण्ट लेने वाला बबलू एक उदाहरण है। बबलू टोहाना से भगवान वाल्मीकि चौक के बीच में रहेडी पर जलेबी बना कर बेचने का काम करता है पिछले समय में उसको किसी ने सुझाया कि वो जलेबी की पमेण्ट आम्ॅनलाईन ले जिससे उसे जहां छुटटे पैसे देने के झंझट से छुटकारा मिलेगा वही बार-बार गल्लाख् खोलकर पैसा लेना देना करने से भी राहत मिलेगी। इसके बाद बबलू ने डिजिटल माध्यम से पमेण्ट के तरीकों को अपनाया आज उसके यहां युवाओं की काफी भीड देखी जा सकती है जिसका कारण उसकी जलेबी का लज्जकदार होने के साथ-साथ ऑललाईन पैमण्ट होने की सुविधा भी है।

ऑनलाईन डिजिटल पैमण्ट से बडी दुकानदारी -
बबलू शहजानपुर जलेबी वाले की माने तो इससे उसके गा्रहकों की संखया में ईजाफा हुआ है। आज उसके पास इसकी वजह से प्रतिदिन एक हजार से ऊपर की सेल डिजिटल माध्यम पहले से ज्यादा हो गई है। बबलू शहजानपुर जलेबी वाले ने बताया कि उसने अपनी रेहडी पर यह माध्यम पिछले कुछ माह से ही अपनाया है जिसका उसको लाभ्भ मिल रहा है।
रेहडी पर जलेबी ऑनलाईन पमेण्ट करने वाले युवा गुरचरण ढाबी टेक सिंह बताते है कि वो यहां पर इसलिए आते है क्योकि इससे उन्हें ऑनलाईन पमेण्ट कर जलेबी खाने का मिल रहा है उन्हें खुशी है कि इण्डिया डिजिटल हो रहा है।

ऑन लाईन पमैण्ट के ख्खतरे जहां डराते है ऐसे में एक रहेडी वाली की ऑललाईन दुकानदारी उत्साहित भी करती है। उममीद की जानी चाहिए कि इससे समाज में ऑनलाईन पमेण्ट के प्रति डिजिटल के प्रति रूझान बढेगा। Conclusion:बाईट - बबलू शहजानपुर जलेबी वाला
बाईट - युवा गुरचरण ढाबी टेक सिंह
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