ETV Bharat / state

पंडित जसराज के दिल में बसता था पीली मंदोरी गांव, निधन की खबर सुनकर भावुक हुए ग्रामीण

पीली मंदोरी पंडित जसराज का पैतृक गांव है. ग्रामीण कहते हैं कि ये गांव पंडित जसराज के दिल में बसता था. ग्रामीणों का कहना है कि यहां एक भी ग्रामीण उनके एहसानों को कभी नहीं भूलेगा.

fatehabad pili mandauri villagers get emotional after hearing the news of the demise pandit jasraj
पंडित जसराज के दिल में बसता था पीली मंदोरी गांव
author img

By

Published : Aug 18, 2020, 10:32 PM IST

फतेहाबाद: पंड‍ित जसराज का जाना सुरों की दुनिया से एक सितारे के टूटने जैसा है. उन्होंने सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में शास्त्रीय संगीत की परंपरा को पहुंचाने का काम किया. पंडित जसराज मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले थे. उनके चले जाने से उनके पैतृक गांव पीली मंदोरी में मातम पसरा है.

बता दें कि पीली मंदोरी पंडित जसराज का पैतृक गांव है. इसी गांव में पंडित जसराज का जन्म हुआ था, जिसके बाद वो हैदराबाद चले गए और हैदराबाद से कोलकाता गए. उन्होंने अपने बड़े भाई से संगीत सीखा. इसके बाद पंडित जसराज सुरों के रसराज बने.

पंडित जसराज के दिल में बसता था पीली मंदोरी गांव, देखिए वीडियो

'पं. जसराज के दिल में बसा था ये गांव'

गांव पीली मंदोरी के ग्रामीणों को भरोसा ही नहीं हो रहा है कि वो अब नहीं रहे. पंडित जसराज के साथी गांव के पूर्व सरपंच राममूर्ति बागड़िया ने बताया कि पंडित जसराज से कुछ महीने पहले उनकी कई बार बात हुई है. जब भी पंडित जसराज गांव में आते थे तो उन्हें मिले बिना नहीं जाते थे. 5 वर्ष पहले भी पंडित जसराज गांव में आए और गांव में ही उनका जन्मदिन मनाया गया था. गांव के स्कूल में बच्चों को 86 किलो बूंदी भी बांटी गई थी. राममूर्ति ने बताया कि ये गांव पंडित जसराज के दिल में बसता था. जिस समय पंडित जसराज की शादी हुई उस समय गांव से पांच लोगों को न्योता भेजा गया था और गांव के लोग उस शादी में शामिल भी हुए थे.

'उनका इस गांव पर बहुत एहसान है'

वहीं ग्रामीण शिव कुमार की आंखें नम थी. उन्होंने दुखी स्वर में कहा कि पंडित जसराज के गांव पर कई अहसान है, आज गांव वाले उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे है और दुख में है. पंडित जसराज का जाना पूरे देश के लिए एक क्षति है, उन्होंने पूरी दुनिया में गांव का नाम रोशन किया था.

सोमवार को अमेरिका में हुआ निधन

बता दें कि पंडित जसराज का सोमवार को 90 वर्ष की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया था. अब उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से अमेरिका से मुंबई लाया जाएगा. विमान मंगलवार दोपहर को अमेरिका के न्यूजर्सी से रवाना होगा, जो बुधवार दोपहर तक मुंबई पहुंचेगा.

पंडित जसराज की पत्नी मधुरा पंडित जसराज, बेटे शारंगदेव, बेटी दुर्गा जसराज सहित पूरा परिवार मुंबई में है. अमेरिका में रहने वाली पंडित जसराज की शिष्य मंडली विशेष विमान से ही मुंबई पहुंचेगी. अंतिम संस्कार बुधवार शाम या गुरुवार को होने की संभावना है.

ये पढ़ें- पंडित जसराज को पसंद था हरियाणवी चूरमा और हलवा, फतेहाबाद में आज भी है पैदाइशी घर

फतेहाबाद: पंड‍ित जसराज का जाना सुरों की दुनिया से एक सितारे के टूटने जैसा है. उन्होंने सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में शास्त्रीय संगीत की परंपरा को पहुंचाने का काम किया. पंडित जसराज मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले थे. उनके चले जाने से उनके पैतृक गांव पीली मंदोरी में मातम पसरा है.

बता दें कि पीली मंदोरी पंडित जसराज का पैतृक गांव है. इसी गांव में पंडित जसराज का जन्म हुआ था, जिसके बाद वो हैदराबाद चले गए और हैदराबाद से कोलकाता गए. उन्होंने अपने बड़े भाई से संगीत सीखा. इसके बाद पंडित जसराज सुरों के रसराज बने.

पंडित जसराज के दिल में बसता था पीली मंदोरी गांव, देखिए वीडियो

'पं. जसराज के दिल में बसा था ये गांव'

गांव पीली मंदोरी के ग्रामीणों को भरोसा ही नहीं हो रहा है कि वो अब नहीं रहे. पंडित जसराज के साथी गांव के पूर्व सरपंच राममूर्ति बागड़िया ने बताया कि पंडित जसराज से कुछ महीने पहले उनकी कई बार बात हुई है. जब भी पंडित जसराज गांव में आते थे तो उन्हें मिले बिना नहीं जाते थे. 5 वर्ष पहले भी पंडित जसराज गांव में आए और गांव में ही उनका जन्मदिन मनाया गया था. गांव के स्कूल में बच्चों को 86 किलो बूंदी भी बांटी गई थी. राममूर्ति ने बताया कि ये गांव पंडित जसराज के दिल में बसता था. जिस समय पंडित जसराज की शादी हुई उस समय गांव से पांच लोगों को न्योता भेजा गया था और गांव के लोग उस शादी में शामिल भी हुए थे.

'उनका इस गांव पर बहुत एहसान है'

वहीं ग्रामीण शिव कुमार की आंखें नम थी. उन्होंने दुखी स्वर में कहा कि पंडित जसराज के गांव पर कई अहसान है, आज गांव वाले उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे है और दुख में है. पंडित जसराज का जाना पूरे देश के लिए एक क्षति है, उन्होंने पूरी दुनिया में गांव का नाम रोशन किया था.

सोमवार को अमेरिका में हुआ निधन

बता दें कि पंडित जसराज का सोमवार को 90 वर्ष की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया था. अब उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से अमेरिका से मुंबई लाया जाएगा. विमान मंगलवार दोपहर को अमेरिका के न्यूजर्सी से रवाना होगा, जो बुधवार दोपहर तक मुंबई पहुंचेगा.

पंडित जसराज की पत्नी मधुरा पंडित जसराज, बेटे शारंगदेव, बेटी दुर्गा जसराज सहित पूरा परिवार मुंबई में है. अमेरिका में रहने वाली पंडित जसराज की शिष्य मंडली विशेष विमान से ही मुंबई पहुंचेगी. अंतिम संस्कार बुधवार शाम या गुरुवार को होने की संभावना है.

ये पढ़ें- पंडित जसराज को पसंद था हरियाणवी चूरमा और हलवा, फतेहाबाद में आज भी है पैदाइशी घर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.